Home Career Education ग्रुप प्रोजेक्ट में ऐसे मिलेगी सफलता

ग्रुप प्रोजेक्ट में ऐसे मिलेगी सफलता

0
ग्रुप प्रोजेक्ट में ऐसे मिलेगी सफलता

एक साथ मिलकर काम करने से ही सफलता मिलती है, यही वजह है कि स्कूल से लेकर कॉलेज में विभिन्न प्रोजेक्ट्स के जरिए स्टूडेंट्स को जोड़ा जाता है, ताकि उनकी प्रफॉर्मेंस में सुधार आ सके। एजुकेशन पैटर्न में अधिकतर इंस्टीट्यूट्स प्रोजेक्ट वर्क को प्रिफरेंस देते हैं, जिसे स्टूडेंट्स ग्रुप मेंबर्स के साथ कंप्लीट करते हैं।

ऐसे प्रोजेक्ट्स वर्क का फायदा यह होता है कि इससे टीम स्पिरिट के साथ कई नए आइडियाज भी डेवलप होते हैं। ग्रुप प्रोजेक्ट वर्क कैसे सक्सेस हो, इसके लिए हमें कुछ एटिकेट्स फॉलो करने होंगे। जैसे कि ग्रुप का कोई मेंबर अगर अपने पार्ट में कुछ मिस्टेक कर रहा है तो उसे डिस्करेज न करें, मोटिवेट करें। वह भी वर्क ठीक से करना शुरू कर देगा। इस तरह लीडरशिप क्वॉलिटी भी डेवलप होगी और प्रोजेक्ट वर्क भी बेस्ट रिजल्ट दे देगा।

डेडलाइन फर्स्ट

सक्सेस चाहते हैं, तो काम शुरू करने से पहले ही उसकी डेडलाइन डिसाइड कर लें। जब डेडलाइन सामने होगी, तो हम उसी दिन उसे कम्प्लीट करने की कोशिश करेंगे। कॉलेज प्रोजेक्ट वर्क को डेडलाइन से पहले ही फिनिश करने के लिए 60-40 परसेंट के रेश्यो में डिवाइड कर लें। जो डेडलाइन है, उसका 60 परसेंट फर्स्ट हाफ के लिए तय करें और अगले 40 परसेंट को बाकी के दिनों के लिए फिक्स कर लें। ध्यान रखें कि आपकी डेडलाइन और कॉलेज की डेडलाइन में तीन से चार दिन पहले का गैप होना चाहिए।

फ्लैक्सिबिलिटी बनाए रखें

ग्रुप प्रोजेक्ट वर्क भी हॉकी, क्रिकेट या फुटबॉल मैच की तरह है। जैसे क्रिकेट में डिसाइड होता है कि बॉलर कौन है और बैट्समैन कौन। खठीक उसी तरह प्रोजेक्ट मिलते ही डिसाइड कर लें कि किसे क्या काम सौंपना है। क्रिकेट में कभी-कभी बैटिंग के लिए शामिल किए गए प्लेयर को बॉलिंग भी दे दी जाती है। उसी तरह अपने ग्रुप प्रोजेक्ट में भी फ्लैक्सिबिलिटी बनाए रखें। हो सकता है कि कोई मेंबर अपने वर्क को कंप्लीट न कर पाए। ऐसे में दूसरे को उसका वर्क असाइन किया जा सके। आप चाहें, तो ग्रुप के किसी एक मेंबर को स्टैंडबाय के रूप में भी यूज कर सकते हैं।

खुलकर हो कम्युनिकेशन

प्रोजेक्ट की सक्सेस में कम्युनिकेशन का मेन रोल है। गलत कम्युनिकेशन या कंफ्यूजन से प्रोजेक्ट अनसक्सेसफुल हो सकता है। ग्रुप के हर मेंबर को डे-टु-डे का वर्क प्रोग्रेस ऑनेस्टी से बाकी मेंबर्स के साथ शेयर करना चाहिए। जहां कोई प्रॉब्लम हो, उसे भी शेयर करने में संकोच न करें। प्रोजेक्ट से रिलेटेड बातें ग्रुप में ही शेयर करें। टीम के किसी मेंबर से अगर आइडियोलॉजी मैच नहीं करती है, तो इसका असर प्रोजेक्ट वर्क पर न पडनें दें।

शेयर करना सीखें

ज्यादातर इंस्टीट्यूट्स में एक ग्रुप बना कर उसे प्रोजेक्ट वर्क सौंप दिया जाता है। ग्रुप में कुछ ऐसे मेंबर्स भी हो सकते हैं, जिनसे आपकी जान-पहचान न हो। ऐसे सभी लोगों का पहले ही दिन होम एड्रेस, मोबाइल नंबर, ई-मेल कलेक्ट कर लें। किसी भी सोशल नेटवर्किग साइट से आपस में कनेक्ट भी हो सकते हैं। आपस में डिस्कशन करके एक टाइम डिसाइड कर लें। इसी समय ऑनलाइन कम्युनिकेशन करके प्रोजेक्ट पर डिस्कस करें। ऐसा करेंगे, तो ग्रुप प्रोजेक्ट में आने वाली किसी भी तरह की प्रॉब्लम को बिना किसी डिफिकल्टी के फेस कर लेंगे।

फाइनल टच है जरुरी

अपनी तय डेडलाइन से दो दिन पहले ही फर्स्ट पार्ट की फाइनल कंपाइलिंग कर लें। दूसरे पोर्शन में जो चीजें कंप्लीट हो गई हैं, उन्हें भी फाइनल टच दे दें। टीम के किसी जिम्मेदार मेंबर को फाइनल टच का काम सौंप दें। फाइनल डे से एक दिन पहले ग्रुप प्रोजेक्ट वर्क को फाइनली क्लोज कर दें। इस बात का ध्यान रखें कि प्रोजेक्ट की सॉफ्टकॉपी अपने पीसी में सेव कर लें। साथ ही प्रोजेक्ट की फोटोस्टेट करवाना न भूलें।

यह भी पढ़ें :-