Home Headlines जूते खरीदने के नहीं थे पैसे, इसलिए कबड्डी में आया : बाजीराव होड़गे

जूते खरीदने के नहीं थे पैसे, इसलिए कबड्डी में आया : बाजीराव होड़गे

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जूते खरीदने के नहीं थे पैसे, इसलिए कबड्डी में आया : बाजीराव होड़गे
Pro Kabaddi League 2017 : dabang delhi player Bajirao hegde
Pro Kabaddi League 2017 : dabang delhi player Bajirao hegde
Pro Kabaddi League 2017 : dabang delhi player Bajirao hegde

नई दिल्ली। वीवो प्रो-कबड्डी लीग सीजन-5 के महंगे खिलाड़ियों में से एक दबंग दिल्ली का प्रतिनिधत्व कर रहे अनुभवी डिफेंडर बाजीराव होड़गे का कहना है कि एक समय उनके पास जूते खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं था और इसी वजह से वह कबड्डी में आए क्योंकि इस खेल को संसाधनों की कमी के बावजूद खेला जा सकता है।

सीजन-5 में 44.5 लाख की राशि पाने वाले बाजीराव ने कहा कि वह इस पैसे से अपने परिवार के लिए घर खरीदेंगे। मुंबई के लोवल परेल के रहने वाले बाजीराव को दिल्ली ने इस सीजन में अपने साथ जोड़ा है। जब उनसे इस रकम के इस्तेमाल के लिए पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मैं इन पैसों से अपने परिवार के लिए अच्छा घर खरीदूंगा।

बाजीराव पहले एथलेटिक्स में हिस्सा लेते थे, लेकिन इस खेल से लिए जिस तरह के जूतों की जरूरत होती है, उनको खरीदने के लिए उनके पास जरूरी रकम नहीं थी। इसी कमी के कारण उन्होंने कबड्डी का रुख किया जिसमें उनके बड़े भाई उनकी प्रेरणा बने।

पिछले सीजन में पटना पाइरेट्स के लिए खेलने वाले बाजीराव से जब एथलेटिक्स से कबड्डी में आने का कारण पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मैं पहले एथलेटिक्स में था और मेरा प्रदर्शन भी अच्छा था, लेकिन मेरे पास जूते नहीं थे। इस कारण मैंने कबड्डी का रुख किया, क्योंकि यह एक ऐसा खेल है, जिसे कोई भी आम इंसान संसाधनों की कमी के बावजूद भी खेल सकता है।

बाजीराव पहले मुंबई पुलिस में कार्यरत थे। इसके बाद उन्हें महाराष्ट्र पुलिस में शामिल किया गया। उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस की टीम से कबड्डी में आगे कदम बढ़ाया।

बाजीराव ने बताया कि मैंने महाराष्ट्र पुलिस की ओर से अखिल भारतीय टूर्नामेंट खेला और इसी से मुझे फायदा मिला और मैं कबड्डी लीग में आया। निलेश शिंदे (टीम दबंग दिल्ली के खिलाड़ी) ने मुझे लीग में आने का मौका दिया।

कबड्डी लीग ने बाजीराव के जीवन में बड़ा परिवर्तन किया। इस पहचान के बारे में बताते वक्त खुश बाजीराव ने कहा कि पहले लोग मुझे जानते नहीं थे, लेकिन अब अगर में घर से बाहर निकलता हूं, तो लोगों के चेहरों पर मुझे अपनी पहचान मिल जाती है।

दिल्ली ने अपना पिछला मैच यू-मुंबा के खिलाफ खेला था और केवल एक अंक के अंतर से जीत हासिल की थी। मुंबई को उसी के घर में हराकर दिल्ली ने अब तक लीग में खेले गए आठ मैचों में तीसरी जीत हासिल की।

इस मैच को देखने के लिए मुंबई के स्टेडियम में बाजीराव का परिवार भी मौजूद था। अपने परिवार की मौजूदगी में जीत हासिल करने पर खुश बाजीराव ने कहा कि मेरे इलाके में ही वह मैच था। इस दौरान मेरे परिवार वाले भी आए थे और मेरी टीम को जीतता देख, उन्हें अच्छा लगा। इस मैच में मुझे ‘मैन ऑफ द कैचर’ का पुरस्कार भी मिला।

दिल्ली के लिए अब तक खेले गए सात मैचों में डिफेंडर बाजी ने नौ टैकल अंक हासिल किए हैं। पटना से दिल्ली टीम में शामिल होने पर बाजीराव ने कहा कि पटना से दिल्ली में जाने का कोई मलाल नहीं है। यह अदला-बदली चलती रहती है। हमारे कप्तान मिराज अच्छे हैं और हमारा डिफेंस भी अच्छा है।

बाजीराव ने कहा कि उनका सपना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना है। बकौल बाजीराव, मेरा सपना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करना है। हालांकि, मैं यह जानता हूं कि इतने बड़े नामों के बीच अपनी जगह बना पाने में मुश्किल होगी, लेकिन मैं अपनी कोशिश जारी रखूंगा।

बाजीराव के घर में उनकी मां, दो बड़े भाई और दो भाभी हैं और वह भी जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले हैं।