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हरी ककड़ी के खाने फायदे

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हरी ककड़ी के खाने फायदे
The advantages of eating green cucumber

The advantages of eating green cucumber

ककड़ी का उपयोग हमारे खान-पान का एक अहम हिस्सा है। इसको हम खाने के अन्दर सलाद के रूप में उपयोग पुराने समय से करते आ रहे है। हमारे खान-पान की जो परम्परा रही है वो ऐसे ही नहीं बनी है उसके पीछे हमारे पूर्वजों के अनुभव और ज्ञान की कसौटी पर परख कर रखी गई है। जैसे ककड़ी के जो फायदों के बारे में जानकर ही उन्होंने इसे हमारे खानपान में शामिल किया है। आइए जानते है ककड़ी किस प्रकार हमारे लिए फायदेमंद है ।

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ककड़ी में श्रेष्ठ किस्म का फॉस्फोरस, पोटाशियम, क्लोरीन तथा गंधक प्रचुर मात्रा में मिलता है। इसी कारण यह गुर्दे, यकृत, फेंफड़े, पित्ताशय, क्लोरीन तथा गंधक प्रचुर मात्रा में मिलता है। इसी कारण यह गुर्दे, यकृत, फेफड़े, पित्ताशय, रक्त तथा त्वचा के स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है। यह आंतों की सफाई करती है। यह शरीर के समस्त विषाक्त कचरे को पसीना, पेशाब, पाखाना द्वारा बाहर निकाल फेंकती है।

यह पोटाशियम तथा फॉस्फोरस की दृष्टि से अति श्रेष्ठ आहार है। ककड़ी को सलाद, रस, सूप तथा सब्जी के रूप में काम में लिया जाता है। इसके रस का उपयोग गुर्दे के सभी प्रकार के रोग, गुर्दे की पथरी, नेफ्राइटिस, त्वचा के सभी प्रकार के रोग, गर्भावस्था की विषाक्तता, जलोदर, मूत्रनली प्रदाह, यूरिन आंत्रशोथ, अम्लपित्त, दमा, मधुमेह, वमन, दस्त, मोटापा को दूर करने में किया है। उपर्युक्त रोगों में ककड़ी का रसाहार प्रत्येक 3-3 घंटे के अंतराल पर देने से एक महीने के भीतर पूर्ण लाभ मिलने लगता है।

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ककड़ी आंत सम्बंधी सभी प्रकार के रोगों में अत्यन्त उपयोगी है। इसके अतिरिक्त पेशाब कम आने, अरूचि, पेशाब की जलन तथा रूकावट, खांसी, थकान, शरीर प्रदाह तथा प्रदर की स्थिति में इसका रस दिन में 4 बार ढ़ाई-ढ़ाई घंटे के अन्तराल पर देने से अतिशीघ्र लाभ होता है। इसके रस में नींबू का रस भी मिला सकते हैं। बताये गये सभी रोगों में सब्जी और सलाद के रूप में ककड़ी का उपयोग पर्याप्त रूप में करें।

ककड़ी खाने के साथ ही उसका लेप लगाने पर भी हमारे लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकती है जैसे ककड़ी के रस में तेल पका कर लगाने से बाल बढ़ते हैं तथा वे स्वस्थ, चमकीले व लम्बे होते हैं। ककड़ी का रस सीधे भी बालों में लगा सकते हैं। ककड़ी की बारीक चटनी का लेप मुख, नेत्र व ग्रीवा पर करके 30 मिनट तक छोड़ दें, सौन्दर्य बढ़ता है। ककड़ी का रस खाली पेट लिया जा सकता है।

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लेकिन खाली पेट ककड़ी खाने से किसी-किसी को गैस की शिकायत हो सकती है। ककड़ी या खीरा तथा अन्य ग्रीष्मकालीन सब्जियों और फलों को खाते समय किसी प्रकार का पेय न लें। खाने के एक घंटे पूर्व तथा बाद में लें अन्यथा अजीर्ण, गैस, दस्त तथा जुकाम आदि हो सकता है। इसके रस से त्वचा व नेत्र की जलन दूर होती है, नींद अच्छी आती है। प्राय: लोगों की शिकायत होती है है ककड़ी गैस बनाती है लेकिन इसके खूब चबा-चबा कर खाने से कोई शिकायत नहीं होती है। ककड़ी तथा इसका रस ग्रीष्म ऋतु का उत्तम आहार एवं औषधि है जो अपने शीतल प्रभाव से मन, मस्तिष्क तथा स्नायु कोशिकाओं को तृप्ति एवं स्वास्थ्य प्रदान करता है। यह गर्मी तथा लू से हमको बचाती है।

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