Home Breaking अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश भंडारी के पुनर्निवाचन पर गतिरोध

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश भंडारी के पुनर्निवाचन पर गतिरोध

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अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश भंडारी के पुनर्निवाचन पर गतिरोध
World court judge Bhandari's re-election hits deadlock
World court judge Bhandari's re-election hits deadlock
World court judge Bhandari’s re-election hits deadlock

संयुक्त राष्ट्र। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश दलवीर भंडारी गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद में पांच दौर के मतदान के बाद दोबारा निर्वाचित होने में विफल रहे। अब सोमवार को होने वाले मतदान से ही उनके भाग्य का फैसला होगा।

असाधारण घटनाक्रम के बीच भंडारी साथी न्यायाधीश ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के साथ स्पर्धा की दौड़ में अभी शामिल हैं जब तक मतदान का अगला दौर शुरू नहीं हो जाता।

पांच न्यायाधीशों के निर्वाचन के लिए अब तक हुए मतदान में चार उम्मीदवार दोनों कक्षों में बहुमत, संयुक्त राष्ट्र महासभा में पांचवें दौर और सुरक्षा परिषद में चौथे दौर के बाद जीत के साथ निर्वाचित होने में कामयाब रहे हैं।

हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के तीन न्यायाधीश यानी आईसीजे-पदासीन अध्यक्ष फ्रांस के रोनी अब्राहम, उपाध्यक्ष, सोमालिया के अब्दुलकावी अहमद युसुफ और ब्राजील के एंटोनियो अगस्टो कैनकैडो ट्राइण्डेड और वकील से कूटनीतिज्ञ बने लेबनान के नवाफ सलेम अब तक के विजेताओं में शामिल हैं।

सुरक्षा परिषद की पांचवीं दौर और महासभा में छठी दौर के मतदान के बाद भंडारी महासभा में ग्रीनवुड के 76 मतों के मुकाबले 115 वोट के साथ बहुमत में थे, लेकिन परिषद में ब्रिटिश न्यायाधीश को नौ मत मिले जबकि भंडारी को सिर्फ छह मत।

परंपरागत रूप से सुरक्षा परिषद के पांचों सदस्यों के न्यायाधीशों का अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के लिए निर्वाचन होता रहा है लेकिन इस बार ब्रिटेन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है कि उसका उम्मीदवार गैर-स्थायी देश के उम्मीदवार के साथ मुकाबले में संघर्ष कर रहा है।

इसके विपरीत फ्रांस के अब्राहम को महासभा में लगातार अधिकांश मत मिले औैर परिषद में भी सभी 15 वोट उनके पक्ष में पड़े। भारत के लिए यह झटका है जोकि अपने उम्मीदवार के पक्ष में पर्याप्त समर्थन, खासतौर से परिषद में नहीं जुटा पाया।

निर्वाचन के आरंभिक दौर में भंडारी और सलेम के बीच एशियाई देश के कब्जे में परंपरागत रूप से रहने वाली सीट के लिए मुकाबला था, लेकिन सलेम भारत को पीछे छोड़ जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं।

सलेम मुकाबले में कड़ी चुनौती देने में कामयाब रहे क्योंकि उनकी उम्मीदवारी को 2016 में ताशकंद में आयोजित ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन यानी ओआईसी के विदेश मंत्रियों के बैठक में समर्थन दिया गया था और वह संयुक्त राष्ट्र में वर्षो तक लेबनान के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर उनके अच्छे संपर्क बन गए थे।

भारत ने भंडारी का नामांकन 19 जून के बाद करवाया था। बताया जा रहा है कि दूसरे किसी को उम्मीदवार बनाने पर विचार किया जा रहा था। वहीं, सलेम की उम्मीदवारी एक साल से भी ज्यादा समय पहले तय हो गई थी। भंडारी इससे पहले 2012 में जोर्डन के एवन शौकत अलखसनेह को पराजित कर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश पद के लिए चुने गए थे।