Home Headlines राहुल की ताजपोशी के साथ गिरेगी बुजुर्ग कांग्रेसियों पर गाज

राहुल की ताजपोशी के साथ गिरेगी बुजुर्ग कांग्रेसियों पर गाज

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राहुल की ताजपोशी के साथ गिरेगी बुजुर्ग कांग्रेसियों पर गाज
rahul gandhi may become congress chief at AICC meet in April
rahul gandhi may become congress chief at AICC meet in April
rahul gandhi may become congress chief at AICC meet in April

नई दिल्ली। अगले महीने होने वाली अखिल भारतीय कांग्रेस सम्मेलन में कांग्रेस उपाध्याक्ष राहुल गांधी की ताजपोशी तय मानी जा रही है। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही पार्टी के कई बजुर्ग दिग्गजों का पत्ता साफ होना तय है।

इसकी शुरूआत कांग्रेस के अन्दर प्रारंभ भी हो गई है। यह नये प्रदेशों अध्यक्षों की नियुक्ति और रणदीप सिंह सुरजेवाला को प्रधान प्रवक्ता बनाने से प्रारंभ भी हो गई है।
राहुल गांधी पार्टी की छवि बदलने और युवाओं को बढावा देने की दिशा में कांग्रेस के कई बुजुर्ग नेताओं की ताकत कम कर सकतें हैं। बदलाव के तहत कपिल सिब्बल, पी. चिदम्बरम, मनीष तिवारी, वीरप्पा मोइली, अश्विनी कुमार, वी नारायण स्वामी, संदीप दीक्षित और अंबिका सोनी जैसे नाम छट सकते हैं।
बड़े नेताओं के पर कतरने के साथ ही राहुल के कई करीबी नेताओं का प्रमोशन होना तय है। इनमें सबसे ऊपर पूर्व पर्यावरण मंत्री जय राम रमेश का है। जयराम रमेश भूमि अधिग्रहण अध्योदश पर राहुल की आवाज को बुलंद किए हुए हैं।
मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश पास होने के बाद रमेश ने किसानों के बीच ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल में राहुल के लिए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ जनसभा आयोजित कराई थी। राहुल से मिले निर्देशों के अनुसार रमेश ने दिल्ली के जंतर मंतर पर भी इस अध्यादेश पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था जिसमें टीम राहुल के दिग्विजय सिंह, दीपेन्द्र हुड्डा, ज्योतिरादित्यराजे सिंधिया और अजय माकन जैसे नेता मौजूद रहे।
कांग्रेस में जो बदलाव होंगे उन पर राहुल गांधी की पूरी छाप रहने वाली है। पांच राज्यों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति और जनार्दन द्विवेदी, सलमान खुर्शीद जैसे वरिष्ठ नेता होने के बावजूद भी मीडिया प्रभारी जैसे ‘हत्वपूर्ण पद पर रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे कनिष्ठ नेता को बैठाने में इसकी झलक देखी जा चुकी है।
सूत्रों के अनुसार राहुल पार्टी का नया ढांचा तैयार करने में व्यस्त हैं। राहुल पार्टी पर से संप्रग सरकार की बदनाम और लोकसभा तथा विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव में हुई फजीहत को दूर रखकर पार्टी को एक नया चेहरा देना चाहते हैं। कांग्रेस का अध्यक्ष पद ‘मिलने के बाद उनका फोकस अपने नेताओं को धरना-प्रदर्शन में झोंकना है।
सूत्रों ने कहा कि धरने प्रदर्शनों और रैलियों के मामले में पार्टी या तो यूथ कांग्रेस पर या फिर एनएसयूआई पर निर्भर रहती है। धरनों से बडे नेताओं का नदारद रहना जनता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। राहुल गांधी का काम करने का तरीका अलग है और वे अपनी ही तरह काम करने वाले लोगों को अपने साथ रखने के विचार में हैं। य​दि नेता प्रदर्शनों का हिस्सा नहीं बनते तो उन्हें पद से हटाया भी जा सकता है।
आक्रामक तेवरों में लौंटेगे राहुल
जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी आक्रामक तेवरों में वापसी करेंगे। फिलहाल छुट्टियों पर चल रहे राहुल जल्द ही वापसी करेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल अब लोगों के बीच और सुलभ होंगे। उन्होंने कहा कि हमें राहुल के नेतृत्व की आवश्यकता है। वह कांग्रेस के लिए मोर्चा संभालेंगे। उनके नेतृत्व में कांग्रेस एक बार फिर से वापसी करेगी।

 

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