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क्या आप जानते है स्मार्ट फोन के ‘स्मार्ट मैनर्स’!

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क्या आप जानते है स्मार्ट फोन के ‘स्मार्ट मैनर्स’!

स्मार्ट फोन्स आज के डिजिटल युग में सबसे जरुरी है, क्योंकि आज यह फोन सिर्फ मोबाइल ही नहीं बल्कि यह दुनिया की तरफ खुलने वाली खिड़की है। इंटरनेट के बिना हमारा कोई काम पूरा नहीं होता है, इसलिए अब सिर्फ मोबाइल फोन नहीं, स्मार्ट फोन की बात करें। लेकिन ध्यान रखने की जरूरत है कि हाथ में फोन होने के मतलब यह नहीं है कि आप कहीं भी, कैसे भी और किसी भी स्थिति में फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के भी मैनर्स हैं।

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खास तौर पर यदि आप प्रोफेशनल वर्ल्ड में हैं तो यह जरूरी है कि आप यह जानें कि अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कैसे करें और उसमें किन-किन चीजों का ध्यान रखें। जैसे कि यदि किसी को वॉइसमेल कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि वह लंबा न हो। वॉइसमेल पर अपना पूरा नाम और वॉइसमेल की वजह बताएं, काम की बात करें और यदि आप अपना फोन नंबर दे रहे हैं, तो उसे धीरे-धीरे बोलें, ताकि वह नोट किया जा सके। आपकी आवाज स्पष्ट हो और बात सीधे तरीके से कही गई हो।

दें अपना इंट्रोडक्शन

अगर किसी को फोन कर रहे हैं तो जरूरी है कि आप सबसे पहला अपना पूरा नाम बताएं। क्योंकि सिर्फ अपना नाम बताना बहुत ही ज्यादा अनौपचारिक लगेगा और सिर्फ सरनेम बताना ज्यादा रूखा है। खास तौर पर प्रोफेशनल कॉल्स में आप हर हाल में अपना पूरा नाम बताएं। साथ ही यदि आप किसी दूसरे शहर में बात कर रहे हैं, तो अपने शहर का नाम भी बताएं।

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वॉइस पर हो कंट्रोल

अक्सर देखा जाता है कि फोन पर बात करते हुए हम तेज आवाज में बोलने लगते हैं। यह सुनने वाले को भी अजीब लगता है और आसपास वालों को भी। बेहतर होगा कि अपनी आवाज पर आपका नियंत्रण हो। ऐसा भी न हो कि आप इतना धीमे बोलें कि सामने वाले को आपकी बात ही समझ न आएं और आसपास वालों को लगे कि आप फुसफुसाकर बोल रहे हैं। आपका वॉल्यूम इतना ही हो जिसमें आपकी बात सामने वाले को सुनाई पड़ रही हो और समझ आ रही हो।

अकेले में ले कॉल

यह आदत अमूमन बहुत लोगों में होती हैं। दोस्तों के बीच बैठे हैं या परिजनों के बीच… या फिर दफ्तर के साथियों के बीच हों या फिर किसी मीटिंग या किसी कार्यक्रम में… जब कभी फोन आता है तो आप उसे वहीं सबके बीच में ही पिक कर बात करने लगते हैं। यह खराब मैनर्स हैं। इससे एक तो सारे लोगों का ध्यान आपकी बातों पर रहेगा, दूसरा आपके फोन से बाकी सारे लोग भी डिस्टर्ब होंगे। इससे साथ वाले इरिटेट हो सकते हैं। इसलिए जब कभी आपको फोन आए और आपको लगे कि वह जरूरी है, तो अकेले में जाकर बात करें। यदि बहुत जरूरी नहीं तो उसे फोन को अवॉइड करें।

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टेबल पर नहीं, पॉकेट व बैग में रखें

अमूमन स्मार्टफोन्स आकार में बड़े होते हैं, इसलिए हम उन्हें जेब में कैरी नहीं करते हैं। लेकिन यदि आप मीटिंग में हैं, तो उसे अपनी जेब में ही रखें या फिर बैग में। उसे मीटिंग में टेबल पर न रखें। इससे आपके साथी को परेशानी हो सकती है। आपके फोन से आपका ध्यान तो भटकेगा ही, आपके साथी का ध्यान भी भटक सकता है।

सायलेंट हो मीटिंग में

यदि आप मीटिंग में हैं या फिर किसी कांफ्रेंस या किसी कार्यक्रम में, तो अपने फोन का रिंगर ऑफ रखिए। तेज आवाज में बजती रिंग टोन एक तो अनावश्यक तौर पर सबका ध्यान बंटाएगी, दूसरे मीटिंग में हर कोई डिस्टर्ब होगा। बेहतर होगा कि ऐसी किसी जगह जाने से पहले अपने फोन को वायब्रेशन पर रखें और उसे अपनी जेब में या फिर अपने हाथ में रखें। क्योंकि टेबल पर रखा हुआ फोन जब वायब्रेट होता है तब भी ध्यान भटकता है। बहुत जरूरी न हो तो फोन को बंद भी किया जा सकता है।

रिंगटोन चुने सही

क्या आप यह चाहते हैं कि आपके फोन की रिंगटोन्स का संगीत आपके साथियों का मनोरंजन करे? नहीं न? तो बेहतर हो कि अपने फोन की रिंगटोन सामान्य ही रखें। ध्यान भटकाने वाली रिंगटोन न रखें। साथ ही रिंगटोन का वॉल्यूम भी मॉडरेट रखें, इतना कि यह बस आपको ही सुनाई पड़े।

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स्पीकर फोन

फोन को स्पीकर पर रखने से पहले सावधानी रखें। यदि कोई और भी फोन सुन रहा है, तो जिससे आप बात कर रहे हैं, उसे यह पहले ही बता दें कि फोन को स्पीकर मोड पर रखा गया है और आपके साथ कोई और भी है जो फोन सुन रहा है।