Home Entertainment Bollywood राजा मेहंदी अली खान के गीतों से भी झलकती थी तहजीब

राजा मेहंदी अली खान के गीतों से भी झलकती थी तहजीब

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राजा मेहंदी अली खान के गीतों से भी झलकती थी तहजीब
remembering Raja Mehdi Ali Khan on his death anniversary
remembering Raja Mehdi Ali Khan on his death anniversary
remembering Raja Mehdi Ali Khan on his death anniversary

मुंबई। बॉलीवुड में राजा मेहंदी अली खान का नाम एक ऐसे गीतकार के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने प्रेम, विरह और देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत अपने गीतों से लगभग चार दशक तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।

राजा मेहंदी अली खान ने अपने गीतों में आप शब्द का इस्तेमाल बहुत ही खूबसूरती से किया है। इन गीतों मे आप यूं ही हमसे मिलते रहे देखिये एक दिन प्यार हो जाएगा, आपके पहलू में आकर रो दिए, आपकी नजरों ने समझा प्यार के काबिल, आपको राज छुपाने की बुरी आदत है जैसे कई सुपरहिट गीत शामिल हैं।

करमाबाद शहर में एक जमींदार परिवार में पैदा हुए राजा मेहंदी अली खान चालीस के दशक में आकाशवाणी दिल्ली में काम करते थे। आकाशवाणी की नौकरी छोडऩे के बाद वह मुंबई आए और यहां अपने मित्र के प्रयास से उन्हें अशोक कुमार की फिल्म एट डेज में डायलॉग लिखने का काम मिल गया।

वर्ष 1945 में राजा मेहंदी अली खान की मुलाकात फिल्मीस्तान स्टूडियो के मालिक एस.मुखर्जी से हुई। एस.मुखर्जी ने उनसे फिल्म दो भाई के लिए गीत लिखने की पेशकश की। फिल्म दो भाई में अपने रचित गीत मेरा सुंदर सपना बीत गया की कामयाबी के बाद बतौर गीतकार राजा मेहंदी अली खान फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए।

देश के वीरों को श्रद्धाजंलि देने के लिए उन्होंने फिल्म शहीद के लिए वतन की राह में वतन के नौजवान शहीद हों की रचना की। देशभक्ति के जज्बे से परिपूर्ण फिल्म शहीद का यह गीत आज भी श्रोताओं की आंखो को नम कर देता है।

फिल्म इंडस्ट्री में ऊंचे मुकाम पर पहुंचने के बावजूद राजा मेहंदी अली खान को किसी बात का घमंड नहीं था। उन्होंने कभी इस बात की परवाह नहीं की कि वह नये संगीतकार के साथ काम कर रहे हैं या फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज संगीतकार के साथ। उन्होंने वर्ष 1950 में प्रदर्शित फिल्म मदहोश के जरिये अपने संगीत कैरियर की शुरूआत करने वाले मदन मोहन के साथ भी काम करना स्वीकार कर लिया।

फिल्म मदहोश के बाद मदन मोहन, राजा मेहन्दी अली खान के चहेते संगीतकार बन गए। इसके बाद जब कभी राजा मेहंदी अली खान को अपने गीतों के लिए संगीत की जरूरत होती थी तो वह मदन मोहन को ही काम करने का मौका दिया करते थे।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजा मेहंदी अली खान ने कई कविताएं और कहानियां भी लिखीं, जो नियमित रूप से बीसवीं सदी, खिलौना, शमा बानो जैसी पत्रिकाओं में छपा करती थी। अपने गीतों से लगभग चार दशक तक श्रोताओं को भावविभोर करने वाले महान गीतकार राजा मेहंदी अली खान 29 जुलाई 1996 को इस दुनिया से रुखसत हो गए।