Home Rajasthan Ajmer दान देने की तुलना में आत्मनिर्भर बनाना बड़ा काम है : महंत हनुमानराम

दान देने की तुलना में आत्मनिर्भर बनाना बड़ा काम है : महंत हनुमानराम

0
दान देने की तुलना में आत्मनिर्भर बनाना बड़ा काम है : महंत हनुमानराम
scholarship distribution ceremony of Sindhi community ajmer
scholarship distribution ceremony of Sindhi community ajmer
scholarship distribution ceremony of Sindhi community ajmer

अजमेर। शांतानन्द आश्रम पुष्कर के महंत हनुमानराम ने कहा कि हमारे संत स्वामी हिरदाराम साहेब हमेशा कहते थे कि जीवन में दान देने से ज्यादा किसी को अपने पैरो पर खड़ा करना बड़ा काम है।

रविवार को स्वामी कॉम्पलेक्स में सिंधी समाज महासमिति की ओर से आयोजित स्कॉलरशीप वितरण समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाज के भामाशाहों द्वारा जो स्कॉलरशीप दी गई है उसे ऋण समझें और स्वयं सक्षम हो जाने के बाद समाज की उभरती प्रतिभाओं का सहयोग करके उ़ऋण करने का संकल्प लें।

स्वामी बसंतराम दरबार देहली गेट के स्वामी ओमप्रकाश ने कहा कि बच्चों को अपने माता-पिता से कभी भी यह नहीं कहना चाहिए कि आपने मेरे लिए क्या किया। माता-पिता अपने सामर्थ्य से ज्यादा वह सब देने का प्रयास करते हैं जो उनके बस में होता है। उन्होंने समाज के भामाशाहों को भी इस पुनीत कार्य करने पर आशीर्वाद दिया।

इस अवसर पर जतोई दरबार के ट्रस्टी फतनदास, प्रेम प्रकाश आश्रम के ट्रस्टी दादा नारायण दास, सांई बाबा मंदिर के ट्रस्टी महेश तेजवानी ने भी बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की।

सिंधी सेंट्रल पंचायत महासमिति के महासचिव गिरधर तेजवानी ने बच्चों को अपने लक्ष्य को निर्धारित कर साकारात्मक सोच से आगे बढ़ने के जीवन के छोटे-छोटे टिप्स दिए।

कार्यक्रम का संचालन समिति के महासचिव हरी चन्दनानी ने किया। धन्यवाद संस्था के अध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी ने व्यक्त किया। प्रारम्भ में स्वामी हरदाराम साहेब व इष्ट झूलेलाल की मूर्ति के आगे दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का आगाज किया गया।

कार्यक्रम में स्नातक, स्नातकोत्तर, सीए, एमबीबीएस, इजिंनियरिंग, एमसीए, आईटी, एमएस और राजस्थान व केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कक्षा 10 और 12 में सिंधी समाज के सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले चयनित 112 छात्र छात्राओं को स्कॅालरशिप व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

स्कॉलरशीप प्राप्त करने वालों में शीर्ष 10 में रेश्मा चैलाणी, मनीषा सावलानी, कंचन जेसवानी, दीपा ज्ञानचन्दानी, भावना तिलोकानी, लीना भाटिया, सपना बिनयानी, लताशा बसंतानी, मीना काकानी, निखिल आयलानी रहे।

इनको स्कॉलरशीप के साथ साथ अजमेर के इतिहास पर लिखी पुस्तक अजमेर एट ए ग्लांस एवं सिंधी समाज में पूर्व व वर्तमान में सेवा करने वाले सफल व्यक्तियों के जीवन परिचय के साथ समाज के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले 10 हजार समाज के व्यक्तियों के नाम, पते व टेलिफोन नम्बर की जानकारी वाली पुस्तक सिंधी एट दी रेट ऑफ अजमेर’ भी भेंट की गई।

इस अवसर पर समाज के भामाशाह व समिति के सदस्यों में किशनचन्द हरवानी, प्रेम केवलरमानी, गिरीश प्रियानी, गोपीचन्द गोलानी, तरूण टिक्यानी, ईसर भम्भानी, किशोर मंगलानी, दिलीप भूरानी, गोप मिरानी, प्रकाश मोटवानी, हरीश पेनवाला, भवानी थदानी, कालू बुधवानी, श्रीचन्द साधवानी, नारायण बाघानी, उत्तम गुरबक्षानी, केवल साधवानी, अजीत पमनानी, किशनचन्द लेखराज आदि उपस्थित थे।