Home Career Education सभी जिलों में स्वामी विवेकानंद विद्यार्थी सेवा केन्द्र खुलेंगे : देवनानी

सभी जिलों में स्वामी विवेकानंद विद्यार्थी सेवा केन्द्र खुलेंगे : देवनानी

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सभी जिलों में स्वामी विवेकानंद विद्यार्थी सेवा केन्द्र खुलेंगे : देवनानी
Swami Vivekananda vidyarthi sewa kendra will be opened in all districts : Devanani
Swami Vivekananda vidyarthi sewa kendra will be opened in all districts : Devanani
Swami Vivekananda vidyarthi sewa kendra will be opened in all districts : Devanani

जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने बुधवार देर रात विधानसभा में घोषणा की कि राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों की तरह ही शहरी क्षेत्रों में स्थित राजकीय विद्यालयों को आदर्श एवं उत्कृष्ट विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष शिक्षा विभाग में उपनिदेशक स्तर के सभी रिक्त 36 पदों को त्वरित भरने की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने विभाग में इस सत्र से शारीरिक शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों की भी पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ करने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि विद्यालयों में खेलकूद को प्रोत्साहन देते हुए प्रदेश के विद्यालयों में आगामी सत्र के अंतर्गत 775 खेल मैदानों का कार्य पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परिसर में विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान और विभिन्न सुविधाओं के लिए 6.14 करोड़ रुपए की लागत से वहां स्वामी विवेकानंद विद्यार्थी सुविधा केन्द्र के निर्माण की भी घोषणा की।

प्रो. देवनानी राज्य विधानसभा में शिक्षा, कला एवं संस्कृति पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने 232 अरब 72 करोड़ 20 लाख 77 हजार रुपए राशि की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी।

उन्होंने कहा कि आगामी सत्र से कक्षा 1 से 8 तक के राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत बालक एवं बालिकाओं को आरटीई मानदण्डों के आधार पर ट्रान्सपोर्ट वाउचर स्कीम से लाभान्वित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि ट्रान्सपोर्ट वाउचर स्कीम के तहत अब तक कक्षा 9 में प्रवेश लेने वाली राजकीय विद्यालयों की बालिकाओं और कक्षा 06 में स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूल में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को ही लाभ दिया जाता था।

प्रो. देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार ने कक्षा 12 के गणित एवं विज्ञान विषय पर आधारित राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा प्रारम्भ की थी। उन्होंने घोषणा की कि आगामी वर्ष से कला एवं वाणिज्य संकाय के छात्रों के लिए भी अलग से यह प्रतिभा खोज परीक्षा आयोजित की जाएगी।

उन्होंने आगामी शिक्षा सत्र से विद्यालयों में पं दीनदयाल उपाध्याय प्रेरक उद्बोधन श्रृंखला प्रारंभ किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके तहत विद्यालयों में क्षेत्र विशेष में सफलता के शीर्ष पर पहुंचे विशिष्ट व्यक्तियों के व्याख्यान करवाए जाएंगे। इससे शिक्षण को उत्कृष्टता प्राप्त होगी।

उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 114 करोड़ 48 लाख रुपए व्यय कर 58 नवीन विद्यालय भवनों एवं 1 हजार 3 विद्यालयों में 01 हजार 334 कक्षा-कक्षों का निर्माण किया जाएगा।

इसी प्रकार 74 करोड़ रुपए राशि व्यय कर विद्यालयों में 746 अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, पुस्तकालय, कम्प्यूटर कक्षों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश के 6632 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की मरम्मत एवं रख रखाव के लिए 49.01 करोड़ रुपए व्यय कर कार्य किए जाने की भी घोषणा की।

प्रो. देवनानी ने कहा कि राज्य के वनवासी बाहुल्य क्षेत्रों बांसवाडा, उदयपुर, प्रतापगढ़ एवं सिरोही में जनजातियों के छात्र एवं छात्राओं को माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, प्रवेशिका एवं वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले एक छात्र एवं छात्रा को 12 हजार रुपए की छात्रवृति एक वर्ष के लिए प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के सभी 13 हजार 527 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर, मल्टी फंक्शन प्रिन्टर तथा इन्टरनेट की सुविधा हो। अब तक इससे वंचित विद्यालयों के लिए 29 करोड़ 69 लाख रुपए राशि व्यय कर उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी से लैस किया जाएगा।

शिक्षा राज्य मंत्री ने इसी सत्र से प्रदेश के 263 पंचायत समिति मुख्यालयों पर विज्ञान संकाय वाले विद्यालयों में गणित, रसायन, भौतिक, जीव एवं कृषि जैसे पांचो विषय के अध्यापन की व्यवस्था किए जाने की भी घोषणा की।

उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में कक्षा 10 में 100 से अधिक विद्यार्थी हैं और एक कला संकाय ही संचालित है, ऎसे 112 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में आगामी शिक्षा सत्र से विज्ञान संकाय प्रारम्भ किया जाएगा।

इसके अलावा राज्य के 26 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जहां कला एवं वाणिज्य संकाय संचालित हैं उनमें भी विज्ञान संकाय प्रारम्भ किया जाएगा। उन्होंने 282 ग्राम पंचायतों में स्थित माध्यमिक विद्यालयों में जहां 10वीं में 40 से अधिक नामांकन है, उन्हें उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किए जाने की भी घोषणा की।

देवनानी ने कहा कि पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी के दायित्वों में अभिवृद्धि होने के कारण हम उनके कार्यालयों के सुदृढ़ीकरण का कार्य आगामी वर्ष करेंगे ताकि विद्यालयों की प्रभावी मोनिटरिंग हो सके।

उन्होंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की एफीलिएशन को भी ऑनलाइन किए जाने की घोषणा की तथा कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के जयपुर स्थित कार्यालय में आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी संपन्न स्टूडियो का निर्माण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के परिसर में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए 6.14 करोड़ की लागत से स्वामी विवेकानंद विद्यार्थी सुविधा केन्द्र का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी 18 जिलों में विद्यार्थी सेवा केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। चरणबद्ध रूप से अब सभी जिलों में विद्यार्थी सेवा केन्द्र खोले जाएंगे।

उन्होंने राज्य में एक केन्द्रीय, सात मण्डल और 33 जिला मुख्यालयों पर स्थित सार्वजनिक पुस्तकालयों को आदर्श सार्वजनिक पुस्तकालय के रूप में विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत केन्द्रीय पुस्तकालय के लिए 1 करोड़ रुपयेए मण्डल पुस्तकालय हेतु 50 लाख रुपए और जिला पुस्तकालय हेतु 25 लाख रुपए व्यय का प्रावधान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषा को प्रोत्साहन दिए जाने के लिए हिन्दी साहित्य, पत्रकारिता, तकनीकि, विज्ञान, विधि तथा कृषि जैसे 6 वर्गो में प्रत्येक क्षेत्र के लिए 50 हजार रुपये राजस्थानी लेखकों को प्रतिवर्ष पुरस्कार दिए जाएंगे।

उन्होंने हिन्दी भाषा को प्रोत्साहन दिए जाने के लिए ही राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में जिन विद्यालयों में 10 या 10 से अधिक विद्यार्थियों के शत प्रतिशत अंक हिन्दी विषय में प्राप्त होंगे उस विद्यालय के विषय अध्यापक को सम्मानित करने की भी घोषणा की।

शिक्षा राज्य मंत्री ने शहीदों के नाम पर विद्यालयों के नामकरण के अंतर्गत डूंगरपुर में श्री गोविन्द गुरू एवं सन्त भावजी महाराज के नाम पर व श्रीगंगानगर में पूर्व विधायक स्व. गुरूशरण जी छाबड़ा के नाम पर एक एक विद्यालयों के नामकरण की भी सदन में घोषणा की।

उन्होंने राजकीय विद्यालयों में माह के अंतिम शनिवार को शिक्षक विद्यार्थियों द्वारा एक कालांश के स्वैच्छिक श्रमदान के लिए रखनेए माह के द्वितीय शनिवार को रचनात्मक एवं सृजनात्मक क्षमता को प्रोत्साहन करने के लिए संस्कार सभाएं आयोजित करने की भी घोषणा की।

उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जयन्ती (25 सितम्बर) से महात्मा गांधी जयन्ती (02 अक्टूबर) तथा स्वामी विवेकानन्द जयन्ती (12 जनवरी) से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती (23 जनवरी) तक दो चरणों में शिक्षा सम्बलन अभियान चलाया जाएगा।

इसके तहत विद्यालयों के प्रभावी निरीक्षण, विद्यार्थियों से संवाद एवं विद्यालयों से जुड़ी समस्याओं जैसे कार्य पूर्ण किए जाऎंगे। प्रो. देवनानी ने कहा कि शारदे छात्रावासों एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में सुविधाओं के विस्तार के लिए बालिका शिक्षा फाउण्डेशन से 3 करोड़ रुपए इस वर्ष व्यय किए जाएंगे।

उन्होंने राजकीय विद्यालयों के पुस्तकालयों के विकास के लिए 3.41 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। उन्होने कहा कि इस राशि से 8 हजार 880 प्राथमिक विद्यालयों में प्रति विद्यालय 3 हजार रुपए एवं 751 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रति विद्यालय 10 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे।

शिक्षा राज्य मंत्री ने सदन के सदस्यों का शिक्षा में सक्रिय भागीदारी निभाने का आव्हान किया तथा कहा कि वे अपने विधायक कोष से, भामाशाहों को प्रोत्साहित कर प्रदेश में शिक्षा के सुदृढ़ीकरण में योगदान दें।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शैक्षिक उन्नयन के लिए किए गए प्रयासों से राजकीय विद्यालयों में लोगों का विश्वास तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 500 से अधिक स्थानों पर जिला स्तरीय मेरिट में राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों ने परचम लहराया है। बोर्ड के परीक्षा परिणामों में 57 प्रतिशत से 73 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि साक्षरता से संबंधित परीक्षा जो 2012 में हुई उसमें राजस्थान 17वें नम्बर पर था और 2016 में महिला साक्षरता परिणामों के मामले में राजस्थान पहले नम्बर पर आ गया है।

उन्होंने नेशनल अचीवमेंट सर्वे और स्वयंसेवी संस्था प्रथम द्वारा जारी किए गए स्टेटस ऑफ एजूकेशन रिपोर्ट (असर) में राजस्थान की सराहना की चर्चा करते हुए कहा कि आज देश में राजस्थान शिक्षा क्षेत्र का अग्रणी राज्य बन गया है।

उन्होंने कहा कि यह इसलिए हुआ कि हर ग्राम पंचायत में उच्च माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए हमने प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक आदर्श विद्यालय की स्थापना की है।

मुख्यमंत्री राजे ने बजट में हमें 692 नई ग्राम पंचायतों और 762 ऎसी ग्राम पंचायतें जिनमें पूर्ववर्ती नियमों के कारण उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रारम्भ नहीं कर सके थे उनमें भी 10वीं कक्षा में 40 विद्यार्थी होने पर चरणबद्ध रुप से क्रमोन्नत करने की घोषणा की है।

उन्होंने बताया कि 2016-17 में हमने 3097 विद्यालयों को आदर्श विद्यालय बनाया और 2017-18 में 5458 विद्यालयों को आदर्श विद्यालय बनाने की योजना है। उन्होंने कहा कि शाला दर्पण एवं शाला दर्शन नाम के दो वैब पोर्टल हमने बनाए हैं जिनमें शिक्षकों के संस्थापन का समुचित रिकार्ड, शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं कार्मिकों की सम्पूर्ण जानकारी है।

एक क्लिक पर पूरे विद्यालय की जो सूचनाएं हमें चाहिए, वो मिल जाती है। प्रदेश के 07 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हमने आईसीटी लैब की स्थापना की है एवं 407 विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित कर प्रारम्भ कर दिए गए हैं एवं 363 विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम बनाने का कार्य प्रक्रियाधीन है।

2 हजार विद्यालयों में गणित, अंग्रेजी व विज्ञान की सेटेलाइट कक्षाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 8वीं और 5वीं की परीक्षाए बीएड एवं एसटीसी इन्टर्नशिपए स्काउट गाईड गतिविधियों में प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त करना इस बात का सूचक है कि राजस्थान तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने खुद ब खुद करीब आती गई मेरी मंज़िल, मेरा हौंसला देखकर। शेर सुनाते हुए कहा कि सभी के सहयोग से ही राजस्थान शिक्षा क्षेत्र में तेजी से विकास की ओर अग्रसर हुआ है। विकास की यह गति बरकार रखने के लिए उन्होंने सभी के सहयोग का आह्वान किया।