Home Entertainment Bollywood अवॉर्ड पाने के लिए दिए थे 30 हजार रुपए : ऋषि कपूर

अवॉर्ड पाने के लिए दिए थे 30 हजार रुपए : ऋषि कपूर

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अवॉर्ड पाने के लिए दिए थे 30 हजार रुपए : ऋषि कपूर
rishi kapoor says paid Rs 30000 to get an award
rishi kapoor says paid Rs 30000 to get an award
rishi kapoor says paid Rs 30000 to get an award

नई दिल्ली। बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता ऋषि कपूर ने कहा कि बतौर मुख्य अभिनेता उनकी पहली फिल्म ‘बॉबी’ में अभिनय के लिए अवार्ड पाने के वास्ते उन्हें 30 हजार रुपए देने पड़े थे।

अपनी आत्मकथा ‘खुल्लम खुल्ला- ऋषि कपूर अनसेन्सर्ड’ के विमोचन के लिए यहां आए ऋषि कपूर ने कहा कि बॉबी की रिलीज के बाद एक शख्स मेरे पास आया और मुझसे बोला कि अगर तुम इतने पैसे दे दो तो मैं तुम्हें अवॉर्ड दिला दूंगा। हालांकि यह धोखा भी हो सकता था, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हो गया।

सत्तर और 80 के दौर में बॉलीवुड के रोमांटिक-चॉकलेटी किरदारों से पहचान बनाने वाले इस अभिनेता ने कहा कि उन्हें पक्के तौर पर यह नहीं पता कि यह अवार्ड उन्हें पैसे देने से ही मिला है, शायद अगर वह पैसे नहीं देते तब भी यह अवार्ड उन्हें ही मिलता। उन्होंने कहा कि मैंने पैसे दिए थे और मुझे अवॉर्ड मिला। इसलिए मैं यही सोचता हूं कि मुझे अवॉर्ड मिला क्योंकि मैंने पैसे दिए थे।

ऋषि कपूर की ऑटोबायोग्राफी का शीर्षक उनकी ही की फिल्म ‘खेल खेल में’ के एक गाने ‘खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगेÓ से लिया गया है, जिसमें उनकी हीरोइन थी नीतू सिंह (अब नीतू कपूर), जो अब उनकी पत्नी भी हैं। इस किताब को उन्होंने मीना अय्यर के साथ मिल कर लिखा है।

यहां किताब के विमोचन के मौके पर ऋषि के साथ नीतू कपूर, बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी, केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और जाने-माने मैनेजमेंट गुरू सुहेल सेठ और कई गण्यमान्य लोग मौजूद थे।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता के कारण उन्हें अपनी पूरे फिल्मी करियर के दौरान काफी संघर्ष करना पड़ा।

ऋषि कपूर ने कहा कि मैंने करियर की शुरुआत बॉबी जैसी रोमांटिक फिल्म से किया था उस से कुछ महीने पहले अमिताभ की ‘जंजीर’ रिलीज हुई और वह एंग्री यंग मैन के तौर पर छा गए। ‘जंजीर’ ने बॉलीवुड की तस्वीर बदल दी। माहौल ऐसा था कि हर कोई एक्शन हीरो हो गया था। दर्शक भी संगीत वाली या रोमांटिक फिल्में नहीं देखना चाहते थे।

उन्होंने कहा, मैं एक्शन में बहुत सहज नहीं था, मुझे ऐसा लगता था कि मैं पानी में फेंक दिया गया हूं और मुझे अपनी जान बचानी थी नहीं तो मैं मर जाता। उसके बाद से मैं पूरी जिंदगी संघर्ष करता र