Home Bihar राजद पार्टी नहीं, लालू की निजी संपत्ति : नीतीश कुमार

राजद पार्टी नहीं, लालू की निजी संपत्ति : नीतीश कुमार

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राजद पार्टी नहीं, लालू की निजी संपत्ति : नीतीश कुमार
RJD a private political party, family political asset: Nitish Kumar
RJD a private political party, family political asset: Nitish Kumar
RJD a private political party, family political asset: Nitish Kumar

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां सोमवार को कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर उनका नजरिया स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि वह पाटीदार के ही नहीं, जाट और मराठा के आरक्षण के भी पक्षधर हैं।

उन्होंने लालू प्रसाद के 10वीं बार राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष चुने जाने पर कहा कि राजद उनकी (लालू) की पार्टी नहीं, बल्कि निजी संपत्ति है। मुख्यमंत्री ने यहां लोक संवाद कार्यक्रम में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि राजद में पिछले साल ही चुनाव हुआ था और इस बार भी हो रहा है। राजद में किस तरह का संविधान है, ये उनका अंदरूनी मामला है। उन्हें मालूम है कि किस तरह मीडिया में जगह बनाई जाती है। वे आजकल मीडिया के पोस्टर ब्वाय बने हुए हैं।

उन्होंने लालू पर निशाना साधते हुए कहा कि उनको विकास से कोई लेना-देना नहीं है। हमलोगों का स्वाभाव नहीं है कि आरोप-प्रत्यारोप में शामिल हों। अगर विकास के मुद्दे पर ‘डिबेट’ करेंगे तो उसमें हम भाग लेंगे।

पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के संबंध में उन्होंने कहा कि वे तो अभी बच्चे हैं, उनका क्या जवाब दें। नीतीश ने गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत का दावा करते हुए कहा कि भाजपा को गुजरात में कोई खतरा नहीं है।

उन्होंने कहा कि जो लोग हार की बात कर रहे हैं, उन्हें भावना भी समझनी चाहिए। मेरी दृढ़ धारणा है कि जिस राज्य का प्रधानमंत्री हो, उस राज्य के लोग प्रधानमंत्री को छोड़कर किसी और के साथ क्यों जाएंगे? भाजपा को गुजरात चुनाव में कोई खतरा नहीं है।

आरक्षण के संबंध में उन्होंने कहा कि मैं आरक्षण का प्रारंभ से समर्थक रहा हूं। आरक्षण के मुद्दे पर हमारा नजरिया स्पष्ट है। मैं जाट और मराठा आरक्षण का भी पक्षधर हूं। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि आज आरक्षण के लिए ऐसे समुदायों को भी क्यों मांग करनी पड़ रही है, यह भी देखना चाहिए।

नीतीश ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भी भारत का अंग बताते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

यह पूछे जाने पर कि क्या देश में एक साथ सभी प्रकार के चुनाव होने चाहिए, उन्होंने कहा कि मैं इससे सहमत हूं। वर्ष 1967 तक तो चुनाव एक साथ ही हो रहे थे। 1967 के बाद ‘मिडटर्म पोल’ से यह स्थिति बदली है। पांच वर्ष के लिए एक साथ चुनाव हो, तो यह बहुत अच्छा रहेगा। इससे पूरे समय काम करने का मौका मिलेगा।

उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि इसके लिए संविधान में कुछ बदलाव करना होगा तथा कई प्रावधान करने होंगे। इसके लिए विमर्श की भी आवश्यकता है। यह तुरंत संभव नहीं है, इसमें वक्त लगेगा।

नीतीश ने एक बार फिर बाल विवाह और दहेज प्रथा विरोध की चर्चा करते हुए कहा कि इसके साथ ही शराबबंदी के लिए भी काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में माहौल बदला है। उन्होंने लोगों से समाजहित में कार्य करने की अपील भी की।