Home Rajasthan Banswara सरकार चाहे तो मुफ्त दे सकती है बिजली : घनश्याम तिवाड़ी

सरकार चाहे तो मुफ्त दे सकती है बिजली : घनश्याम तिवाड़ी

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सरकार चाहे तो मुफ्त दे सकती है बिजली : घनश्याम तिवाड़ी
deen dayal vahini state president and bjp leader Ghanshyam Tiwari
deen dayal vahini state president and bjp leader Ghanshyam Tiwari
deen dayal vahini state president and bjp leader Ghanshyam Tiwari

बांसवाड़ा। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान में यदि सरकार चाहे तो आप सब लोगों को घर, कारखानों और खेतों में बिजली मुफ्त ही नहीं, इसे बनाने के लिए पैसा भी दे सकती है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे राज्य में 360 में से 300 दिन सूर्य निकलता है, जिससे सोलर एनर्जी बनती है। अगर सोलर एनर्जी के प्लांट सरकार की मदद से घरों और खेतों में लगा दिये जाएं तो प्रदेश का किसान खुद उर्जा निर्यातक बन जाएगा।

उन्होंने आर्थिक न्याय की बात करते हुए कहा कि भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, पर भारतीयों का नंबर 183वां है। दीनदयाल वाहिनी का सपना तब तक पूरा नहीं होगा जब तक कि प्रत्येक भारतीय भी 183वें स्थान से उठकर 5वें स्थान पर नहीं पहुंच जाता।

तिवाड़ी रविवार को बांसवाड़ा में सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था भारत के लिए पूंजीवादी व्यवस्था ठीक नहीं है। जब तक दूर दराज में बसी ढाणी में रहने वाले व्यक्ति को भी उतनी सुविधा न मिले जितनी की दिल्ली में रहने वाले व्यक्ति को मिलती है, तब तक बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लाभ नहीं है।

deen dayal vahini state president and bjp leader Ghanshyam Tiwari
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अब आजादी के आंदोलन से भी बड़ा आंदोनल होगा

घनश्याम तिवाड़ी ने अपने लोकसंपर्क अभियान के बारे में बताते हुए क​हा कि वे लोकसंपर्क अभियान को फरवरी तक जारी रखेंगे और फिर विधानसभा में प्रदेश की सारी समस्याओं को विधानसभा में उठाएंगे। यदि वहां पर आमजन व किसानों के हित में फैसले नहीं लिए गए तो आजादी के आंदोलन से भी बड़ा ​आर्थिक व उर्जा स्वातंत्र्य के लिये आंदोलन किया जाएगा।

दीनदयाल वाहिनी का सपना तब तक पूरा नहीं होगा जब तक कि प्रत्येक भारतीय भी 183वें स्थान से उठकर 5वें स्थान पर नहीं पहुंच जाता। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि जब सामाजिक समरसता, आर्थिक न्याय और बिजली स्वातंत्र्य की प्राप्ति के आंदोलन का जब शंखनाद होगा तो सभी को अपने घरों से बाहर निकल कर साथा आना होगा।

अग्रिम पंक्ति में खड़े होंगे किसान व ​गरीब

तिवाड़ी ने कहा कि मैंने प्रदेश में एक लाख किलोमीटर की यात्रा कर, गंगानगर से लेकर बांसवाड़ा तक और धौलपुर से लेकर बाड़मेर तक जाकर छोटी छोटी बैठकों में इन विषयों पर अपना मत रखा तो उसका सार निकला कि सारा राजस्थान इस बात से सहमत है। इसलिए इस लोकसंपर्क अभियान के माध्यम से हमें जरूरत है बिजली स्वातंत्र्य और आर्थिक न्याय जैसी बातों को लागू कराने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि जब स्व. भैंरोसिंह जी ने इसके लिए प्रयत्न किया तो अंत्योदय योजना प्रारंभ हुई, वाजपेयी जी ने जब इस पर काम किया तो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू हुई और मुरली मनोहर जोशी जी ने शुरू किया तो सर्व शिक्षा ​अभियान की नींव रखी।

आज जब बिजली स्वातंत्र्य और कर्ज मुक्ति आर्थिक न्याय का काम हम प्रारंभ करते हैं तो हमारे किसान और गरीब सबसे आगे वाली पंक्ति में नजर आएगा और यही दीनदयाल उपाध्याय का सपना था। तिवाड़ी ने कहा कि ये सोचनीय है कि जब भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है तब भारतीय क्यों कर्ज में डूब रहा है।

हमारा भविष्य इस आर्थिक केंद्रीयकरण को तोड़कर पूंजी के विकेंद्रीकरण में है। आमजन के हित में पूंजी का विकेंद्रीकरण हो ऐसा दीनदयाल उपाध्याय चाहते थे, इसीलिए हमने ​दीनदयाल वाहिनी का निर्माण कर गांव गांव में लोकसंपर्क अभियान का कार्य कर रहे हैं।

त्रिपुरा सुंदरी की पूजा कर मांगा आशीर्वाद

वांगड़ यात्रा के दूसरे दिन घनश्याम तिवाड़ी बांसवाड़ा में त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन करने मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने पूजा अर्चना कर अपने ​अभियान की सफलता के लिए आर्शिवाद मांगा। इस दौरान उनके साथ पूर्व एमएलए दूलीचंद महेड़ा और दीनदयाल वाहिनी के कार्यकर्ता भी थे।

घनश्याम तिवाड़ी का बांसवाड़ा के तलवाड़ा बस स्टैंड, तलवाडा गोशाला, सलूम्बर, जल्लारा, आसपुर, घाटोल, सागवाड़ा आदी स्थानों पर भव्य स्वागत किया। वे वांगड़ प्रवास के अंतिम ​दिन सोमवार को डूंगरपुर में आयोजित सभाओं को संबोधित करेंगे।