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uttar pradesh : bjp leader kuldeep tomar on the run after shooting his wife
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मेरठ : संदिग्ध हालात में भाजपा नेता की पत्नी को लगी गोली, मौत

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मेरठ : संदिग्ध हालात में भाजपा नेता की पत्नी को लगी गोली, मौत

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मेरठ। मेडिकल थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर में संदिग्ध हालात में गोली लगने से घायल हुई भाजपा नेता कुलदीप तोमर की पत्नी पूनम की शनिवार की दोपहर उपचार के दौरान मौत हो गई।

पूनम की मौत के बाद उसके मायके वालों ने कुलदीप के खिलाफ हत्या की तहरीर देने की तैयारी कर ली है। शास्त्रीनगर एल-965 निवासी भाजपा नेता कुलदीप तोमर की पत्नी पूनम को शुक्रवार की देर रात संदिग्ध हालात में गोली लगने पर आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

कुलदीप का कहना था कि बेटी के स्कूल जाने को लेकर उनका पूनम से विवाद हुआ था, जिसके बाद वह अपनी पिस्टल अपने कान पर लगाकर खुद को गोली मारने की धमकी दे रहे थे। इसी दौरान हुई छीना-झपटी में गोली चल गई और पूनम की गर्दन में लग गई।

वहीं देर रात घटना की जानकारी मिलने पर पूनम के मायके पक्ष भी सहारनपुर से मेरठ के लिए रवाना हो गए। आनंद अस्पताल में पूनम को वेंटिलेटर पर रखते हुए डाक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताई थी। सुबह पूनम के पिता, भाई और अन्य रिश्तेदार भी अस्पताल पहुंच गए।

दोपहर तक चले अटकलों के दौर के बाद डॉक्टरों ने पूनम को मृत घोषित कर दिया। उधर, पूनम की मौत की जानकारी मिलते ही कुलदीप तोमर भी अस्पताल से लापता हो गया। घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

थाना प्रभारी के मुताबिक मृतका के भाई प्रवीन ने कुलदीप तोमर के खिलाफ हत्या की तहरीर देने की बात कही है। दोपहर तक चले कुलदीप को बचाने के प्रयास सूत्रों की मानें तो हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने शनिवार की सुबह ही पूनम के उपचार से हाथ खडे करते हुए जवाब दे दिया था, लेकिन इसके बावजूद परिजनों के दबाव में उसे मृत घोषित न करते हुए वेंटिलेटर पर रख गया।

दरअसल, ससुराल पक्ष के लोग मायके पक्ष के लोगों का रूख देखकर उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे थे। बच्चों की दुहाई देकर और अन्य कई रिश्तेदारों से बातचीत कराते हुए मायके वालों को इस बात के लिए राजी किए जाने के प्रयास होते रहे कि यदि पूनम को कुछ हो जाता है तो वह कुलदीप के खिलाफ कोई एक्शन न लें, वरना बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा।

वहीं मेडिकल थाने में आरोपी का अच्छे रसूख के चलते पुलिस भी मामले को दबाने का प्रयास करती रही। आखिरी समय तक यह प्रयास किया जाता कि किसी प्रकार घटना को 304 में दर्ज करा दिया जाए, जिससे केस में कुलदीप को राहत मिल सके।

लेकिन मायके पक्ष के लोगों ने किसी प्रकार के समझौते से इंकार कर दिया। उधर, अस्पताल के डॉक्टरों ने भी अधिक समय तक पूनम की मौत को छिपाए जाने से इंकार कर दिया, जिसके बाद पूनम को मृत को घोषित किया गया।