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सिरोही अस्पताल : 7 डाक्टरों ने ज्वाइन किया, 14 और करेंगे

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सिरोही अस्पताल : 7 डाक्टरों ने ज्वाइन किया, 14 और करेंगे

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सिरोही। डाक्टरों की कमी से जूझ रहे सिरोही के राजकीय अस्पताल में 7 चिकित्सकों ने ज्वाइन कर लिया है बाकी 14 भी जल्द पदभार ग्रहण कर लेंगे। सरकार की ओर से यह जवाब कोर्ट में पेश किया है।

राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नवीन सिन्हा एवं गोविन्द माथुर की खण्डपीठ सिरोही में जिला मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल एवं सिरोही जिले के ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सालयों की बदहाल स्थिति के सम्बन्ध में पूर्व विधायक संयम लोढा द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने इस बार 1 मई 2016 को जारी 21 चिकित्सकों के पदस्थापन का आदेश प्रस्तुत किया और बताया कि इनमें से 7 चिकित्सकों ने सिरोही जिला चिकित्सालय में कार्य ग्रहण कर लिया है। राज्य सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि शेष 14 चिकित्सक भी शीघ्र ही कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह पश्चात रखी गई है।

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में यह कहा गया कि निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) के 1 मई 2016 के 21 चिकित्सकों के पदस्थापन के आदेश की पालना में वरिष्ठ विशेषज्ञ सर्जरी डॉ. प्रेमराज पंवार ने 11 मई को, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. महेश सिंह गौतम ने 9 मई को, चिकित्साधिकारी (एम.एस.ईएनएटी) डॉ. रामावतार दायमा ने 4 मई को, चिकित्साधिकारी डॉ. राशि अग्रवाल 10 मई को, डॉ. रमेशचन्द मीणा ने 12 मई को, डॉ. राजेश खण्डेलवाल ने 13 मई को, डॉ. मंजूदेवी ने 14 मई को सिरोही के जिला चिकित्सालय में कार्यग्रहण कर लिया है।

राज्य सरकार की ओर से न्यायालय में कहा गया कि सिरोही जिले में चिकित्सकों की कमी की समस्या के समाधान के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य सरकार के संयुक्त सचिव एवं सिरोही जिले के जिला कलेक्टर की बैठक के पश्चात 4 अक्टूबर 2014 को आदेश जारी किए गए कि सिरोही जिले में चिकित्सक के किसी भी रिक्त पद पर कोई भी चिकित्सक सेवाएं देने के लिए सीधे आवेदन कर सकता है। जिसे प्रतिमाह 80,000/- एवं 60,000/- मानदेय दिया जाएगा।

इसके तहत रिक्त पद पर चिकित्साधिकारियों की नियुक्त की गई और भविष्य में नीति बनाकर सिरोही जिले में चिकित्सकों की कमी की समस्या का समाधान किया जाएगा। राज्य सरकार ने कहा कि वे सिरोही जिले में चिकित्सको की कमी को लेकर गंभीर है, सतर्क है और सजग है।

न्यायालय में राज्य सरकार ने कहा कि 23 जनवरी 2016 को सिरोही के ट्रोमा सेन्टर का उद्घाटन किया गया था जिसमें चिकित्साधिकारी (अस्थि रोग) 23 जनवरी से सेवा दे रहा हैं। और बुलाने पर एनेस्थीसिया उपलब्ध करवाया जाता है। इस तरह जाहिर है कि राज्य सरकार समस्या समाधान के गंभीर प्रयास कर रही है। लोढा की जनहित याचिका राजनीति से प्रेरित है। अतः इसे खारीज किया जाए।

मामले में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एस.एस. लादरेचा एवं विकास चौधरी तथा लोढा की ओर से अधिवक्ता संदीप शाह ने पैरवी की। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह पश्चात होगी।

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