Home India सुंदरलाल पटवा का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

सुंदरलाल पटवा का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

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सुंदरलाल पटवा का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन
veteran bjp leader sunderlal patwa cremated at neemuch
veteran bjp leader sunderlal patwa cremated at neemuch
veteran bjp leader sunderlal patwa cremated at neemuch

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, संगठन के स्तंभ राजनीति के पुरोधा सुंदरलाल पटवा का पार्थिव शरीर हजारों की संख्या में जनसमुदाय के बीच कुकड़ेश्वर में पंचतत्व में विलीन हुआ।

पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह कार्यवाह सुरेश सोनी, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल जी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित केन्द्रीय मंत्री, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता अंत्येष्टि में शामिल हुए।

मुखाग्नि उनके भाई संपतलाल पटवा, समरथलाल पटवा, डॉ. विनोद पटवा एवं सुरेन्द्र पटवा ने दी। पटवा की अंतिम यात्रा उनके निज निवास फुलवारी से पटवा मांगलिक भवन होते हुए विश्राम घाट तक पहुंची। यात्रा मार्ग में हजारों की संख्या में आमजन ने पुष्पवर्षा कर स्व. सुंदरलाल पटवा को अंतिम विदाई दी।

पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि सुंदरलाल पटवा संगठन शिल्पी थे। संगठन गढ़ा और सबको साथ लेकर निरंतर संगठन और विचारों के प्रति निष्ठावान रहकर हमें सीख दे गए। उनके मन, क्रम, वचन और आचरण में दुर्लभ साम्य था जो हमेशा प्रेरणा कारक होता है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह कार्यवाह सुरेश सोनी ने सुंदरलाल पटवा को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि मौका गमगीन है। सभी व्यथित हैं| परंतु यह एक शाश्वत सत्य है। इसलिए करूणा की नहीं, आवश्यकता है कि पटवा जी के पौरूष से हम प्रेरणा लें। आगे बढ़े और संगठन के प्रति समर्पित रहें।

राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने कहा कि सुंदरलाल पटवा जी हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा संगठन के प्रति अटल निष्ठा हमारे लिए आदर्श है। पटवा जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके संपर्क में आना एक सौभाग्य था। उन्होंने संपर्क में आए व्यक्ति के मानस पर अमित छाप अंकित की।

एक विलक्षण सत्य यह है कि पटवा जी लोकप्रिय थे। लोग उन्हें जानते थे और उनके कहे को मानते भी थे। ऐसा संयोग अन्यत्र दुर्लभ है। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सुंदरलाल पटवा का राजनैतिक जीवन एक तपस्या और साधना का समग्र संगम है।

उन्होंने सर्वथा प्रतिकूलता के दौर में साहस को ईमान की तरह संजोया था। पराजय बोध फटकने नहीं दिया था। कठिनतम परिस्थितियों में एक राजनैतिक कार्यकर्ता का मनोबल कितना बुलंद रह सकता है, उसे उन्होंने जी कर दिखाया। कार्यकर्ता उनके जीवन से निर्भीकता, साहस और पराक्रम की सीख लेंगे यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता और मध्यप्रदेश सरकार की ओर से शोक श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आदर्श राजनेता, कुशल संगठक, सामाजिक सरोकार के निर्वाह में उनकी उदारता ने सभी को अपना मुरीद बनाया। निष्ठाओं का निर्वाह उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही।

उन्होंने एक समग्र जीवन जिस पराक्रम के साथ जिया उसी बेफिक्री के साथ महाप्रयाण किया। चौहान ने कहा कि पटवा जी ने एक शाश्वत सीख दी और जीकर भी बता दिया कि जिस साहस और पराक्रम के साथ जीना है। उसी मनोभाव से महाशांति में विलीन हो जाना है। जिन्दगी और मौत को एक मनोभाव से गले लगाना है।

पटवा जी ने कभी पराजय बोध को समीप फटकने नहीं दिया। असंदिग्ध रूप से वे मानते थे कि हार ही सफलता का आधार है। हार के बाद भी पराजय बोध से ग्रसित नहीं होना सही कार्यकर्ता की पहचान है। कार्यकर्ताओं के लिए पटवा जी ने जीवन पर्यन्त सेवा समर्पण और त्याग तपस्या का संदेश दिया।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ की जनता और सरकार की ओर से दिवंगत नेता को श्रद्धासुमन अर्पित किए और शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पटवा जी ने हमारे जैसे लाखों कार्यकर्ताओं को अंगुली पकडक़र चलना सिखाया।

कार्यकर्ताओं की पीढिय़ों का उन्होंने निर्माण किया और काबिल बनाया। जिन्होंने राजनीति में अपना मुकाम बनाकर संगठन की कीर्ति को विस्तार दिया है। कार्यकर्ताओं में भरोसा और आत्मविश्वास जगाने की कला पटवाजी से सीखना होगी, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरेन्द्र नाहटा ने कहा कि सुंदरलाल पटवा की जीवटता, जिजीविषा और जिज्ञासुपन ने उनके व्यक्तित्व को समग्रता प्रदान की। राजनैतिक भेदभाव से परे वे सच्चे राजनयिक थे जो विरोध और असहमति में भी संवेदना, सरोकार बनाए रखने की कला में प्रवीण थे।

शोकसभा के उपरांत आगन्तुकों ने सुरेन्द्र पटवा और शोक संतप्त पटवा परिवार के प्रति अपनी गहन शोक संवेदना व्यक्त की और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया।

शोक श्रद्धांजलि सभा में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, थावरचन्द गेहलोत, फग्गनसिंह कुलस्ते, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक अरूण जैन, छत्तीसगढ़ के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, प्रेमप्रकाश पाण्डे, छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धर्मलाल कौशिक, अरविन्द मेनन, डॉ. सत्यनारायण जटिया, हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनकड़, माखन सिंह चौहान, विक्रम वर्मा, प्रदेश शासन के वरिष्ठ मंत्री गौरीशंकर शेजवार, जयंत मलैया, नरोत्तम मिश्रा, लालसिंह आर्य, अर्चना चिटनीस, रामपाल सिंह, दीपक जोशी, पारस जैन, प्रदेश उपाध्यक्ष सुदर्शन गुप्ता, प्रदेश महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा, सांसद मेघराज जैन, रोडमल नागर, सुधीर गुप्ता, कांग्रेस नेत्री मीनाक्षी नटराजन, युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पाण्डे, विधायक नीना वर्मा, कैलाश चावला, दिलीपसिंह परिहार, चेतन्य काश्यप, ओमप्रकाश सखलेचा, देवीलाल धाकड़,चन्दर सिंह, जगदीश देवड़ा, राधेश्याम पाटीदार, ललित पोरवाल, अमरसिंह यादव, रमेश शर्मा गुट्टू भैया, गोविन्द मालू, हेमंत हरित, विशाल राजौरिया सहित मंत्रीगण, सांसद, विधायक, प्रदेश पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं क्षेत्र की जनता ने भाव विह्ल होकर श्रद्धासुमन अर्पित किए।