Home World Europe/America विकिलिक्स के संस्थापक असांजे की इक्वेडोर एम्बेसी में चौथी सालगिरह

विकिलिक्स के संस्थापक असांजे की इक्वेडोर एम्बेसी में चौथी सालगिरह

0
विकिलिक्स के संस्थापक असांजे की इक्वेडोर एम्बेसी में चौथी सालगिरह
WikiLeaks founder julian Assange's fourth anniversary inside Ecuador Embassy
WikiLeaks founder julian Assange's fourth anniversary inside Ecuador Embassy
WikiLeaks founder julian Assange’s fourth anniversary inside Ecuador Embassy

नई दिल्ली। विकीलिक्स के संस्थापक जूलियन असांजे ने आज लंदन स्थित इक्वेडोर एम्बेसी में रहने की चौथी सालगिरह मनाई।

आज ही के दिन चार वर्ष पूर्व 2012 में असांजे ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का हवाला देते हुए दक्षिण अमेरिकी देशों से शरण दिए जाने की मांग की थी।

16 अगस्त 2012 में उसे लैटिन अमरीकी देश इक्वेडोर ने यह कहते हुए शरण दी थी कि उनके खिलाफ चलाया जा रहा मामला राजनीति से प्रेरित है।

असांजे का जन्म 3 जुलाई 1971 को न्यू क्वीनसलैंड आस्ट्रेलिया में हुआ था। 16 साल की उम्र में ही उन्होंने अपना कम्पयूटर हैकिंग का केरियर शुरु कर दिया था। उनका नियम था कि कम्पयूटर को नुकसान मत पहुंचाओ, उसमें से जानकारी को न बदलो बस उस जानकारी को सांझा करो।

1991 में उन्हें एक कंपनी की नोर्टल के कम्पयूटर सिस्टम में दाखिल होने पर जेल जाना पड़ा था। बाद में उन्हें थोड़ा सा जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया। प्रतिपक्ष कोर्ट में यह साबित नहीं कर पाया कि असांजे ने ऐसा किसी गलत मंशा से किया था।

2006 में असांजे ने विकीलिक्स की स्थापना की और एशियाइ देशों में भ्रष्टाचार को उजागर किया । चीन और रूस को निशाना बनाने के अलावा विक्किलिक्स ने पश्चिम के बड़ी व्यापारिक कंपनियों को भी अपना निशाना बनाया। भ्रष्टाचार के मामले उजागर करने पर उन्हें यूके मीडिया अवार्ड से भी नवाजा गया।

जुलाई 2010 में विकीलिक्स ने 77 हजार अफगान लड़ाई से जुड़े गुप्त दस्तावेज सार्वजनिक किए। उसी साल नवंबर में उसने अमेरिका के राजनीयिक दस्तावेज जारी कर दिए।

दुनियाभर से धमकियां मिलने के बाद असांजे स्वीडन में जाकर बस गये जहां उनके खिलाफ स्थानीय पुलिस ने दो महिलाओं के साथ रेप के आरोप लगाते हुए वारंट जारी किया। असांजे ने इस बात से इंकार किया। बाद में उसके खिलाफ इंटरपोल का वारंट जारी हुआ।

लंदन पुलिस ने दिसंबर 2010 में असांजे को गिरफ्तार कर लिया। जिसके कुछ समय बाद स्थानीय उच्च न्यायालय ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया।

फरवरी 2011 में ब्रिटेन के सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें प्रत्यर्पित किए जाने की अनुमति दे दी। मई 2012 में सर्वोच्च न्यायालय के निराशा हाथ लगने के बाद उसी साल असांजे ने इक्वेडोर दूतावास में शरण ली।