Home Business रेपो दर स्थिर, रिवर्स रेपो में बढोतरी, बैंकों को ब्याज घटाने की सलाह

रेपो दर स्थिर, रिवर्स रेपो में बढोतरी, बैंकों को ब्याज घटाने की सलाह

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रेपो दर स्थिर, रिवर्स रेपो में बढोतरी, बैंकों को ब्याज घटाने की सलाह
RBI increased reverse repo rate and lowered MSF in policy review
RBI increased reverse repo rate and lowered MSF in policy review
RBI increased reverse repo rate and lowered MSF in policy review

मुंबई। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में उम्मीद के अनुरूप मुख्य नीतिगत दर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, बैंकों से ब्याज दर घटाने के लिए कहा गया है।

इसके अलावा रिवर्स रेपो दर 5.75 प्रतिशत से बढ़ाकर छह प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी दर तथा बैंक दरों को 6.75 प्रतिशत से घटाकर 6.50 प्रतिशत कर दी गई है। हालांकि रेपो दर को 6.25 प्रतिशत और नकद तरलता अनुपात (सीआरआर) चार प्रतिशत पर यथावत है।

आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने मौद्रिक नीति बयान जारी करने के बाद संवाददाताओं को बताया कि नीतिगत दरों के प्रति केंद्रीय बैंक का निरपेक्ष रुख जारी है। पिछली समीक्षा में इसे निरपेक्ष किया गया था।

उन्होंने कहा कि बैंकों के पास अभी भी ब्याज दरें घटाने की गुंजाइश है और उन्हें ग्राहकों को केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में पहले की गई कटौती का लाभ देना चाहिए।

पटेल ने कहा कि 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.4 प्रतिशत रहेगी। सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार 2016-17 में विकास दर 7.1 प्रतिशत रही रहेगी जबकि आरबीआई ने आज जारी समीक्षा में भी इसे 6.7 प्रतिशत पर रखा है।

केंद्रीय बैंक का कहना है कि नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था में नकदी का प्रवाह लौटने से आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी। साथ ही सरकार द्वारा बजट में की गई घोषणाओं से पूंजीगत निवेश, ग्रामीण मांग और सामाजिक एवं भौतिक आधारभूत ढांचों पर व्यय में वृद्धि होगी जिससे अर्थव्यवस्था की विकास दर बढ़ेगी।

महंगाई के बारे में समीक्षा में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई पांच प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा और इसके पाँच प्रतिशत से कम रहने की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में औसत महंगाई दर 4.5 प्रतिशत और दूसरी छमाही में पांच प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

बयान में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूती अधिकतर विकसित देशों में गतिविधियों के बढऩे और कॅमोडिटी निर्यातक उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों में मंदी की स्थिति में सुधार का संकेत है।

घरेलू अर्थव्यवस्था के बारे में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि लगातार दो साल एक प्रतिशत से भी कम की रफ्तार से बढऩे के बाद कृषि की विकास दर 2016-17 में अच्छी रही है। हालांकि, बिजली उत्पादन को छोड़कर अन्य औद्योगिक क्षेत्रों की तेजी मंद पड़ी है।

व्यापार, होटल, परिवहन एवं संचार के साथ वित्तीय, रियल इस्टेट और पेशेवर सेवाओं में मंदी से सेवा क्षेत्र में भी गिरावट देखी गयी। हालाँकि, निजी उपभोग में कमी की कुछ हद तक भरपाई सरकारी व्यय ने कर दी।

महंगाई के बारे में कहा गया है कि पिछले छह महीने में ऐतिहासिक निचले स्तर को छूने के बाद फरवरी में खुदरा महंगाई बढ़कर 3.7 प्रतिशत रही। उसने कहा कि फरवरी में खाने पीने की चीजें सस्ती हुई थीं, लेकिन बेस अफेक्ट के कारण इसकी महंगाई दर अधिक दर्ज की गई। हालांकि, चीनी, फलों, मांस, मछली, दूध और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ी हैं। ऊर्जा समूह की महंगाई दर लगातार बढ़ रही है।

रिजर्व बैंक के सर्वेक्षण में अगले तीन महीने और अगले एक साल में आम लोग महंगाई बढ़ोतरी की अपेक्षा कर रहे हैं। दिसंबर 2016 में समाप्त तिमाही में आम लोगों का महंगाई अनुमान कम हुआ था जो इस साल मार्च में समाप्त तिमाही में बढ़ गया है।

मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें

रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष की ऋण एवं मौद्रिक नीति की पहली द्विमासिक समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं :

रेपो दर 6.25 प्रतिशत पर यथावत
रिवर्स रेपो दर एक चौथाई प्रतिशत बढ़कर 6.00 प्रतिशत पर
सीआरआर 4 प्रतिशत पर स्थिर
बैंक दर में एक चौथाई फीसदी की कटौती, 6.50 प्रतिशत पर
मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी(एमएसएफ) में एक चौथाई फीसदी की कमी, 6.50 प्रतिशत पर
चालू वित्त वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान
वित्त वर्ष 2016-17 में विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान
मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 05 और 06 जून को
मौद्रिक समीक्षा 06 जून को जारी होगी
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में औसत खुदरा महंगाई 4.50 प्रतिशत रहने का अनुमान
दूसरी छमाही में इसके बढ़कर पांच प्रतिशत के आसपास पहुंचने की संभावना

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