Home Breaking राहुल गांधी-अखिलेश यादव ने किया 300 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा

राहुल गांधी-अखिलेश यादव ने किया 300 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा

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राहुल गांधी-अखिलेश यादव ने किया 300 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा
UP election 2017 : Rahul Gandhi, Akhilesh Yadav claims alliance will get 300 plus seats
UP election 2017 : Rahul Gandhi, Akhilesh Yadav claims alliance will get 300 plus seats
UP election 2017 : Rahul Gandhi, Akhilesh Yadav claims alliance will get 300 plus seats

लखनऊ। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने यहां संयुक्त प्रेस वार्ता में दावा किया कि उनका गठबन्धन यूपी में 300 से ज्यादा सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रहा है। दोनों ने विभिन्न मुद्दों पर मीडिया के सवालों का भी जवाब दिया।

सूबे में ’27 साल यूपी बेहाल’ के स्लोगन पर सवाल पूछने पर राहुल ने कहा कि मैंने एक कार्यक्रम में ये बात कही थी कि अखिलेश अच्छा लड़का है उसे काम नहीं करने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दो रोल हैं। एक यूपी में कांग्रेस मजबूत हो और दूसरा देश में कांग्रेस की विचारधारा को फैलाना।

हम क्रोध और गुस्से की राजनीति को रोकना चाहते है। इसलिए ये गठबंधन मैंने किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश और मेरा रिश्ता है, दोस्ती है एक ये अलग बात है। हम यूपी के युवाओं को नई तरीके की राजनीति देना चाहते हैं। सपा और कांग्रेस में कई एक तरह की बातें हैं, इस पर हम चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों पार्टियों को इसमें आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि दोनों दलों को कुछ कॉम्प्रोमाइज करना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस झूठे वादे कर रहे हैं, उनका मुकाबला करने के लिए हम एक साथ काम कर रहे हैं। प्रेस कान्फ्रेंस में सोनिया गांधी और मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रचार करने के सवाल पर राहुल ने कहा कि मैं अपनी रणनीति को सार्वजनिक नहीं करूंगा।

उन्होंने कहा कि हमारी सोच है कि गंगा और यमुना की धारा को एक साथ लाया जाए। सभी एक विचारधारा के लोग एक साथ आएं। उन्होंने कहा कि लोग बताएं कि उत्तर प्रदेश के डीएनए में क्रोध नहीं है। भाई चारा है, प्रगति है। वहीं अखिलेश यादव ने इस मामले पर कहा कि हमें दोनों बड़े नेताओं का आशीर्वाद मिल जाए तो उसमें भी हम लड़ाई जीत जाएंगे।

मीडिया द्वारा गठबन्धन को 2019 तक ले जाने के प्रश्न पर राहुल ने कहा कि हमारा गठबंधन यूपी में साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए किया गया है। लोकसभा चुनाव में गठबंधन होगा या नहीं इस पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन विकल्प खुले हैं।

वहीं कैराना मामले में भाजपा द्वारा टास्क फोर्स बनाने की बात पर अखिलेश ने कहा कि टास्क फोर्स उन्हीं को पकड़ेगी। भाजपा द्वारा कांग्रेस और सपा के गठबन्धन पर लगाए गए आरोप कि भ्रष्टाचारी और गुण्डागर्दी करने वाले एक साथ आए हैं, इस पर राहुल ने कहा कि ये उनका एलांयस थोड़े ही है, भ्रष्टाचारी तो वह हैं।

विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी के प्रचार करने के सवाल पर राहुल ने कहा कि वह मेरी बहन हैं। मुझे पूरा सहयोग करती हैं। प्रचार के मामले पर वह स्वयं फैसला करेंगी। सपा के पांच साल और केन्द्र की मनमोहन सरकार को रेटिंग देने सम्बन्धी सवाल पर राहुल ने कहा कि अखिलेश की मंशा सही है, उन्होंने कोशिश पूरी की। उनकी नीयत भी साफ है। कांग्रेस चाहती है कि उन्हें मौका मिले, यही मेरे दिल में है।

उन्होंने कहा कि राजनीति नीयत पर होती है। आरएसएस और भाजपा की नीयत साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ बात करते हैं, स्टार्टटप और मेक इन इण्डिया की बात करते हैं, लेकिन उनकी मंशा सही नहीं है। भ्रष्टाचार की बात करने के बाद वह पंजाब में सुखबीर सिंह बादल के साथ खड़े हो जाते हैं। उनके बयानों में विरोधाभास नजर आता है।

उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की नीयत साफ थी, काम किया लेकिन कुछ कमियां रह गईं। हर सरकार में कुछ न कुछ कमियां रह जाती हैं, लेकिन यह इतिहास है। यूपीए-टू अब दोबारा नहीं आएगी। अब अगर आएगी तो यूपीए थ्री, फोर, फाइव, सिक्स आएगी।

उन्होंने कहा कि कोई यह नहीं कह सकता है कि अखिलेश यूपी में कुछ नहीं किया। अब वह नया प्लेटफार्म खड़ा करना चाहते हैं। कांग्रेस के पास देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद पॉलिसी मेकर हैं। वह पूरा स्ट्रक्चर हम यूपी की मदद में इस्तेमाल करेंगे।

राहुल ने 1996 में नरसिम्हा राव द्वारा बहुजन समाज पार्टी के साथ समझौता करने के बाद पार्टी का ग्राफ नीचे जाने और अब सपा से 21 साल बाद गठबन्धन के सवाल पर कहा कि इतिहास बदलता रहता है। यह कहना कि उस समय गठबंधन गलत था तो इस समय भी गठबंधन गलत है, यह कहना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि उस समय गठबंधन गलत था, इस समय ठीक है। कांग्रेस और सपा दोनों के लिए यह ठीक है।

वहीं रायबरेली और अमेठी की सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर पूछे सवाल पर राहुल ने कहा कि कांग्रेस कितनी सीटों पर लड़ेगी ये केन्द्रीय मुद्दा नहीं है। केन्द्रीय मुद्दा यह है कि भाजपा की झूठ की राजनीति, नोटबन्दी की राजनीति का खत्म करना है। राहुल ने इस मौके पर एक सवाल के जवाब में कहा कि मायावती और आरएसएस की तुलना नहीं की जा सकती।

मायावती का मैं व्यक्तिगत तौर पर सम्मान करता हूं। कांशीराम का भी वैसे ही सम्मान करता हूं। मायावती और भाजपा में अंतर है। भाजपा क्रोध फैलाती है, एक दूसरे से सभी को लड़ाती है, उसकी विचारधारा से देश को खतरा है। मायावती की विचारधारा से देश को खतरा नहीं है। सभी धर्मों के लोगों को एक साथ आना होगा।

राहुल ने विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के वोट एक दूसरे को ट्रांसफर होने के सवाल पर कहा कि जैसे इलाहाबाद में संगम होता है, उसी तरह दोनों दलों के वोट भी मिल जायेंगे। इससे पहले राहुल गांधी जहां सीधे एयरपोर्ट से ताज होटल पहुंचे। वहीं अखिलेश यादव मुख्यमंत्री आवास से पहुंचे। दोनों की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस से पहले गठबंधन का नया स्लोगन ‘यूपी को ये साथ पसंद है’ जारी किया गया।