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राजस्थान : 10वीं, 12वीं और 8वीं बोर्ड की परीक्षाएं अगले माह

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राजस्थान : 10वीं, 12वीं और 8वीं बोर्ड की परीक्षाएं अगले माह
Rajasthan: 10th, 12th and 8th board exams next month
Rajasthan: 10th, 12th and 8th board exams next month
Rajasthan: 10th, 12th and 8th board exams next month

अजमेर। मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि बोर्ड की सैकण्डरी, सीनियर सैकण्डरी और आठवीं बोर्ड की परीक्षाओं के सफल संचालन से समाज की कसौटी पर बोर्ड को एक बार फिर खरा उतरना होगा।

प्रो. देवनानी सोमवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के राजीव गाँधी सभागार में बोर्ड की आगामी माह होने वाली आठवीं, दसवीं और बारहवीं के परीक्षा आयोजन के संबंध में राज्य के प्रारम्भिक और माध्यमिक विभाग के शिक्षा उपनिदेशकों, जिला शिक्षा अधिकारी और सन्दर्भ व्यक्तियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रत्येक केन्द्र को संवेदनशील मानकर चले। परीक्षा की विश्वसनीयता के लिए आवश्यक है कि नियमों में किसी भी स्तर पर शिथिलता और सहानूभूति नहीं बरती जाए। निपुणता के लिए ’सब चलता है‘ कि मनोवृत्ति का त्याग करे।

उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा के लिए निजी विद्यालयों में केन्द्राधीक्षक और अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक राजकीय विद्यालयों से लगाए जाएंगे। बोर्ड परीक्षाओं के सत्रांक ऑनलाइन भेजने में किसी भी प्रकार की कोताही हुई तो संस्था प्रधान और संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही की जाएगी।

सरकार विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी और अपनी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाही बरतने वालों से सख्ती से निपटेगी। प्रो. देवनानी ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए गठित किये जाने वाले उडऩदस्तों में सिफारिशी और शिकायती लोगों को स्थान नहीं दिया जाए।

बोर्ड परीक्षाओं के लिए बनाये जाने वाले उत्तरपुस्तिका संग्रहण केन्द्रों पर दण्डित और खराब रिकॉर्ड वाले कार्मिकों को न लगाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बोर्ड परीक्षाओं को लेकर गंभीर है। इन परीक्षाओं के संचालन के लिए 4,500 पुलिसकर्मी राज्य भर में तैनात किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में होमगार्ड भी परीक्षा केन्द्रों पर तैनात रहेंगे।

बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बीएल चौधरी ने कहा कि राजस्थान बोर्ड, परीक्षाओं की पवित्रता बनाए रखने एवं उनके निष्पक्ष आयोजन के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि बोर्ड की परीक्षाएं किसी भी विद्यार्थी के लिए पहली सार्वजनिक परीक्षा है, इसलिए शिक्षकों का दायित्व है इन परीक्षाओं का आयोजन पूर्णत: पारदर्शी, गुणवत्तायुक्त और निष्पक्ष हो। बोर्ड परीक्षा से मिले प्रमाण-पत्र पर छोटी उम्र के स्कूली विद्यार्थी की भावी जीवन की दिशा तय होती है।

उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं से राज्य के एक करोड़ लोगों की भावनायें और बोर्ड परीक्षाओं से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख लोग जुड़े है। परीक्षा आयोजन की कड़ी में छोटी सी कमी से पूरी परीक्षा व्यवस्था चरमरा सकती है।

उन्होंने कहा कि नवीन व्यवस्था के तहत् इस वर्ष किसी की लापरवाही से कोई प्रश्न-पत्र आउट होने की स्थिति बनती है तो बोर्ड को तत्काल पता चल जाएगा कि यह प्रश्न-पत्र किस परीक्षा केन्द्र का है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों का आह्वान किया है अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग कर बोर्ड परीक्षा के आयोजन को सफल बनाए।

उन्होंने कहा कि बोर्ड प्रयोगात्मक तौर पर इस वर्ष सैकण्डरी परीक्षा के अंग्रेजी विषय की उत्तरपुस्तिकाओं के लिए बार कोडिंग व्यवस्था लागू करने जा रहा है। यदि यह व्यवस्था सफल रहीं तो चरणबद्घ रूप से आगामी वर्षों में परीक्षा व्यवस्था में विस्तार किया जाएगा।

राजकीय व्याख्याताओं को बोर्ड परीक्षा उत्तरपुस्तिकाएं जांचना अनिवार्यः माथुर
बोर्ड के निदेशक-गोपनीय जीके माथुर ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी राजकीय सेवारत् व्याख्याताओं को बोर्ड परीक्षाओं के लिए उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन करना आवश्यक कर दिया है परन्तु अब तक कई व्याख्याताओं ने उत्तरपुस्तिका के लिए अपनी सहमति से बोर्ड को अवगत नहीं कराया है।

उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि अपने नियंत्रणाधीन व्याख्याताओं को बोर्ड परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के लिए तत्काल बोर्ड को सहमति भेजने के लिए निर्देशित करे। बोर्ड कार्यालय में बोर्ड परीक्षाओं के लिए केन्द्रीय कन्ट्रोल रूम 29 फरवरी से कार्य करना प्रारम्भ करेगा। उन्होंने पावर पाईन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से सम्पूर्ण परीक्षा संचालन व्यवस्था की जानकारी दी।

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