Home Headlines महाराष्ट्र में राहुल ने किसानों की आत्महत्या पर मोदी सरकार को घेरा

महाराष्ट्र में राहुल ने किसानों की आत्महत्या पर मोदी सरकार को घेरा

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महाराष्ट्र में राहुल ने किसानों की आत्महत्या पर मोदी सरकार को घेरा
Rahul Gandhi: Farmers' suicides rose under BJP rule
Rahul Gandhi: Farmers' suicides rose under BJP rule
Rahul Gandhi: Farmers’ suicides rose under BJP rule

नांदेड़। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में कहा कि देश में जितनी जरूरत उद्योगपतियों की है, उतनी ही जरूरत किसानों की है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार में देश में किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी हैं।

भाजपा पर हमला बोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि बीते तीन सालों में महाराष्ट्र में 9,000 किसानों ने अपनी जान गंवाई है। भारत में हर जगह किसान समस्याओं में धकेले जा रहे हैं। मोदी ने एक व्यक्ति को 65,000 करोड़ रुपए नैनो कारखाना लगाने के लिए दिया, लेकिन किसानों को एक रुपया नहीं दिया।

राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी कांग्रेस के दबाव का नतीजा है, लेकिन कर्जमाफी को अभी भी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है।

महाराष्ट्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 35,000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने का ढिंढोरा पीटा गया है, लेकिन राज्य सरकार ने वास्तव में सिर्फ 5,000 करोड़ रुपए ही वितरित किए हैं, जबकि कांग्रेस के शासन के दौरान किसानों को कर्जमाफी के तौर पर 70,000 करोड़ रुपए दिए गए थे।

महाराष्ट्र के नांदेड़ व परभणी के एक दिवसीय दौरे के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं की सभाओं में उन्होंने कहा कि कर्जमाफी के लिए किसानों की जाति पूछने की क्या जरूरत है..उन्हें लंबी कतारों में क्यों खड़ा किया जा रहा है?

सरकार पर 50 शीर्ष उद्योगपतियों के हित में काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री पर नोटबंदी की विफलता का आरोप लगाया।

नोटबंदी की विफलता के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए राहुल ने कहा कि मोदी ने बीते साल नवंबर में 500 व 1,000 रुपए के नोटों को बंद करके आम लोगों को मुश्किल में डालने का काम किया था। उन्होंने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया और जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी पर पहुंच गई। इसके लिए कौन जवाबदेह है।

राहुल गांधी ने नांदेड़ व परभणी में करीब समान भाषण देते हुए व्यंगात्मक लहजे में पूछा कि इसके पीछे वास्तविक कारण क्या था? शायद उनको पुराने नोटों की डिजाइन पसंद नहीं थी।

राहुल ने कहा कि यह दावा किया गया था कि नोटबंदी के बाद आतंकवाद खत्म हो जाएगा, लेकिन जम्मू एवं कश्मीर में तस्वीर अलग है..नोटबंदी के बाद 99 फीसदी रुपया वापस लौट आया। फिर जो कालाधन आने वाला था, वह कहां है? इसके बजाय देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि देश के सामने प्रमुख मुद्दे किसानों के हितों की रक्षा करना और बेरोजगारों को नौकरियां देना है।

उन्होंने कहा कि सरकार महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के नामों को नहीं चाहती..उन्होंने पाठ्यपुस्तकों से नामों को हटाना शुरू कर दिया है, लेकिन वे एक अरब से ज्यादा लोगों के दिलों में से उनके नाम को कैसे मिटाएंगे।

उन्होंने आश्चर्य जताया कि मोदी ने कहा था कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत दो करोड़ युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी, लेकिन वास्तविकता यह है कि कोई रोजगार के अवसर नहीं पैदा हुए। हर जगह हम ‘मेड इन चाइना’ देख रहे हैं और हमारी प्रतिस्पर्धा चीन के साथ है। तब ‘मेक इन इंडिया’ का क्या उद्देश्य है।

मोदी पर झूठे सपने दिखाने का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री बुलेट ट्रेन देने की बात करते हैं, लेकिन सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के लिए कुछ नहीं कर रही है।

राहुल ने कहा कि कांग्रेस में खामियां हो सकती हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम लोगों को झूठे सपने दिखाएं। पूरे भारत में सांप्रदायिक घृणा फैल रही है..गोवा, मणिपुर व गुजरात में..भाजपा वोट खरीदती है।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस सरकार की नीति थी और इसमें हमारे गरीब देश के लिए 18 फीसदी से ज्यादा जीएसटी की सिफारिश नहीं थी।

उन्होंने कहा कि आज हमारे पास 28 फीसदी तक जीएसटी है और कर के पांच स्लैब हैं। उन्होंने जीएसटी लागू करने के तरीके की भी आलोचना की।