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भारत-पाक वार्ता रद्द होने से अमेरिका निराश

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भारत-पाक वार्ता रद्द होने से अमेरिका निराश
US says disappointed that India-Pakistan dialogue called off
US says disappointed that India-Pakistan dialogue called off
US says disappointed that India-Pakistan dialogue called off

वाशिंगटन। भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच वार्ता रद्द होने पर अमेरिका ने निराशा व्यक्त की है।

विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका को इस बात से निराशा है कि वार्ता अब नहीं होगी, लेकिन वह चाहता है कि दोनों देशों के बीच औपचारिक वार्ता जल्द बहाल हो।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच रुस के उफा में हुई बातचीत हालांकि काफी रचनात्मक उत्साहवर्धक थी लेकिन इसका आगे न बढ़ पाना चिन्तित करता है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल इस्लामाबाद को यह अल्टीमेटम दिया कि पाकिस्तान अलगाववादियों के साथ बैठक पर आगे न बढने की प्रतिबद्धता जताये। इसे न मानते हुये पाकिस्तान ने कल रात में ही आज से होने वाली प्रस्तावित एनएसए स्तर की वार्ता रद्द कर दी। उफा में जुलाई में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात के दौरान पहली एनएसए स्तर की वार्ता पर सहमति बनी थी।

अमेरिका के दक्षिण एशियाई विशेषज्ञों ने भारत और पाकिस्तान के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तरीय बातचीत रद्द करने का दोषी पाकिस्तान को बताया है। अमेरिकी विचार समूह ‘वुडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर’ में साउथ एशिया एसोसिएट माइकल कुगेलमेन ने कहा कि पाकिस्तानियों ने हुर्रियत नेतृत्व को आमंत्रण दे कर बातचीत को ही ध्वस्त कर दिया। लेकिन भारत को अपनी प्रतिक्रिया ज्यादा सुनियोजित तरीके से देनी चाहिये थी। उन्होंने कहा कि बडे देश के तौर पर भारत को चाहिये था कि वे ज्यादा जिम्मेदार तरीके से काम करे।

अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान का रुख  कश्मीर पर अपनी पूरानी नीति के अनुसार ही था। हडसन इन्स्टीट्यूट में दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के निदेशक हक्कानी ने कहा कि  मोदी के नेतृत्व में भारत पुराने चलन को खत्म कर रहा है।

हक्कानी ने कहा कि कश्मीर पर पाकिस्तान का रुख बेमतलब है ।  पाकिस्तान के पास अपने गंभीर अंदरुनी मुद्दे हैं और उसे अपने लोगों को समृद्ध बनाने पर ध्यान देना चाहिए। एक अन्य अमेरिकी विचार समूह स्टिमसन सेंटर के माइकल क्रेपॉन ने कहा भारत के एजेंडे को  समझा जा सकता है लेकिन इससे पाकिस्तान की सरकार के लिये कई मुश्किलें पैदा हो गई जिसके  नतीजें  पूरी तरह अनुमानित  है।

अमेरिकी मीडिया में भारत पाकिस्तान के बीच गतिरोध को व्यापक कवरेज मिला है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने शीर्षक दिया है कि पाकिस्तान ने रोक का हवाला देते हुये भारत के साथ वार्ता रद्द की। इस खबर में कहा गया है पाकिस्तान की भारत में कश्मीरी अलगाववादियों से मिलने की योजना को लेकर दोनों देशों के बीच पैदा विवाद के चलते यह निर्णय हुआ। असहमति दोनों पक्षों पर भारी पडी क्योंकि दोनों ही वार्ता रद्द होने के लिए एक दूसरे पर दोषारोपण करने की स्थिति में हैं।

वाल स्टरीट जर्नल में कहा गया है कि दोनों ही पक्षों ने वार्ता को बाधित करने के प्रयास के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाया। खबर में कहा गया कि पाकिस्तान ने वार्ता से हटने के लिये उकसाया। भारत ने सीमा पार से होने वाली गोलीबारी में आई तेजी और भारत में दो आतंकी हमलों का हवाला दिया।  लॉस एंजिलिस टाइम्स के अनुसार, पाकिस्तान की प्रभावशाली सेना ने नवाज शरीफ को दरकिनार किये जाने का संकेत दिया जिससे नरेंद्र मोदी की सरकार में वार्ताओं को लेकर संशय हुआ।