Home Entertainment Bollywood कई बार राष्ट्रवाद दिखाना जरूरी हो जाता है : अनुपम खेर

कई बार राष्ट्रवाद दिखाना जरूरी हो जाता है : अनुपम खेर

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कई बार राष्ट्रवाद दिखाना जरूरी हो जाता है : अनुपम खेर
Sometimes it's necessary to show nationalism : Anupam Kher
Sometimes it's necessary to show nationalism : Anupam Kher
Sometimes it’s necessary to show nationalism : Anupam Kher

नई दिल्ली। अभिनेता अनुपम खेर ने कश्मीर में जवानों के साथ दुर्व्यवहार को दिखाने वाली वीडियो पर चुप्पी साधने को लेकर छद्म बुद्धिजीवियों की आलोचना करते हुए कहा कि कई बार किसी के लिए राष्ट्रवाद दिखाना जरूरी हो जाता है।

अभिनेता ने कहा कि एक नई प्रवृत्ति उभरी है कि जो भी देश के लिए बोलता है उसे आरएसएस या भाजपा की ओर झुकाव रखने वाला बता दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रवादी होने का ठप्पा नहीं रखते, हम अपने दिलों में राष्ट्रवाद को रखते हैं। लेकिन कई बार मुझे लगता है कि आपको अपना राष्ट्रवाद दिखाना जरूरी हो जाता है।

उन्होंने हाल ही में जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले में श्रीनगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान मतदान केंद्र की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ जवानों के साथ दुर्व्यवहार पर मौन रहने को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की भी आलोचना की।

उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि हम जवानों को केवल वर्दी पहने एक व्यक्ति के तौर पर देखते हैं। हम उन्हें बेटों, पतियों और पिताओं के रूप में नहीं देखते।

उन्होंने कहा कि छद्म बुद्धिजीवी उस वीडियो पर चुप है कि हाल ही में कैसे जवानों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। लेकिन जब एक व्यक्ति को मानव ढाल बनाने वाली वीडियो आई तो वे सभी लोग इकट्ठे हो गए और मानवाधिकारों के बारे में बात करने लगे। और क्यों किसी ने उस वीडियो के बारे में बात नहीं की, जिसमें सेना ने नौ लोगों को डूबने से बचाया।

खेर ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के उस बयान को अवास्तविक और बेवकूफी भरा बताया जिसमें कांग्रेस नेता ने कहा था कि कश्मीरी लोग सेना और आतंकवादियों, दोनों के हाथों मारे जा रहे हैं।

उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त एचएस पनाग के ट्वीट को लेकर उन्हें आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह दुखद है कि लोग चर्चा में आने के लिए ऐसी टिप्पणी करते हैं।

दरअसल, पनाग ने पत्थरबाजों से बचने के लिए एक आम आदमी का इस्तेमाल करने को लेकर सशस्त्र बल की निंदा की थी। करीना अरोड़ा की पहली किताब द स्पिरिट ऑफ द रीवर के विमोचन के मौके पर खेर राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया हैबिटेट सेंटर आए हुए थे।