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इस बार तो हो आइए नेशनल पार्क

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इस बार तो हो आइए नेशनल पार्क

वाइल्ड लाइफ का नाम सुनते ही,प्राकृति में लोटपोट होते जंगली ​जीवों कि तस्वीर एकाएक उभर आती है। ऐसे में जीव-जंतुओं के इन्हीं दुर्लभ नजारों का दीदार करना हो तो देश के नेशनल पार्क भी कम रोमांचक नहीं हैं।

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देश में जहां कुछ सिर्फ बब्बर शेरों कि दहाड़ों से गुंजते है तो वहीं मणिपुर का केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क दुनिया का एकमात्र तैरता नेशनल पार्क है। इसी तरह हर नेशनल पार्क की अपनी एक अलग विषेशता है। ऐसे में जो प्रकृति प्रेमी वाइल्डलाइफ का रोमांच लेना चाहते हैं, उनके लिए यह अच्छा समय है, क्योंकि देश के कई नेशनल पार्क मानसून के दौरान बंद हो जाते हैं।

प्रकृति को करीब से निहारने का मिलेगा मौका

बाघ, हाथी, तेंदुआ जैसे वन्य जीवों को करीब से निहारने की चाहत रखने वाले प्रकृति प्रेमियों के लिए उत्तराखंड क जिम कार्बेट नेशनल पार्क एक अच्छी जगह है। यह भारत के सबसे पुराने नेशनल पार्क में से एक है। उत्तराखंड में नैनीताल के पास हिमालय की पहाड़ियों पर स्थित इस पार्क की दिल्ली से दूरी करीब 260 किमी. है। करीब 520 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला यह पार्क दुर्लभ वन्य जीवों और वनस्पतियों के लिए मशहूर है।

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वर्ष 1936 में इसे हैली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। 1957 में इसका नाम बदल कर जिम कार्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया। यहीं पर सबसे पहले 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत हुई थी। यहां बाघ का दीदार करने के साथ-साथ हाथी, पैंथर, जंगली बिल्ली, फिशिंग कैट्स, पैंगोलिन, भेड़िए आदि पशुओं को देखा जा सकता है। कार्बेट में लगभग 650 पक्षियों की प्रजातियां भी पाई जाती हैं। यहां वाइल्डलाइफ सफारी के लिए अलग-अलग जोन बनाए गए हैं।

तरोताजा कर देगा प्रकृति का नजारा

शहर की भीड़भाड़ से दूर प्रकृति के बीच कुछ दिन तरोताजा होने के लिए काजीरंगा नेशनल पार्क, असम बढ़िया जगह और कोई नही हो सकती। यह एक सींग वाले गैंडे के लिए लोकप्रिय है। अगर यहां की सैर करनी हो तो 30 अप्रेल से पहले का प्लान बना लें, क्योंकि बारिश के कारण यह पार्क छह महीने के लिए बंद हो जाता है। करीब 430 वर्ग किलोमीटर में फैला यह पार्क ‘बिग फाइव’ के प्राकृतिक आवास के रूप में भी लोकप्रिय है।

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बिग फाइव यानी गैंडा, हाथी, बाघ, स्वाम्प हिरण और जंगली भैंस। इसके अलावा, काजीरंगा में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी भी पाएं जाते हैं। यहां हाथी पर बैठकर पार्क की सैर और जंगली जानवरों को करीब से देखने का रोमांच ही कुछ और है। यह गुवाहाटी से करीब 217 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां का निकटतम एयरपोर्ट जोरहाट है, जबकि निकटतम रेलवे स्टेशन दीमापुर है।

हरियाली से भरपूर

मध्य प्रदेश का बांधवगढ़ नेशनल पार्क विभिन्न वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास है। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित इस पार्क को 1968 में नेशनल पार्क घोषित किया गया था। यह बाघों के लिए प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध सफेद चीते की खोज यहीं हुई थी। समुद्र तल से करीब 800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह पार्क करीब 450 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां सड़कों के बीचों-बीच बाघों को आसानी से देखा जा सकता है।

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इस पार्क को तीन जोन में विभाजित किया गया है-ताला, मग्डी और बमेरा। ताला जोन बाघों को देखने के लिए उपयुक्त है। मग्डी जोन में हाथियों को देख सकते हैं। यहां घूमने पर आप बाघ, एशियाई सियार, धारीदार लकड़बग्घा, बंगाली लोमड़ी, राटेल, भालू, जंगली बिल्ली, भूरा नेवला और तेंदुआ सहित कई तरह के जानवर देख सकते हैं। बांधवगढ़ पार्क घूमने के लिए फरवरी से जून का महीना आदर्श माना जाता है।

मिलिए बब्बर शेर से

गिर नेशनल पार्क दुनियाभर में एशियाई बब्बर शेर के लिए जाना जाता है। यहां शेरों को अच्छी तादाद में देखा जा सकता है। जूनागढ़ नगर से करीब 60 किलोमीटर दूर यह पार्क करीब 1295 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां शेर के अलावा, तेंदुआ, जंगली सूअर, चित्तीदार हिरण, नीलगाय, चौसिंगा हिरण, चिंकारा आदि देखे जा सकते हैं। इस पार्क में एक विशाल जलाशय है, जिसमें मगरमच्छ देख सकते हैं। यहां मार्च से मई तक का समय शेरों को
देखने के लिए आदर्श माना जाता है।

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वाइल्डलाइफ का लुत्फ उठाइए

स्नो लैपर्ड देखने की चाहत रखने वाले प्रकृति प्रेमियों के लिए लद्दाख का हेमिस नेशनल पार्क एक अच्छी जगह है। यह पार्क करीब 4400 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला हुआ है। पार्क में स्तनधारी जीवों व पक्षियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां पर स्नो लैपर्ड के अलावा, एशियाई साकिन, भूरे भालू, तिब्बती भेड़िए, रेड फॉक्सभरल, भेड़ आदि देखे जा सकते हैं। यह पार्क ट्रैकिंग का लुत्फ उठाने वाले पर्यटकों के लिए भी अच्छी जगह है। वैसे, पार्क के आसपास कोई होटल नहीं है, लेकिन आप यहां स्थित गांवों में रहकर वाइल्डलाइफ का लुत्फ उठा सकते हैं।

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होगा रोमांचित अनुभव

वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक माहौल में देखकर रोमांचित होना है, तो रणथंभौर नेशनल पार्क पहुंच जाइए। वर्ष 1981 में इसे नेशनल पार्क का दर्जा मिला था। यह अरावली और विंध्य की पहाड़ियों में फैला है। बाघ के अलावा, यहां चीते, सांभर, चीतल, जंगली सूअर, चिंकारा, हिरन, सियार, तेंदुए, जंगली बिल्ली, लोमड़ी आदि देखे जा सकते हैं। यहां पक्षियों की करीब 264 प्रजातियां पाई जाती हैं।

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फ्लोटिंग नेशनल पार्क

दुनिया का एकमात्र फ्लोटिंग यानी पानी पर तैरता हुआ नेशनल पार्क है, मणिपूर का केयबुल लामजाओ नेशनल पार्क। यह करीब 40 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है। यहां आप संगाई हिरण देख सकते हैं। संगाई के अलावा यहां हॉग हिरण भी मिलते हैं|

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