Home Headlines दो नए आईएएस पर बिगडे प्रशासनिक ढर्रे को सुधारना बडी चुनौति

दो नए आईएएस पर बिगडे प्रशासनिक ढर्रे को सुधारना बडी चुनौति

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दो नए आईएएस पर बिगडे प्रशासनिक ढर्रे को सुधारना बडी चुनौति
sirohi distric collecter abhimanyu kumar
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिले की दो प्रमुख पोस्ट पर सरकार ने दो नए आईएएस लगाए हैं। जिला कलक्टर के रूप में अभिमन्यु कुमार और माउण्ट आबू उपखण्ड अधिकारी के पद पर अरविंद पोसवाल के स्थान पर गोरव गोयल का पदस्थापित किया गया है।

जिला कलक्टर पर पिछले चार से बिगड चुके प्रशासनिक ढांचे को पटरी पर लाने की चुनौति है तो माउण्ट आबू के उपखण्ड अधिकारी के रूप में गोरव गोयल के पास अरविंद पोसवाल की तरह माउण्ट आबू की समस्याओं को समझकर उनका उपचार सुलझे हुए तरीके से करने की चुनौति है।

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अभिमन्यु कुमार बिहार मूल के हैं और 2011 बैच के आईएएस हैं। पब्लिक पॉलिसी में एमए और बीकॉम ऑनर्स करने के बाद आईएएस में चयनित अभिमन्युकुमार की जिला कलक्टर के रूप में यह पहली पोस्टिंग है। उनके पास यहां पाने के लिए सिद्धार्थ महाजन और बन्नालाल जैसे कलक्टर्स की तरह का विश्वास है। पिछले एक दशक से जिला कलक्टरों के मापदंड इन दो नामों से तय किए जा रहे हैं, ज्यादा पीछे जाने पर इनमें मनोज शर्मा का नाम भी शामिल हो जाता है।

अभिमन्यु कुमार सिरोही जिला कलक्टर बनने से पहले 2013 तक ट्रेनिंग में थे। इसके बाद करीब सवा साल उदपयुर के गिरवा के एसडीएम रहे। दो साल डीओपी में रहने के बाद  सिरोही जिला कलक्टर के रूप में तैनात करके बडी चुनौती सौंपी गई है। पिछ्ले 3 सालो मे जिले के प्रशासनिक अधिकारियो की लचर कार्यप्रणाली से जिलेवासियो का प्रशासन से उठ चुके विश्वास की पुनर्बहाली सबसे बडी चुनौति है।

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वहीं माउण्ट आबू के नव नियुक्त उपखण्ड अधिकारी गौरव गोयल के पास राजस्थान की सबसे चुनौति भरी सब डिविजन दी गई है। जितेन्द्र सोनी को छोड दिया जाए तो अरविंद पोसवाल से यहां के लोगों की कसौटी पर खरा नहीं के उपखण्ड अधिकारी यहां के लोगों की समस्याओं को समझने में नाकाम ही रहे हैं। जितेन्द्र सोनी और अरविंद पोसवाल के कदमों को आगे बढाते हुए इनके पास माउण्ट आबू की बडी चुनौतियां हैं।

2014 बैच के आईएएस गौरव अग्रवाल ट्रेनिंग के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के क्षेत्र झालावाड में अंडर ट्रेनी सहायक कलेक्टर रहे हैं। इसके बाद मसूरी में दूसरे चरण की ट्रेनिंग करके भारत सरकार के सहकारिता और किसान वेलफेयर मंत्रालय में सहायक सचिव रहे हैं। इसके बाद माउण्ट आबू में नियुक्त किए गए हैं।