Home Business टाटा, गोदरेज, अडाणी सहारा की संपत्तियां खरीदने के इच्छुक

टाटा, गोदरेज, अडाणी सहारा की संपत्तियां खरीदने के इच्छुक

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टाटा, गोदरेज, अडाणी सहारा की संपत्तियां खरीदने के इच्छुक
Tata, Godrej, Adani show interest in buying sahara properties
Tata, Godrej, Adani show interest in buying sahara properties
Tata, Godrej, Adani show interest in buying sahara properties

नई दिल्ली। देश के कई कॉरपोरेट समूहों ने संकट में फंसे सहारा ग्रुप की कुछ संपत्तियों को खरीदने में रुचि दिखाई है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि टाटा, गोदरेज, अडाणी और पतंजलि ने सहारा समूह की 7,400 करोड़ रुपए मूल्य की 30 संपत्तियों को खरीदने की मंशा जताई है।

सहारा की संपत्तियों में ज्यादातर जमीन के टुकड़े हैं जिनकी नीलामी रीयल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया द्वारा की जा रही है।

बताया जाता है कि कई रीयल एस्टेट कंपनियां भी सहारा की संपत्तियां खरीदना चाहती हैं। इनमें ओमैक्स, एलडेको के अलावा उच्च संपदा वाले लोगों के साथ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन आयल शामिल हैं। चेन्नई के अपोलो अस्पताल ने लखनउ में सहारा का अस्पताल खरीदने की इच्छा जताई है।

सूत्रों ने हालांकि कहा कि इन सौदों को छोटे से समय में पूरा करने की हड़बड़ी से बिक्री प्रक्रिया और मूल्यांकन प्रभावित हो सकता है। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार सहारा समूह को जल्द पैसा जुटाने और उसे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड सेबी के पास जमा कराने की जरूरत है।

सूत्र ने कहा कि सभी संभावित खरीदार जांच पड़ताल के लिए दो से तीन महीने का समय चाहते हैं जो उंचे मूल्य के रीयल एस्टेट सौदे के लिए सामान्य सी बात है।

सहारा समूह के प्रवक्ता ने इस बारे में संपर्क किए जाने पर संभावित खरीदारों के नाम का खुलासा करने से इनकार किया। प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के सौदों की प्रक्रिया चल रही है और जल्द इन्हें अमलीजामा पहनाया जाएगा।

गोदरेज प्रॉपर्टीज के कार्यकारी चेयरमैन पिरोजशा गोदरेज ने कहा कि हम पुणे में जमीन का एक टुकड़ा खरीदना चाहते हैं। इसके लिए नाइट फ्रैंक निविदा प्रक्रिया चला रहा है। यह अभी शुरुआती चरण में है।

ओमैक्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक रोहतास गोयल ने भी इस बात की पुष्टि की कि उनकी कंपनी की कुछ संपत्तियों में रुचि है। एलडेको के प्रबंध निदेशक पंकज बजाज ने कहा कि उनकी कुछ संपत्तियों में रुचि है, लेकिन अभी वह इसका ब्योरा नहीं देंगे।

टाटा हाउसिंग ने इस पर प्रतिक्रिया से इनकार किया। वहीं अडाणी समूह और पतंजलि से इस पर प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। इस बारे में पूछे जाने पर नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि इस विज्ञापन पर शानदार प्रतिक्रिया मिली है। अभी तक करीब 250 रुचि पत्र ईओआई मिले हैं। ज्यादातर साइटों के लिए ईओआई मिले हैं। कुछ के लिए कई ईओआई प्राप्त हुए हैं।

सूत्र ने कहा कि यह एक गहन प्रक्रिया है। इसमें जांच पड़ताल के साथ साइट का निरीक्षण, वित्तीय बोलियां आदि शामिल रहती है। सफल बोलीदाता को अंतिम रूप दिए जाने से पहले इन प्रकियाओं को पूरा करना होगा।

सूत्रों ने कहा कि जांच पड़ताल या साइट का निरीक्षण ज्यादातर मामलों में या तो पूरा हो चुका है या पूरा होने की प्रक्रिया में है। हमें जल्द अंतिम बोलियां मिलेंगी।

सहारा समूह को उम्मीद है कि इन संपत्तियों की बिक्री से पहली किस्त 17 जून तक मिलेगी। तीन महीने में इसकी पूरी राशि 7,400 करोड़ रुपए प्राप्त होगी। इससे पहले इसी सप्ताह उच्चतम न्यायालय ने लोनावाला में सहारा समूह की एंबे वैली टाउनशिप को बेचने का निर्देश दिया था।

समूह का अनुमान है कि यह करीब एक लाख करोड़ रुपए की परियोजना है। समूह ने आशंका जताई कि हड़बड़ी में इसकी बिक्री से उन लोगों को फायदा होगा जो सस्ते में एंबे वैली पर कब्जा चाहता है।

सहारा समूह के प्रवक्ता ने कहा कि समूह जुलाई-अगस्त, 2017 तक निर्देशित 10,500 करोड़ रपये की राशि जमा कराने की प्रतिबद्धता जताई थी।

इसमें 7,400 करोड़ रुपए नीलाम की जाने वाली 30 संपत्तियों और अन्य सौदों से भुगतान से मिलेंगे। लेकिन न्यायालय ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया और एंबे वैली की नीलामी का निर्देश दिया जिसमें ज्यादा समय लगेगा।

प्रवक्ता ने कहा कि हमने विदेशों में होटल की बिक्री से 1,500 करोड़ रुपए देने की प्रतिबद्धता जताई थी, जो 45 दिन में देश में आने की उम्मीद है। इसके अलावा हमने वसई की जमीन के बारे में भी सूचित किया था जिससे करीब 800 करोड़ रुपए मिलेंगे। गाजियाबाद की सम्पत्ति से भी हमें 800 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है।

उच्चतम न्यायालय ने 28 फरवरी को सहारा को कुछ संपत्तियों की बिक्री की अनुमति दी थी क्योंकि सेबी भी विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद के बावजूद इनकी नीलामी में कठिनाई महसूस कर रहा था।