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कॉम्पीटेटिव एग्जाम्स की स्मार्ट हो तैयारी

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कॉम्पीटेटिव एग्जाम्स की स्मार्ट हो तैयारी

आजकल प्रतियोगी परीक्षाओं का उद्देश्य सिर्फ प्रतिभागी की प्रतिभा को आंकना नहीं, बल्कि मैनेजमेंट व प्लानिंग स्किल्स को परखना भी होता है। यही वजह है कि आजकल किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का कॉन्सेप्ट रणनीतिक सोच व स्मार्ट वर्क पर आधारित होता है।

ऐसे में जरूरत इस बात की है कि आप स्मार्ट स्टडी करें, रणनीति पर फोकस करें और प्लानिंग, टाइम मैनेजमेंट व स्मार्ट वर्क के सही संतुलन के साथ परीक्षा की तैयारी करें। जबकि परंपरागत रूप से माना जाता आया है कि परीक्षा में सफल होने के लिए जरूरी है कई-कई घंटों तक पढ़ना, टेबल पर प्रतियोगी परीक्षा संबंधी किताबों का ढेर लगाना, दोस्तों-परिजनों से बिल्कुल कट जाना आदि। मगर इन बातों पर अमल करने से दांव उल्टा भी पड़ सकता है।

डिस्ट्रिब्यूटिव होनी चाहिए लर्निंग

जानकार तथा फिजियोलॉजिस्ट सुझाव देते हैं कि लगातार लंबे समय तक बैठकर पढ़ने से बचना चाहिए। थोड़े-थोड़े समय के बाद ब्रेक लेना भी जरूरी है क्योंकि इससे मस्तिष्क बेहतर तरीके से काम कर पाता है। तो अब जब आप पढ़ाई करने बैठें, तो पढ़ाई को अलग अलग हिस्सों में बांट दें। याद रखें, ब्रेक लेने का मतलब पढ़ाई से जी चुराना नहीं है।

इनोवेटिव लर्निंग

स्टूडेंट्स को स्टडी मटीरियल सोच-समझकर चुनना चाहिए। सही स्टडी मटीरियल होने से समय की बर्बादी बचेगी और प्रयास भी कम लगेगा। उदाहरण के लिए, मैथमेटिक्स के फॉर्मूले और शॉर्टकट्स जैसा स्टडी मटीरियल तय समय में क्वॉन्टिटेटिव एप्टिट्यूड के प्रश्नों के सही हल निकालने में आपकी मदद करेगा। इसी तरह थ्यौरिटकल सब्जेक्ट में छोटे छोटे नोट्स बनाने चाहिए।

लर्निंग हो कॉन्सेप्ट-बेस्ड

किसी भी प्रतियोगी परीक्षाकी तैयारी करने से पहले, उसके बारे में पूरी जानकारी होनी ही चाहिए। यानी आपका कॉन्सेप्ट बिल्कुल क्लियर होना चाहिए। मसलन, यदि आप आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको एग्जाम पैटर्न, सिलेबस, टॉपर्स की राय आदि के बारे में अच्छी तरह पता होना चाहिए। इससे आपको इस बात का ठीकठीक अंदाज हो जाता है कि आप क्या करने जा रहे हैं और इससे आप सही प्लानिंग के साथ उचित तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं। टेस्ट सिरीज के माध्यम से आपको परीक्षा के बारे में सटीक जानकारी मिल सकती है।

स्मार्ट और प्रेक्टिकल लर्निंग

कड़ी प्रतिस्पर्धा के इस दौर में भीड़ से अलग दिखना आपकी सफलता की गारंटी बन सकती है। इसलिए कुछ अलग करने की सोचें और इस सोच पर प्रभावी तरीके से अमल करें। यह देखा है कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में करंट अफेयर्स ही वह सेक्शन है, जिसमें आप कम समय में अधिकतम अंक स्कोर कर सकते हैं। इससे शेष सेक्शंस को हल करने के लिए आपके पास अधिक समय बचेगा। आप इन सेक्शंस के ऐसे सवालों को भी हल कर सकेंगे, जो शायद अन्य परीक्षार्थी छोड़ देंगे।

इसलिए करंट अफेयर्स/ जनरल अवेयरनेस के प्रश्नों के अभ्यास पर फोकस करें। साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में आपने चाहे जितनी मेहनत की हो, मगर यदि आप मॉक टेस्ट हल नहीं कर रहे, तो आप अपनी स्किल्स का आकलन नहीं कर पाएंगे। आजकल लगभग हर प्रतियोगी परीक्षा के मॉक टेस्ट उपलब्ध हैं।

इन टेस्ट्स को हल करने को अपनी तैयारी का अनिवार्य अंग बनाएं। इससे एक तो आपको प्रत्यक्ष तौर पर परीक्षा देने का अनुभव होगा। दूसरे, अपनी तैयारी का आकलन भी आप बेहतर कर पाएंगे। तब अपने कमजोर पक्षों को पहचानकर आप उन्हें दूर करने का प्रयास कर सकते हैं।