Home Entertainment Bollywood रणबीर कपूर ने सुझाया था ‘जब हैरी मेट सेजल’ नाम : इम्तियाज अली

रणबीर कपूर ने सुझाया था ‘जब हैरी मेट सेजल’ नाम : इम्तियाज अली

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रणबीर कपूर ने सुझाया था ‘जब हैरी मेट सेजल’ नाम : इम्तियाज अली
Ranbir Kapoor Suggested Jab Harry Met Sejal Title : Imtiaz Ali
Ranbir Kapoor Suggested Jab Harry Met Sejal Title : Imtiaz Ali
Ranbir Kapoor Suggested Jab Harry Met Sejal Title : Imtiaz Ali

सबगुरु न्यूज। प्रेम कहानियों को करीने से पर्दे पर पेश करने के लिए मशहूर निर्देशक इम्तियाज अली का कहना है कि एक निर्देशक और लेखक के तौर पर वह खुद को दोहराना पसंद नहीं करते।

उनकी नई फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ के नाम को उनकी ही फिल्म ‘जब वी मेट’ से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन इम्तियाज का दोटूक कहना है कि रणबीर कपूर ने फिल्म के लिए यह नाम सुझाया था, जो उन्हें ठीक लगा।

उन्होंने कहा कि हां, हमें फिल्म की कहानी के लिहाज से यह नाम ठीक लगा। दोनों नामों को लेकर मेन-मीख निकालने वालों को इससे बाज आना चाहिए।

इम्तियाज कहते हैं कि उनकी सभी फिल्मों में प्यार का तड़का होता है, लेकिन उन्होंने ‘जब हैरी मेट सेजल’ के जरिए खुद को दोहराया नहीं है। वह बड़े आत्मविश्वास के साथ कहते हैं कि मैंने अब तक सिर्फ छह से सात फिल्में बनाई हैं और ये सभी एक-दूसरे से काफी अलग हैं।

आईएएनएस के यह पूछने पर कि आपकी नई फिल्म का नाम ‘जब वी मेट’ से मिलता-जुलता है, क्या ‘जब वी मेट’ जैसी सफलता दोबारा दोहराना चाहते हैं? जवाब में इम्तियाज कहते हैं कि मैं किसी भी तरह की सफलता दोबारा दोहराना नहीं चाहता। मैं सक्सेस से ज्यादा मस्ती करना चाहता हूं। मैं काम के जरिए मजा करना चाहता हूं और यह मजा तब आएगा, जब आप खुद को रिपीट नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि वास्तव में, रणबीर कपूर ने इस फिल्म का नाम सुझाया था। उस वक्त रणबीर कपूर अनुष्का के साथ करण की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की शूटिंग कर रहे थे और उन्होंने अनुष्का से कहा था कि वह मुझे आकर बताएं कि फिल्म का नाम ‘जब हैरी मेट सेजल’ रखें, लेकिन तब मुझे यह अच्छा नहीं लगा था, क्योंकि मुझे लगता था कि यह ‘जब वी मेट’ जैसा ही है और कहीं मैं एक जबरदस्ती का मेल तो नहीं दिखा रहा। लेकिन नाम फिल्म के लिहाज से उपयुक्त लगा तो रख लिया।

इम्तियाज अली ने आजकल की प्रेम आधारित फिल्मों के बारे में कहा कि आज के समय में प्यार को लेकर नजरिया बदल गया है। यह जरूर है कि पहले की फिल्मों की तरह रोमांस अब नहीं होता, क्योंकि समाज बदल रहा है और उस लिहाज से प्यार को पर्दे पर दिखाने का तरीका भी बदला है।

सेंसर बोर्ड से जुड़े बवाल के बारे में पूछने पर इम्तियाज कहते हैं कि सेंसर बोर्ड को लेकर बहुत कुछ बोला जा रहा है, इसे रोका जाना चाहिए। मीडिया जरूरत से ज्यादा इसे तूल दे रहा है, जिसकी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड को हमारी फिल्म से कोई आपत्ति नहीं थी। उन्होंने फिल्म देखी और बिना किसी कट के फिल्म पास की।

तब ‘इंटरकोर्स’ शब्द को लेकर बवाल क्यों मचा? जवाब में इम्तियाज ने कहा कि अरे वो बात ही अलग है। हमारी फिल्म में ‘इंटरकोर्स’ शब्द को लेकर जो बवाल मचा है, मैं बता दूं कि हमने ‘इंटरकोर्स’ शब्द के साथ फिल्म सेंसर बोर्ड को भेजी ही नहीं थी। इस शब्द वाला हिस्सा सिर्फ हमारे मिनी ट्रेलर में था, हमने कभी इसे फिल्म में डाला ही नहीं।