Home Delhi मन की बात में बोले पीएम, युवाओं में बढ़ा खादी का क्रेज

मन की बात में बोले पीएम, युवाओं में बढ़ा खादी का क्रेज

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मन की बात में बोले पीएम, युवाओं में बढ़ा खादी का क्रेज
Prime Minister addresses the nation in the 16th edition of mann ki baat
Prime Minister addresses the nation in the 16th edition of mann ki baat
Prime Minister addresses the nation in the 16th edition of mann ki baat

नई दिल्ली। साल 2016 में पहली बार और पीएम के रूप में 16वीं बार नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी पर रविवार को सुबह 11 बजे ‘मन की बात’ की।

कार्यक्रम के 16वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की खादी का आज के युवाओं में जबरदस्त क्रेज हो गया है। इतना ही नहीं, खादी में करोड़ो लोगों को रोजगार देने की भी ताकत है। वह हर महीने के आखिरी रविवार को इस कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित करते हैं।

उन्होंने कहा कि स्टार्टअप योजना अनगिनत अवसरों को लेकर आई है और इसने नौजवानों में नई ऊर्जा का संचार किया है। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को केंद्र सरकार का तोहफा है। उन्होंने इस योजना की जानकारी हर किसान तक पहुंचाने के लिए लोग सहयोग करने का भी आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब एक साथ चलें, हम सब एक स्वर में बोलें और हमारे मन एक हों, यही राष्ट्र की सच्ची ताकत है। मोदी ने देशवासियों से कहा कि वह अपने कपड़ों में एक जोड़ी खादी का कपड़ा जरूर रखें, इससे खादी को बढ़ावा मिलेगा।

महात्मा गांधी भी टेक्नोलॉजी के अपग्रेडेशन के लिए तैयार थे। रेलवे समेत सरकार के कई मंत्रालयों ने खादी को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये हैं। यही कारण है कि आजकल युवाओं में भी खादी का क्रेज काफी बढ़ गया है। खादी में करोड़ों लोगों को रोजगार देने की ताकत है।

प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि हिंदुस्तान की अंहिसा और आजादी खादी में है। पीएम मोदी ने कहा कि साल 2016 में पहली मन की बात है। नई बात बताने की इच्छा होती है। पीएम मोदी ने पहला ‘मन की बात’ कार्यक्रम 3 अक्टूबर 2014 को किया था।

प्रधानमंत्री ने इससे पहले साल 2015 के अपने आखिरी ‘मन की बात’ में विकलांगों को नया नाम दिया था। मोदी ने कहा था कि परमात्मा ने जिसके शरीर में कुछ कमी दी होती है हम उसे विकलांग कहते हैं। मोदी ने ऐसे लोगों के लिए विकलांग की जगह दिव्यांग शब्द इस्तेमाल करने की वकालत की थी।

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