Home Bihar नीतीश के पाला बदलते ही सांसद अली अनवर हुए बागी

नीतीश के पाला बदलते ही सांसद अली अनवर हुए बागी

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नीतीश के पाला बदलते ही सांसद अली अनवर हुए बागी
Split within JDU as MP Ali Anwar says conscience does not allow him to follow nitish kumar
Split within JDU as MP Ali Anwar says conscience does not allow him to follow nitish kumar
Split within JDU as MP Ali Anwar says conscience does not allow him to follow nitish kumar

पटना। बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल (युनाइटेड) की दोस्ती भले टूट गई हो, लेकिन दोनों दलों में इसे लेकर बगावती सुर उठने लगे हैं।

राजद के एक विधायक ने जहां महागठबंधन टूटने के लिए राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद और और उनके पुत्र पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को जिम्मेदार बताया है, वहीं जद (यू) के सांसद अली अनवर ने पार्टी के भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के निर्णय पर ‘बागी’ हो गए हैं।

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जद (यू) के राज्यसभा सांसद अली अनवर ने गुरुवार को नीतीश कुमार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा दिया और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं, लेकिन मेरा जमीर इस फैसले को नहीं मानता। मैं इस फैसले से खुश नहीं हूं। मुझे मौका मिला तो मैं अपनी बात पार्टी फोरम पर जरूर रखूंगा।

उन्होंने कहा कि पिछले काफी दिनों से इस तरह के संकेत मिल रहे थे। जुलाई में ही राष्ट्रीय कार्य कार्यकारिणी की बैठक होनी थी, लकिन इसे आगे बढ़ा दिया गया है। अगर बैठक होगी तो इस बात को जरूर उठाऊंगा। उन्होंने कहा कि यह फैसलाा जनादेश का अपमान है।

जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सांसद के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी का यह निर्णय सर्वसम्मति से हुआ है, जिससे इस फैसले को लेकर नाराजगी है, उसे पार्टी फोरम में बात उठानी चाहिए।

राजद के गायघाट के विधायक महेश्वर यादव ने गठबंधन टूटने के लिए पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके पुत्र पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को जिम्मेदार बताया है।

गायघाट से राजद विधायक महेश्वर यादव ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से कहा कि महागठबंधन लालू प्रसाद के पुत्र मोह और उनकी और तेजस्वी की जिद के कारण टूटा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा तेजस्वी यादव पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अगर इस्तीफा दे दिया जाता तो गठबंधन नहीं टूटता।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक आदत है कि वे अपने मंत्रिमंडल में दागी चेहरे को नहीं रखते हैं। उन्होंने तेजस्वी के इस्तीफे के लिए 14 दिनों तक इंतजार किया। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की, लेकिन जब बात नहीं बनी तब वे महागठबंधन तोड़कर निकल गए।

उन्होंने दावा किया कि उनकी जैसी सोच राजद के कई और विधायकों की भी है। आगे की योजना के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मिल बैठकर आगे की योजना तय की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि नीतीश ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद 20 महीने पुरानी महागठबंधन सरकार गिर गई। इसके बाद भजपा ने नीतीश को समर्थन देने की घोषणा की है। नीतीश गुरुवार को छठी बार गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।