Home Entertainment Bollywood ‘ऐ दिल है मुश्किल’ विवाद को लेकर शिवसेना ने फडणवीस पर तंज कसा

‘ऐ दिल है मुश्किल’ विवाद को लेकर शिवसेना ने फडणवीस पर तंज कसा

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‘ऐ दिल है मुश्किल’ विवाद को लेकर शिवसेना ने फडणवीस पर तंज कसा
shiv sena takes dig at devendra Fadnavis over ae dil hai mushkil controversy
shiv sena takes dig at devendra Fadnavis over ae dil hai mushkil controversy
shiv sena takes dig at devendra Fadnavis over ae dil hai mushkil controversy

मुंबई। पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान अभिनीत फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज से जुड़े घटनाक्रमों को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि इस फिल्म की रिलीज भयानक और निर्मम है और यह शहीद जवानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।

गौरतलब है कि 22 अक्तूबर को राजनीतिक एवं अन्य संगठनों के दबाव में बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं ने घोषणा की थी कि वे पाकिस्तानी कलाकारों को अपनी फिल्मों में नहीं लेंगे। इससे करण जौहर निर्देशित ‘ऐ दिल है मुश्किल’ के रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया क्योंकि मनसे ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने की अपनी धमकी वापस ले ली।

जौहर ने प्रोड्यूसर्स गिल्ड के अध्यक्ष मुकेश भट्ट के साथ फडणवीस से उनके आवास ‘वर्षा’ पर मुलाकात की थी जहां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना मनसे के प्रमुख राज ठाकरे भी मौजूद थे।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा है कि पर्दे के पीछे काफी कुछ हुआ और इस फिल्म को लेकर सभी विरोध ‘वर्षा’ में चाय-नाश्ते के साथ खत्म हो गया। हम इसमें नहीं जाना चाहते कि कौन जीता और कौन हारा, लेकिन संपूर्ण घटना से हमारे शहीद जवानों का अपमान हुआ है।

भाजपा केन्द्रीय नेता पाकिस्तान को धमका रहे हैं और लक्षित हमलों पर वाहवाही लूट रहे हैं। लेकिन इनमें से एक भी नेता के पास यह कहने का साहस नहीं है कि पाकिस्तानी कलाकारों वाली फिल्मों को रिलीज करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। लक्षित हमलों के बाद पाकिस्तान करीब 25 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है और किसी को इसकी परवाह नहीं है।

सामना के संपादकीय के मुताबिक फडणवीस के पास यह दिखाने का मौका था कि सरकार के पास 56 इंच का सीना है और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की तुलना में उसकी रीढ़ कहीं अधिक मजबूत है।

वर्षा में चाय के सत्र के बाद कइयों के चेहरे से नकाब हट गए। करण जौहर को अपनी फिल्म की रिलीज के बदले सेना कल्याण कोष में पांच करोड़ रुपए डालने को कहा गया था। क्या हमारे जवानों के बलिदान की इतनी ही कीमत है। यह संपूर्ण घटना भयावह, निर्मम है और इसने शहीदों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।