Home Headlines अखिलेश को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाना बड़ी चूक : रामगोपाल यादव

अखिलेश को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाना बड़ी चूक : रामगोपाल यादव

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अखिलेश को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाना बड़ी चूक : रामगोपाल यादव
war erupts in samajwadi party parivar : Akhilesh yadav vs Shivpal singh Yadav
war erupts in samajwadi party parivar : Akhilesh yadav vs Shivpal singh Yadav
war erupts in samajwadi party parivar : Akhilesh yadav vs Shivpal singh Yadav

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के भीतर मचे अंदरूनी कलह को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने गुरूवार को लखनऊ पहुंचकर सफाई दी। रामगोपाल ने माना कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर पार्टी ने बड़ी गलती की है। अखिलेश से खुद इस्तीफा दिलवाना चाहिए था।

लखनऊ में गुरूवार को वीवीआईपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुये रामगोपाल ने पिछले तीने दिनों से चल रहे सियासी घटनाक्रम पर सफाई दी।

पार्टी की भीतर मचे घमासान पर पत्रकारों द्वारा पूछने पर रामगोपाल ने कहा कि मीडिया जानबूझकर इस मुददे को उठा रहा है। पार्टी में कहीं संकट नहीं है, संकट आपके दिमाग में है। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों में कभी-न-कभी ऐसी परिस्थतयां पैदा होती रहती हैं।

रामगोपाल ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलायी गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर इस तरह की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। महासचिव मैं ही हूं। बैठक तो मैं ही बुलाता हूं लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।

सपा नेता ने कहा कि पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक चुनाव को लेकर या जब किसी को बाहर करना होता है, तब बुलाई जाती है। इस मुददे को लेकर मुख्यमंत्री से आज मुलाकात होगी और उसके बाद आपको इसकी जानकारी दे दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के बयान को लेकर रामगोपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा है कि ज्यादातर फैसले उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कहने पर लिए हैं और कुछ फैसले उन्होंने स्वयं भी लिए हैं। देश के सबसे बडे मुख्यमंत्री होने के उनके पास यह अधिकार है कि वह स्वयं फैसले ले सकें।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि शिवपाल यादव नाराज नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि वह मंत्री हैं और आगे भी बने रहेंगे। बाहरी दखलअंदाजी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में रामगोपाल ने ज्यादा कुछ बोलने से इनकार कर दिया।

गौरतलब है कि उप्र में पिछले तीन दिनों से सियासी उठापटक का दौर जारी है। मुख्यमंत्री ने पहले गायत्री प्रसाद प्रजापति व राजकिशोर सिंह को बर्खास्त किया था और फिर अगले ही दिन उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव दीपक सिंघल की भी छुटटी कर दी थी।

इससे नाराज मुलायम सिंह ने अखिलेश को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का फरमान जारी कर दिया था। इस आदेश के बाद तिलमिलाए अखिलेश ने अपने चाचा और सूबे के कददावर मंत्री शिवपाल यादव का कद छोटा करते हुए उनसे सभी महत्वपूर्ण विभाग वापस ले लिए थे।

अखिलेश के इस फैसले के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि शिवपाल सरकार से इस्तीफा दे देंगे लेकिन बुधवार को दिल्ली में मुलायम सिंह से मुलाकात के बाद उनके सुर नरम पड़ गए और उन्होंने कहा कि वह इस्तीफा नही देंगे। शिवपाल ने कहा था कि संगठन का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर मुलायम ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है जिसको वह मजबूती से निभाएंगे।