Home Delhi संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से संभव

संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से संभव

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संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से संभव
Winter session of Parliament may start on December 15
Winter session of Parliament may start on December 15
Winter session of Parliament may start on December 15

नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से आरंभ हो सकता है। सरकार गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पूरा होने के तुरंत बाद संसद सत्र बुलाने पर विचार कर रही है। इस बीच दिवाला व दिवालियापन संहिता संशोधन अध्यादेश पर राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद संसद सत्र बुलाने की तिथि की घोषणा हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बुधवार को हुई बैठक में यह तय हुआ है कि संसद का शीतकालीन सत्र पांच जनवरी तक चलेगा। जाहिर है कि सत्र के दौरान 13 बैठकें होंगी।

सत्र की तिथियों की आधिकारिक घोषणा दिवाला व दिवालियापन संहिता संशोधन अध्यादेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर होने के एक-दो दिन बाद हो सकती है, क्योंकि अध्यादेश की अधिघोषणा संसद सत्र के जारी रहने के दौरान नहीं की जा सकती है। संसद का सत्र जब औपचारिक रूप से शुरू हो जाता है तो संसद को सत्राधीन माना जाता है।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए बुधवार को यह साफ किया कि संसद का शीतकालीन सत्र नियमित सत्र रहेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथियों के बीच संसद का सत्र आरंभ नहीं होगा।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जेटली ने पत्रकारों को बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र होगा और यह नियमित सत्र होगा। हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि शीतकालीन सत्र नियमित होगा और गुजराज चुनाव की तिथियों के साथ नहीं होगा।

जेटली विपक्ष के आरोपों को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। विपक्ष की ओर से कहा गया था कि सरकार गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए नौ और 14 दिसंबर को होने वाले मतदान के पहले बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, वस्तु एवं सेवा कर और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के खिलाफ आरोपों को लेकर बहस से बचने की कोशिश कर रही है।

वित्तमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जब चुनाव होते हैं तो राजनीतिक दल जनता से सीधा संवाद करते हैं। चुनाव और संसद सत्र आमतौर पर एक साथ नहीं चलते हैं। यह परंपरा अतीत से ही चली आ रही है। यहां तक कि शीतकालीन सत्र भी लंबित हुए हैं, सत्र में रद्दोबदल किया गया है और टुकड़ों में सत्र का संचालन हुआ है।

जेटली ने कहा कि इस चुनाव में कम से कम हमारा तो बहुत कुछ दांव पर है। मुझे नहीं मालूम कि विपक्षी दल चुनाव अभियान में व्यस्त होंगे या नहीं, लेकिन हमारी तो व्यस्तता बनी रहेगी।

जेटली ने कहा कि पूर्व में आम चुनाव के दौरान तो बजट भी विलंब से पास हुआ है। संसद सत्र इसलिए स्थगित कर दिया गया, ताकि राजनीतिक दल चुनाव में हिस्सा ले सकें।

यह पूछे जाने पर कि क्या शीतकालीन सत्र 2018 की जनवरी तक चलेगा और एक नए सत्र के रूप में इसका संचालन होगा? जेटली ने कहा कि यह पहले ही तय हो चुका है कि जब शीतकाली सत्र शुरू होता है तो इसका संचालन जनवरी तक चलता है। यह इस साल कोई पहला सत्र नहीं होगा।

जेटली की यह टिप्पणी इस कयास के बीच आई है कि संसद का शीतकालीन सत्र गुजरात विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान 14 दिसंबर को समाप्त होने के बाद ही शुरू होगा।