Home Breaking नोटबंदी में जमा हुए नोटों की गिनती अभी भी जारी : RBI

नोटबंदी में जमा हुए नोटों की गिनती अभी भी जारी : RBI

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नोटबंदी में जमा हुए नोटों की गिनती अभी भी जारी : RBI
still counting returned demonetised currency : RBI governor Urjit Patel tells parliament
still counting returned demonetised currency : RBI governor Urjit Patel tells parliament
still counting returned demonetised currency : RBI governor Urjit Patel tells parliament

नई दिल्ली। नोटबंदी के आठ महीने बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक पुराने नोटों की गिनती करने में जुटा है। आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल का कहना है कि नोटों की गिनती जारी है।

संसद की स्थायी समिति के सामने हाजिर हुए पटेल ने उन 12 उद्योगपतियों का नाम बताने से भी मना कर दिया, जिन पर बैंकों के कुल फंसे हुए कजोर्ं (एनपीए) का 25 फीसदी तक बकाया है।

संसद की स्थायी समिति अगले हफ्ते शुरू होने जा रहे मॉनसून सत्र में नोटबंदी को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करने वाली है, इसलिए पटेल को सम्मन जारी कर बुलाया गया था।

पटेल से यह प्रश्न पूछा गया कि नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपए के कितने पुराने नोट 30 दिसंबर तक वापस लौटे।

सूत्रों ने बताया कि उन्होंने समिति को बताया कि पुराने नोटों को गिनने का काम लगातार जारी है और केंद्रीय बैंक गिनती के दौरान नकली नोट को छांटती जा रही है और इन नोटों के छांटने के लिए विशेष मशीनों की खरीद की गई है। अभी ऐसी कई मशीनों की खरीद की प्रक्रिया भी चल रही है।

उन्होंने गिनती में देरी का दूसरा कारण यह बताया है कि जिला स्तरीय सहकारी बैकों तथा नेपाल से अभी भी पुराने नोट केंद्रीय बैंक के पास लौट रहे हैं।

उन्होंने समिति के समक्ष कहा कि आरबीआई के कर्मचारी नोटों को गिनती के लिए ओवरटाइम कर रहे हैं और मशीनों की मदद भी ली जा रही है।

पटेल ने कहा कि कुल 17.7 लाख करोड़ के पुराने नोट वापस लिए गए और 15.4 लाख करोड़ के नए नोट प्रचलन में वापस लौट गए हैं।

संसदीय समिति में समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश अग्रवाल आरबीआई गर्वनर के जबाव से असंतुष्ट होकर इस बैठक से निकल गए।

उन्होंने आरबीआई गर्वनर से उन 12 उद्योगपतियों का नाम बताने को कहा था जिनपर देश की बैंकिंग प्रणाली के फंसे हुए कर्जो (एनपीए) का 25 फीसदी बकाया है।

संसदीय समिति की इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस नेता एम. वीरप्पा मोइली ने की, जो तीन घंटे तक चली। इसके सदस्यों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। समिति के सदस्यों से आरबीआई गर्वनर से बिटकॉयन की निगरानी के बारे में भी सवाल पूछे।