Home UP Allahabad प्रियंका गांधी को सौंपी गई प्रदेश कांग्रेस प्रचार की कमान..!

प्रियंका गांधी को सौंपी गई प्रदेश कांग्रेस प्रचार की कमान..!

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प्रियंका गांधी को सौंपी गई प्रदेश कांग्रेस प्रचार की कमान..!
Priyanka Gandhi the part's chief campaigner for uttar pradesh poll
Priyanka Gandhi the part's chief campaigner for uttar pradesh poll
Priyanka Gandhi the part’s chief campaigner for uttar pradesh poll

इलाहाबाद। इलाहाबाद जिले से पहली बार कांग्रेसी नेता हसीब अहमद और श्रीश चन्द्र दुबे द्वारा प्रियंका गांधी को कांग्रेस की मुख्य धारा में लाने की मांग उठाई गई थी, मगर पार्टी हाईकमान ने दोनों नेताओं की मांग को खारिज कर दिया था।

वहीं इलाहाबाद से उठी प्रियंका गांधी की मांग को प्रदेश के अन्य जिलों से भी कार्यकर्ताओं ने प्रियंका की मांग तेज कर दी। जिससे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की सफलता के लिए करीब 200 सभाओं को संबोधित करने के लिए स्वीकृति दे दी है।

उक्त जानकारी श्रीश चन्द्र दुबे व हसीब अहमद ने देते हुए बताया है कि भारी मांग पर प्रियंका गांधी राज्य में पार्टी के प्रचार में पूरे दमखम के साथ उतरने के लिए तैयार हो गई हैं।

यूपी के पार्टी प्रभारी और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अध्यक्ष सोनिया गांधी से विस्तृत चर्चा के बाद प्रियंका गांधी से मिलकर राज्य में चुनाव की रणनीति पर बात की है। प्रचार अभियान के दौरान कई सभाओं में प्रियंका और राहुल एक साथ रहेंगे।

जबकि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी कुछ चुनिंदा इलाकों में सभाओं को संबोधित करेंगी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार लगभग 400 विधानसभा सीटों के हिसाब से हर दो सीट पर प्रियंका की एक सभा की योजना बन रही है। यह कार्यक्रम यूपी के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श के आधार पर बन रहा है।

चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा द्वारा रॉबर्ट वाड्रा को निशाना बनाए जाने के मुद्दे पर प्रदेश नेताओं का कहना है कि इस साजिश से प्रियंका पर कोई असर नहीं हो सकता है, यूपी में मायावती और मुलायम परिवार पर तो सीधे कई गंभीर आरोप रहे हैं।

बिहार में तो लालू यादव पर स्वयं आरोप थे लेकिन उनकी पार्टी को चुनावों में भारी सफलता मिली है। कांग्रेस पार्टी यूपी को 1980 के लोकसभा चुनाव की तरह लड़ना चाहती है। भाजपा के सांप्रदायिक और जातीय फार्मूलों से निपटने के लिए भी पार्टी तैयारी कर रही है।

सूत्रों के अनुसार प्रशांत किशोर से कागजी रिपोर्ट लेने के अलावा अधिक महत्व नहीं दिया जाएगा क्योंकि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी किशोर के काम और रवैये पर नाराजगी ज्यादा है।