Home Breaking सुप्रीमकोर्ट ने पूछा, क्या तीन तलाक इस्लाम का मूल हिस्सा है?

सुप्रीमकोर्ट ने पूछा, क्या तीन तलाक इस्लाम का मूल हिस्सा है?

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सुप्रीमकोर्ट ने पूछा, क्या तीन तलाक इस्लाम का मूल हिस्सा है?
Supreme Court says Will Examine Whether triple talaq is fundamental to islam
Supreme Court says Will Examine Whether triple talaq is fundamental to islam
Supreme Court says Will Examine Whether triple talaq is fundamental to islam

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को तीन तलाक की संवैधानिक वैधता को चुनौती देती याचिकाओं पर सुनवाई की और पूछा कि क्या यह इस्लाम का बुनियादी हिस्सा है।

इस मामले के लिए गठित संवैधानिक पीठ की अध्यक्षता कर रहे प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर ने कहा कि हम तीन तलाक की वैधता पर फैसला करने जा रहे हैं।

न्यायाधीश केहर ने संबंधित पक्षों से कहा कि वे इस बात पर ध्यान दें कि क्या तीन तलाक इस्लाम का बुनियादी हिस्सा है। उन्होंने संबंधित पक्षों से यह भी बताने को कहा कि उनके हिसाब से क्या तीन तलाक लागू करने योग्य बुनियादी अधिकार है।

अदालत की संवैधानिक पीठ ने तलाक के मुद्दे पर फैसला करने के दौरान निर्देश जारी करने को लेकर व्यापक मानदंडों पर सुझाव भी मांगे।

संवैधानिक पीठ में केहर के अलावा न्यायाधीश कुरियन जोसफ, न्यायाधीश रोहिंटन फली नरीमन, न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायाधीश एस. अब्दुल नजीर शामिल हैं।

अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों को मामले में अपने तर्क रखने के लिए दो-दो दिन दिए जाएंगे। उसके बाद दोनों पक्षों को प्रत्युत्तर देने के लिए एक-एक दिन दिया जाएगा।

मुस्लिम समाज का एक वर्ग तीन तलाक के विरोध में है, जबकि कुछ का मानना है कि इसे बदला नहीं जा सकता क्योंकि यह मुस्लिम पर्सनल लॉ का हिस्सा है।

मोदी सरकार चाहती है कि देश में तीन तलाक की प्रथा बंद हो। पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों में इस प्रथा का पालन नहीं किया जाता।