Home Rajasthan Barmer सालगांव समेत प्रदेश में वन क्षेत्र में 13 गैरवानिकी योजनाओं को मंजूरी

सालगांव समेत प्रदेश में वन क्षेत्र में 13 गैरवानिकी योजनाओं को मंजूरी

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सालगांव समेत प्रदेश में वन क्षेत्र में 13 गैरवानिकी योजनाओं को मंजूरी
cm vasundhara raje addressing member of state forest board in jaipur
cm vasundhara raje addressing member of state forest board in jaipur
cm vasundhara raje addressing member of state forest board in jaipur

सबगुरु न्यूज-जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य वन मंडल की बैठक में माउण्ट आबू की बहुप्रतिक्षित सालगांव बांध परियोजना समेत प्रदेश के वन क्षेत्र में आने वाले करीब 13 प्रोजेक्टों को मंजूरी दे दी है।

इससे इन परियोजनाओं को पंख लग सकेंगे। माउण्ट आबू का सालगांव बांध परियोजना तीन दशकों से ज्यादा समय से अटकी हुई है। इस योजना को सीईसी की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।

पांच साल पहले इस परियोजना की कॉस्टिंग बढऩे के कारण ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। आपका जिला आपकी सरकार में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सिरोही दौरे के दौरान मिले निर्देशों के बाद माउण्ट आबू के उपखण्ड अधिकारी अरविंद पोसवाल तथा डीएफओ के प्रयासों के बाद इसके व बत्तीसा नाले के लिए एक हजार बीघा भूमि वन विभाग के लिए चिन्हित करने के बाद प्रस्ताव को राज्य सरकार को भेजा था, जिसे गुरुवार को पारित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने राज्य वन्यजीव मण्डल द्वारा प्रदेश में वन एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्रों के आस-पास रह रहे लोगों की भागीदारी के साथ वन एवं वन्यजीव संरक्षण गतिविधियों को गति दी जाए। इससे नागरिकों खासकर युवाओं को शिक्षा एवं रोजगार के अवसर मिलेंगे जिससे वहां का आथिज़्क एवं आधारभूत ढांचा मजबूत होगा।

बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा, विधायक सुशील कटारा, मानसिंह गुर्जर, श्रीमती दीया कुमारी, मुख्य सचिव ओ.पी. मीणा, वन्यजीव मण्डल के सदस्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण एन.सी. गोयल, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अशोक जैन, अतिरिक्त मुख्य वन्यजीव संरक्षक जी.वी. रेड्डी सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

-ईको ट्यूरिज्म को दें बढ़ावा

मुख्यमंत्री राजे ने अपने निवास पर इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान, झालाना अभयारण्य तथा सरिस्का के बफरजोन में स्थित बाला किला में ईको ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे नवाचारों को सराहा। इसे और अधिक सुव्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाड़मेर, जालौर, धौलपुर, हनुमानगढ़ जैसे जिलों में भी ईको ट्यूरिज्म की भरपूर सम्भावनाएं हैं, जिन्हें तलाशकर प्रोजेक्ट मोड पर काम शुरू किया जाए।

-जीपीएस सिस्टम से जुड़ेंगे सफारी वाहन

मुख्यमंत्री ने रणथम्भौर में फुल-डे एवं हाफ-डे सफारी, तत्काल बुकिंग, निकासी पर टिकट एवं आईडी जांच की व्यवस्था तथा गाइड एवं ड्राईवरों के प्रशिक्षण की पहल को सराहा। बैठक में बताया गया कि शीघ्र ही रणथम्भौर सफारी में उपयोग किए जाने वाले वाहनों को जीपीएस सिस्टम से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री एवं वन्यजीव मण्डल के प्रतिनिधियों ने भरतपुर के केवलादेव पक्षी अभयारण्य को कैट फिश के प्रकोप से बचाव के लिये किए जा रहे विशेष प्रयासों की भी सराहना की। इस कार्य को आगे भी लगातार जारी रखने के निर्देश दिए गए।

-पुनर्वास पर मिलेगा अब बेहतर पैकेज

बैठक में बताया गया कि विभिन्न वन क्षेत्रों में रह रहे लोगों के पुनर्वास पैकेज को और बेहतर बनाया जा रहा है, ताकि वे वन क्षेत्रों से बाहर जाकर आत्मनिर्भर होकर जीवनयापन कर सकें। मुख्यमंत्री ने तालछापर अभयारण्य को नागौर के जसवंतगढ़ से जोडऩे के संबंध में प्रस्तुत रिपोर्ट की क्रियान्विति के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि इससे नागौर जिले में भी पर्यटन का नया क्षेत्र तैयार होगा जिससे वहां के लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढेंग़े। उन्होंने डेजर्ट नेशनल पार्क में नागरिकों की समस्याओं को सुलझाने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण के प्रस्ताव पर तुरन्त कार्यवाही के निर्देश दिए।

-ईंधन लकड़ी मुक्त गांव योजना को मंजूरी

बैठक में बाघ परियोजना क्षेत्रों एवं उनके आसपास के गांवों में रह रहे नागरिकों को शत-प्रतिशत सब्सिडी के साथ 40 हजार गैस कनेक्शन देने की योजना ‘ईंधन लकड़ी मुक्त गांव’ को सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई। योजना के अन्तर्गत जब गांव के सभी परिवारों को गैस कनेक्शन मिल जाएगा तो उसे ईंधन लकड़ी मुक्त गांव घोषित कर दिया जाएगा।

-अभयारण्य क्षेत्रों में की गई व्यवस्थाओं से पर्यटक खुश

बैठक में वन्यजीव बोर्ड के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बताया कि रणथम्भौर संिहत अन्य वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए की गई व्यवस्थाओं से पर्यटक काफी खुश हैं और वहां पर्यटन के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हुई है।

मुख्यमंत्री ने इन प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि वन्यजीव संरक्षण और पयज़्टन गतिविधियों में स्थानीय समुदायों एवं युवाओं की भागीदारी प्रभावी रूप से सुनिश्चित की जाए, तभी इन गतिविधियों को और बेहतर बनाया जा सकता है। साथ ही, इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र में आधारभूत विकास संभव होगा। उन्होंने इन कार्यों को शीघ्र प्रभावी तरीके से अंजाम देने के लिए संबंधित विभागों के बीच भी बेहतर तालमेल स्थापित करने के निर्देश दिए।

-अमानीशाह नाले के विकास को मिलेगी गति

वन्यजीव बोर्ड ने बैठक में अमानीशाह नाले के विकास एवं सौंदयज़्करण कार्यों के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। अमानीशाह नाले का करीब 5 किमी बहाव क्षेत्र संरक्षित वन तथा अभयारण्य क्षेत्र में आ रहा था। इस क्षेत्र में विकास कायोज़्ं के लिए वन्यजीव बोडज़् की मंजूरी आवश्यक थी। मंजूरी मिलने से अब इस परियोजना को गति मिलेगी।

-इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

बैठक में प्रतिबंधित क्षेत्र में गैर-वानिकी गतिविधियों के लिए 13 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
– नाहरगढ़ किले में वैक्स स्टेच्यू म्यूजियम के लिए भूमिगत बिजली लाइन।
– सवाई माधोपुर से शिवपुरी तक स्टेट हाइवे-30 का चैड़ाईकरण।
– रणथम्भौर टाइगर रिजवज़् में स्टेट हाइवे-30 के किनारे सवाईमाधोपुर से बोडल तक, कुम्भलगढ़ अभयारण्य के झीलवाड़ा एवं देसूरी ब्लॉक में स्टेट हाइवे के किनारे, रिजवज़् फोरेस्ट ब्लॉक छापली एवं टाडगढ़ रावली में एनएच-8 के किनारे भूमिगत ऑप्टीकल फाइबर केबल बिछाने का कायज़्।
– जयपुर से पानीपत तक नेफ्था के परिवहन के लिए भूमिगत पाइप लाइन का कायज़्।
– जयपुर शहर में अमानीशाह नाले का विकास एवं सौंदयज़्करण कायज़्।
– माउण्ट आबू में जल आपूतिज़् के लिए सालगांव बांध के निमाज़्ण का कायज़्।
– रामगंज मण्डी (कोटा) के मोडक गांव में मंगलम सीमेंट की मौजूदा खानों के विस्तार एवं नये प्लांट का कायज़्।
– केयर्न बाड़मेर से राजस्थान रागेश्वरी टर्मिनल में सेवतालाव (पाली) तक प्राकृतिक गैस पाइप लाइन बिछाने का कायज़्।
– गुढ़ा गांव से वाया आंधी, जमवारामगढ़ होते हुए जयपुर तक स्टेट हाइवे-55 की मरम्मत का कार्य।
– लाडपुरा कोटा के मण्डाना गांव में टीएमटी बार एवं वायर की निर्माण इकाई।
– कोटा से झालावाड़ के बीच दरा-खानपुर सडक़ पर एलीवेटेड पोर्शन का कार्य।