Home Breaking वेलांगरी लूटः गांव के ही व्यक्ति ने की मुखबिरी और लुटेरों को बुलवाया

वेलांगरी लूटः गांव के ही व्यक्ति ने की मुखबिरी और लुटेरों को बुलवाया

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वेलांगरी लूटः गांव के ही व्यक्ति ने की मुखबिरी और लुटेरों को बुलवाया
conpirator of velangari loot
conpirator of velangari loot

सबगुरु न्यूज-सिरोही। वेलांगरी में 6 जून को एक ज्वेलर्स के साथ हुई लूट प्रकरण का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। इस लूट में मुखबिरी और लुटेरों को सूचना देने वाले युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। लूट की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को सूरत से लाया जा रहा है। इस मामले में गांव के युवक ने ही ज्वेलर्स की मुखबिरी की और उसे लूटने के लिए लुटेरों को आमंत्रण भी दिया।

पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश ने रविवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि वेलांगरी लूट प्रकरण में पुलिस ने इस घटना की रचना करने वाले कृष्णगंज निवासी कानाराम पुत्र खंगाराराम रेबारी तथा वेलांगरी निवासी प्रभाराम पुत्र वागाराम रेबारी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कानाराम पीडित ज्वेलर्स छगनलाल घांची को पहले से ही जानता था।

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इस लूट की साजिश उसी ने बनाई थी। प्राभाराम छगनलाल घांची की दुकान पर अक्सर आया-जाया करता था। उसके दिमाग में उसे लूटने का विचार आया। प्रभाराम की कालन्द्री में दुकान भी है।  उसने अपने मनसूबों से अपने पडोसी दुकानदार कृष्णगंज निवासी रामराम पुत्र अमराराम रेबारी को अवगत करवाया। दोनों ने इसकी चर्चा कानाराम से की।

छगनलाल घांची की स्थिति और उसकी पूरी जानकारी मिलने के बाद कानाराम ने दरबारी खेडा निवासी भूरा पुत्र रायला गरासिया को छगनलाल की पूरी स्थिति के बारे में बताया। भूरा अपने साथियों मालप निवासी अशोक पुत्र हुंसा गरासिया, मोरस निवासी सोहन पुत्र लालाराम तथा मालेरा निवासी शंकर पुत्र ओगाराम के साथ मिलकर इस लूट की योजना का मूर्त रूप देने के लिए वेलांगरी पहुंच गया।

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लूट से पहले भूरा और कानाराम ने छगनलाल की दो बार रेकी की। पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद 6 जून को लूट को अंजाम देने की योजना बना ली। इस दिन कानाराम अपने एक अन्य साथी कृष्णगंज निवासी गोपाल पुत्र मोटाराम रेबारी के साथ  शाम सात बजे वेलांगरी बस स्टैण्ड पर पहुंच गया। वही भूरा अपने साथियों के साथ करीब साढे सात बजे बोलेरो गाडी में वेलांगरी स्कूल में आ गया।

अब कानाराम भूरा को छगन की लोकेशन के बारे में अवगत करवाता रहा है। भूरा अपने साथियों के साथ कानाराम से मिल रही सूचना के अनुसार भूरा ने अपने साथियों के साथ छनलाल को रास्ते में रोककर उसके साथ मारपीट की और उसके पास रखी दस किलो चांदी लूट ली और बोलेरो में सवार होकर ईसरा के रास्ते होते हुए उदयपुर और वहां से सूरत निकल गया।

लूट की सूचना मिलने पर एएसपी सतनामसिंह के निर्देशन में वृत्ताधिकारी देवाराम के नेतृत्व में अनादरा थानाधिकारी भंवरलाल, सरूपगंज थानाधिकारी भगतसिंह, पिण्डवाडा थानाधिकारी दलपतसिंह मंडार थानाधिकारी हमीरसिंह, एएसआई लक्ष्मणसिंह, हेका पदमाराम, कसनाराम का दल गठित किया। इन लोगों ने साइबर शाखा प्रभारी भवानीसिंह से मिल रहे इनपुट के अनुसार इस घटना में लिप्त आरोपियों तक पहुंचे और वारदात को खोल लिया।
-उदयपुर होते हुए सूरत तक पहुंचा पुलिस दल
साइबर इनपुट के अनुसार आरोपियों का रूट लूट के दिन ही इसरा के आसपास आ रहा था, लेकिन लोगों के असहयोग के कारण पुलिस को यह जानकारी नहीं मिल पाई कि आरोपी किस गाडी में है। पुलिस के एक्टिव होने की जानकारी मिलने पर यह लोग नाकाबंदी के बीच ही उदयपुर निकल लिए।

पुलिस दल ने इनका वहां तक पीछा किया। बाद में पुलिस का पता चला कि आरोपी सफेद रंग की rj 22ua 7791 नम्बर की बोलेरो में सवार हैं। उधर आरोपियों को भनक लगी कि पुलिस उनके पीछे है तो वह उदयपुर से सूरत निकल लिए। इस पर उनके पीछे लगा पुलिस दल सूरत निकल गया।

इधर जिला पुलिस अधीक्षक ने गुजरात क्राइम ब्रांच के एडीजी और सूरत के डीसीपी क्राइम को इस लूट और आरोपियों के सूरत में आने की जानकारी देकर उन्हें पकडने में सहयोग मांगा। सूरत पुलिस के सहयोग से सिरोही पुलिस दल ने भूरा और उनके साथियों को सूरत पुलिस की मदद से दस्तियाब कर लिया।
-कई अपराधों को अंजाम दे चुके हैं लुटेरे
वेलांगरी लूट में शामिल भूरा के विरुद्ध 5 आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह आबूरोड थाने का वांछित आरोपी है। अशोक गरासिया के खिलाफ 13 आपराधिक मामले दर्ज है। वह जालोर में वांछित है और पिण्डवाडा का हिस्ट्रीशीटर है। सोहन भी पिण्डवाडा का हिस्टी्रशीटर है, उसके खिलाफ 22 मामले दर्ज हैं। शंकर के विरुद्ध चोरी और लूट के 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
-अब अपराधियों को सुविधा और सूचना देने वालों पर भी कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जिले में किसी भी वारदात में आरोपियों को किसी भी तरह की सुविधा उपलब्ध करवाने वाले लोगों के खिलाफ भी पुलिस सख्त रवैया अपनाएगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों को अपराध को अंजाम देने से पूर्व और उसके बाद किसी व्यक्ति द्वारा रेकी या किसी अन्य तरह के सहयोग की सूचना भी मिली तो ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।