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फिल्में टीवी और अब दौर आया वेब सीरीज का

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फिल्में टीवी और अब दौर आया वेब सीरीज का

पहले जहां मात्र नाटक और नुक्कड़ नाटक लोगों के मनोरंजन के जरिया होते थे, बदलते दौर में पहले फिल्में, फिर टीवी और रेडियों के बाद शॉर्ट पिक्चर्स का दौर आया। जिन्हें व्यस्थत ​जीवनशैली में कभी भी देखा जा सकता है। वहीं अब इन्हीं मनोरंजन के बढ़ते साधनों के बीच फिल्मों के साथ साथ वेब सीरीज का चलन भी बढ़ रहा है। इनमें खास यह है कि यहां न तो सास बहू का ड्रामा होता है और न ही ब्रेक का झंझट। असल में वेब सीरीज उन लोगों के लिए एक बेहतर मंच प्रदान कर रहा है जिन के पास आइडिया है और लेखन की कला है।

क्या है कॉन्सेप्ट

वेब सीरीज स्क्रिप्टेड वीडियोज की सीरीज हैं जो अलग अलग विषयों पर आधारित होती हैं। आज के समय में इन्हें वेब टेलीविजन कहा जाए तो गलत नहीं है। इन में एक कहानी को 4-6 ऐपिसोड में दिखाया जाता है और ये ऐपिसोड भी 15 से 45 मिनट के होते हैं, जिस की वजह से उबाऊ भी नहीं लगते।

क्यों है खास

वेब सीरीज की सब से बड़ी ताकत है बोल्ड कॉंन्टेंट, इन के लिए ऐसे विषयों का चुनाव किया जा रहा है, जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी परेशानियों से जुड़े हैं। दरअसल, आज टीवी चैनलों पर यूथ आॅडियंस से संबंधित कॉन्टेंट कम है। यहां या तो सासबहू वाले टीवी सीरियल्स हैं या फिर नाचगाने वाले रिएलिटी शो, इसी वजह से यूथ इंटरनेट की तरफ बढ़ रहे हैं।

यहां उन्हें उन की पसंद के विषय मिलने के साथ साथ उन से जुड़ने का मौका भी मिल रहा है। वेब सीरीज की खास बात यह है कि इन में हर ऐपिसोड एक अंतराल के बाद आता है, जिस से दर्शकों के बीच उत्सुकता बनी रहती है कि आगे क्या होगा। साथ ही इन सीरीज में सैंसरशिप से नहीं जूझना पड़ता, न ही सैंसर बोर्ड से पास होने का इंतजार करना पड़ता है। इसलिए इसमें  क्रिएटिविटी दिखाने की पूरा मौका मिलता है।

बढ़ रहा है क्रेज

यूट्यूब से मिलते रैवेन्यू एड प्लेसमैंट और विभिन्न ब्रैंड्स के साथ टाइअप से आते धन के अलावा 3जी और 4जी के आगमन और स्मार्टफोन के इस्तेमाल ने एंटरटेनमेंट का नया माध्यम बनाया है। इन में सिर्फ वन वे कम्युनिकेशन नहीं होता कि आप ने कुछ भी बना कर डाल दिया और दर्शकों ने देख लिया बल्कि इन में दर्शक लाइव, शेयर व कमैंट के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करते हैं कि वे क्या देखना चाहते हैं और क्या नहीं। उन्हें कौन सी चीजें खराब लगीं और वे किन चीजों में सुधार चाहते हैं। यह सीरीज 15 से 45 मिनट की होती है जिस में सीमित या यों कहा जाए कि इस में न के बराबर ऐड होते हैं जिन्हें फौरवर्ड या स्किप करना आसान होता है।

इन वेब सीरीज का सब से बड़ा फायदा यह है कि इन्हें कहीं भी, कभी भी देख सकते हैं। इन्हें एक तय समय पर देखने की जरूरत नहीं है, आप इन्हें आॅनलाइन और आॅफलाइन दोनों प्रकार से देख सकते हैं। अगर आप के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है तो आप अपने दोस्तों से अपने फोन, टैबलेट व लैपटौप में ले कर देख सकते हैं। इस के अलावा इन वेब सीरीज को यूट्यूब आॅफिशियल वेब चैनल और इन के एप में भी देखा जा सकता है। एप में देखने पर यह फायदा होता है कि एप से आप को नोटिफिकेशन आते रहते हैं कि कब नया सीजन शुरू होगा और कौन सा ऐपिसोड आ गया है।

टैलेंट दिखाने का बैस्ट मंच

ऐसा नहीं है कि इस में केवल वही कलाकार काम कर रहे हैं जिन्हें बॉलीवुड में ब्रेक नहीं मिल रहा है, बल्कि इस में कई बौलीवुड स्टार भी काम कर चुके हैं, जिस में कल्की कोचलिन, स्वरा भास्कर, करणवीर मेहरा, परिणीति चोपड़ा, कुणाल कपूर, भूमि पेडनेकर, गचा चड्डा, रिया चक्रवर्ती, अली फजल जैसे कलाकार शामिल हैं। अब तो फिल्मों के डायरेक्टर भी वेब सीरीज में आ रहे हैं। अनुराग कश्यप की ‘गैंग्स औफ वासेपुर’ को भी वेब सीरीज में तबदील कर अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाया जा रहा है, जिसे खुद अनुराग कश्यप ने 8 हिस्सों की एक वेब सीरीज का फैलाव दिया है। साथ ही कम बजट और पोपुलर एक्टर न होने के बावजूद वेब सीरीज को काफी लोकप्रियता मिल रही है और इन में काम करने वाले कलाकारों को भी नेम व फेम मिल रहा है। ‘परमानैंट रूममेट्स’ से प्रसिद्ध हुए सुमित व्यास को आज वेब सीरीज का किंग कहा जाए तो गलत नहीं होगा। वैसे तो सुमित राइटर हैं, लेकिन वेब सीरीज के माध्यम से इन्होंने अपनी अभिनय कला को भी दिखाया है।

चर्चित वेब सीरीज

परमानेंट रूममेट्स

पिचर्स

बैंड बाजा बारात

मेंस वर्ल्ड

अलिशा

बेक्ड

बैड इंडियन

टेक कन्वरसेशन विद डेड

आॅन एयर विद एआईबी

ट्रिपलिंग

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