Home Rajasthan Ajmer माली समाज के डॉ.अखिलेश पालरिया ने दिया देश के 30 साहित्यकारों को शब्द निष्ठा सम्मान -2016

माली समाज के डॉ.अखिलेश पालरिया ने दिया देश के 30 साहित्यकारों को शब्द निष्ठा सम्मान -2016

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माली समाज के डॉ.अखिलेश पालरिया ने दिया देश के 30 साहित्यकारों को शब्द निष्ठा सम्मान -2016
shabd nishtha award 2016 ceremony
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अजमेर। आचार्य रत्न लाल पालरिया ‘विद्यानुग’स्मृति अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता-2016 के अन्तर्गत शब्द निष्ठा सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण (पुस्तक-‘आधुनिक हिन्दी साहित्य की चयनित कविताएं ) मान पैलेस में आयोजित किया गया जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों से 30 विजेता कवि-कवयित्रियां प्रतिष्ठित सम्मान हेतु एकत्रित हुए।

सभी साहित्यकारों को एक भव्य समारोह में शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया ।साथ ही कुल ₹55000 की राशि,प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न व लोकार्पित पुस्तक की प्रतियां भेंट कीं।

शब्द निष्ठा सम्मान के संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र,सरवाड़ के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डा.अखिलेश पालरिया ने कहा कि यह सम्मान प्रत्‍येक वर्ष हिन्दी की विभिन्न विधाओं पर राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में विजेताओं को दिया जाता है जिसमें ₹55000 की राशि विजेताओं में समान रूप से वितरित की जाती है।

उन्होंने बताया कि शब्द निष्ठा सम्मान का उद्देश्य हिन्दी भाषा की समृद्धि,हिन्दी में लिखने वालों को प्रोत्साहित करने तथा हिन्दी की विभिन्‍न विधाओं को लोकप्रिय बनाना है।

इस बार एक अन्य पुरस्कार -विशिष्ट साहित्यकार सम्मान,गुलबर्गा (कर्नाटक )की डा.अंबुजा एन मलखेड़कर को हिन्दीतर प्रदेश की होकर भी हिन्दी भाषा को अपनी रचनाधर्मिता के लिए अपनाने हेतु प्रदान किया गया। एतदर्थ उन्हें शाल ओढ़कर सम्मानित किया गया तथा भेंट स्वरूप स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र व ₹2100 दिए गए।

समारोह का आरम्भ पुस्तक-‘आधुनिक हिन्दी साहित्य की चयनित कविताएँ’ के लोकार्पण से हुआ। जयपुर की विख्यात समीक्षक डा.आशा शर्मा ने लोकार्पित पुस्तक की समीक्षा का वाचन किया।

shabd nishtha award 2016 ceremony
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इस अवसर पर देश के विभिन्न भागों से आए मंचासीन अतिथियों ने उद्गार प्रकट किए तथा शब्द निष्ठा सम्मान के भव्य आयोजन हेतु संयोजक डा.अखिलेश पालरिया की भूरि-भूरि प्रशंसा की जो अपने पिता आचार्य रत्न लाल पालरिया की स्मृति में प्रति वर्ष यह आयोजन करते हैं।

इस अवसर पर कुंज बिहारी पालरिया ने भी विचार व्यक्त किए तथा अपने भतीजे डा.अखिलेश की चिकित्सक होने के बावजूद साहित्यिक उपलब्धियों को सराहा।