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सिरोही बीजेपी में बढी रार, बीजेपी जिलाध्यक्ष को हटाने की मांग

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सिरोही बीजेपी में बढी रार, बीजेपी जिलाध्यक्ष को हटाने की मांग

सबगुरु न्यूज-सिरोही। पिण्डवाड़ा में भाजपा की पालिकाध्यक्ष खुशबू राजपुरोहित के ख़िलाफ़ भाजपा के ही पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित कर देने से सिरोही में भाजपा के जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी पार्टी के उपेक्षित कर दिए गए कार्यकर्ताओं और पूर्व पदाधिकारियों के निशाने पर आ गए हैं।

इस कड़ी में सबसे पहले आबूरोड नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष अर्जुनसिंह ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को पत्र लिखकर भाजपा जिलाध्यक्ष को हटाने की मांग की है।

पत्र में आरोप लगाया गया कि पिण्डवाड़ा में आया अविश्वास प्रस्ताव भाजपा जिलाध्यक्ष के निजी हित साधने में लगने का परिणाम है। उन्होंने बताया कि इन्होंने अधिकारियों के ट्रान्सफर ध्यान दिया। पार्टी के जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ताओं ने कई बार इन्हें अपनी समस्या बताई, लेकिन इन्होंने उस पर ध्यान नही दिया।

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पिंडवाड़ा की बीजेपी पालिकाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित

इसका परिणाम ये हुआ कि पिण्डवाड़ा की पालिकाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जिलाध्यक्ष की निष्क्रियता, घोर विफलता, पुत्र मोह और अपनों को पदों की रेवड़ियां बांटने के कार्य से जिले में भाजपा कमजोर हुई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पुत्र कांग्रेस के साथ मिलकर जिला परिषद की बैठक का बहिष्कार कर पार्टी की छवि को तार तार कर रहे हैं। बड़े ही गुस्से भारी भाषा में लिखे इस पत्र में सिंह ने आरोप लगाया कि जिलाध्यक्ष सत्ता का दोहन करके सत्ता की चाशनी चाटने में लगे हैं और इन्होंने भाजपा को जिले में पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है।

इधर, भाजपा के पूर्व पदाधिकारी तुलसीराम पुरोहित ने भी सोशल मीडिया पर जिलाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने पिण्डवाड़ा में अविश्वास प्रस्ताव लाकर खुशबू राजपुरोहित को हटाने के घटनाक्रम को जिलाध्यक्ष की पुरोहित समाज के प्रति द्वेष की भावना के रूप में पेश किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिण्डवाड़ा नगर पालिका अध्यक्ष को हटाने से उनकी पुरोहित समाज के प्रति भावना उजागर हो गई है। उन्होंने लिखा कि जिला प्रमुख के पद को लेकर भी पुरोहित समाज से अन्याय किया गया।

पंचायत समिति सदस्य के लिए इंद्रजीत राजगुरु की धर्म पत्नी का टिकिट काटना, पंचायत समिति सदस्य के लिए लक्षमण पुरोहित का टिकिट काटना, जिला परिषद सदस्य के लिए कालन्द्री से अशोक टाइगर का टिकिट काटना, गोविन्द पुरोहित मंडवारिया को पार्टी से निष्कासित करना, गोविंद पुरोहित का पद छिनने के घटनाक्रमों का उदाहरण देते हुए इसके लिए भाजपा जिलाध्यक्ष की भूमिका पुरोहित समाज के प्रति सौहार्दपूर्ण नही होने का आरोप लगाया है।