Home Latest news समानता के अधिकार को आगे बढाना पहली प्राथमिकता हो : लोढा

समानता के अधिकार को आगे बढाना पहली प्राथमिकता हो : लोढा

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समानता के अधिकार को आगे बढाना पहली प्राथमिकता हो : लोढा
sanyam lodha addressing ambedkar shikshak sangh seminar in sirohi
sanyam lodha addressing ambedkar shikshak sangh seminar in sirohi

सबगुरु न्यूज सिरोही। पूर्व विधायक संयम लोढा ने शिक्षकों से कहा कि वह समाज में व्याप्त ऊँच-नीच की सोच को अपना जीवन समर्पण करें। उन्होंने कहा कि 70 साल तक प्रयास करने के बाद भी यह गन्दगी लोगो के दिमाग से साफ नही हो सकी। हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए की हम समानता के आधार पर समाज को आगे बढायेंगे। लोढा यहां होटल एयरलाईन में अम्बेडकर शिक्षक संघ की ओर से आयोजित जिला सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि एक खास विचार धारा के लोग जब भी सत्ता में आते है तब उन्हें संविधान में कमिया नजर आने लगती है। कभी वे संविधान समीक्षा आयोजन की बात करते है और कभी जयपुर, जोधपुर और हैदराबाद में अपनी बात मे यह विचार व्यक्त करते है कि भारतीय संविधान विदेशी विचार धारा से प्रभावित है। उन्होने सम्मेलन में उपस्थित शिक्षकों से निवेदन करते हुए कहां कि कमी संविधान में नही उनकी कुबुद्वि में है यह भारतीय संविधान की सफलता है कि भारत में लगातार लोक तांत्रिक व्यवस्था कायम है।

उन्होंने कहा कि संविधान की पालना से ही प्रजातांत्रिक व्यवस्था का ढांचा मजबुत हुआ है। लोढा ने कहा कि जिनका नाम सरकारी नौकरी में आया है वह संविधान में दी गई आरक्षित व्यवस्था का परिणाम है लेकिन उन्हे यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि आरक्षण समाज को संगठित कर सकता है व्यक्ति को नही। उन्हे जिस समाज के कारण किस जात में जन्म लेने से आगे बढने को अवसर मिला है उन्हे सरकारी नौकरी में आने के बाद उनकी देखभाल करेे और जो पीछे छूट गए है उन्हे आगे लाने का प्रयास करें।

लोढा ने कहा कि आज देश व प्रदेश में जिस विचारधारा के लोग सत्ता में काबिज है वे इस तरह कि नीतियां लागू कर रहे है जिससे अनुसूचित जाति,जनजाति व पिछडे वर्ग के लोगो के लिए सरकारी नौकरीयों का अवसर खत्म कर देगी। उन्हौने कहां कि जिस महान विभूति के नाम से शिक्षक संगठन काम कर रहा है उसे सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब पढा लिखा व्यक्ति हर तरह के अन्याय के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार हो जाएगा।

सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि पंचायत समिति के प्रधान जीवाराम आर्य ने कहां कि भारत देश की संस्कृति वसुद्धेव कुटूम्बकम की है जिसे आज जो लोग सत्ता मे बैठे है वे खण्डित करने का कार्य कर रहे है इसी तरह सर्वे भवन्तु सुखिन-सर्वे सन्तु निरामया का नारा भी परेशान हो रहा है।

अभी इस तरह का नारा बनाने का प्रयास हो रहा है जिसमें सिर्फ एक वर्ग सुखिर है और बाकि दुसरे वर्ग क्या खाएं क्या पिये क्या पहने और क्या कार्य करे और क्या न करेे उसका फैसला भी उस खास विचारधारा के लोग तय करेंगे इस पर काम चल रहा है जो भारत जैसे बहु भाषी एवं धर्म निरपेक्ष देश को पिछे ले जाने को द्योतक बन रहा है उसे रोकने की आवश्यकता है।

सोहनलाल गोयल पूर्व प्रदेषाध्यक्ष अम्बेडकर शिक्षक संघ ने संगठन के प्रदेष स्तर पर किये जा रहे कार्यो से अवगत करवाया एवं राज्य सरकार से संगठन की चर्चा के बारे में बताया। राजेश जीनगर सिरोही प्रभारी बामसेफ ने कहा कि आरक्षण को दूसरे तरीके से समाप्त करने के लिये पीपीपी मोड पर सरकारी संस्थाओ को दिया जा रहा है इसमें गहरी साजिश है। उन्होने बुद्ध और बाबा साहब के संघर्ष पर विचार प्रकट किये।

जिला परियोजना समन्वयक आनंदराज आर्य ने शिक्षको को जिम्मेदारीपूर्वक कार्य कर बच्चो को तैयार करने का आहवान किया। जिससे समाज में जागृति पैदा हो सके। संगठन के जिलाध्यक्ष आसुतोश मीणा ने सभी साथियो को संधर्श के लिये तैयार रहने का आहवान किया।

सम्मेलन में कांतिलाल खत्री, निबाराम गरासिया, षंकरलाल मीणा, फुलाराम गर्ग, एडवोकेट मुनव्वर हुसैन, रामेश्वरलाल राठौड, कपूराराम, प्रधानाचार्य दुर्गेष गर्ग, रमेश कुमार, मंछाराम, नवाराम, रमेश कुमार बुनकर, रतिराम गर्ग, राजेश सागर, आसुराम लुनिया, भंवरलाल मीणा, कैलाश डांगी, रघुराज मीणा सहित सैकडो शिक्षक उपस्थित थे। समारोह में सेवानिवृत शिक्षक कालुराम चैहान, वीराराम, केसाराम सोलंकी को सम्मानित किया गया।