राजस्थान में भाजपा में कोई गुटबाजी नहीं : गजेन्द्र सिंह शेखावत

जैसलमेर। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भाजपा में धड़ेबंदी की चर्चाओं को गलत बताते हुए कहा कि राजस्थान में पार्टी में कहीं कोई धड़ा नहीं है।

शेखावत आज जैसलमेर दौरे पर आए तथा यहां मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी परिवार भाव से काम कर रही है। हम सबके नेता एक ही हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। उसी के नेतृत्व में चुनाव लड़े जाएंगे।

वसुंधरा राजे की सक्रियता के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे बीस साल तक राज्य में पार्टी की नेता रही हैं। इसलिए उनका इस बार भी सक्रिय होना गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर ही पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और राज्य में भाजपा की सरकार लाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

शेखावत ने कहा कि हर सरकार यह प्रयास करती है कि बजट के माध्यम से वह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करे, लेकिन गहलोत सरकार इसमें विफल साबित हुई है। इस सरकार के इस बजट को छोड़ भी दें तो अब तक के पिछले चार बजटों और चुनाव के दौरान जारी किए गए जन घोषणा पत्र को मिलाकर पांचों ही दस्तावेजों में की गई घोषणाओं में पचास फीसदी भी धरातल पर नहीं उतरीं।

उन्होंने कहा कि बात चाहे किसानों का कर्जा माफ करने की हो, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की हो, बिजली का बिल नहीं बढ़ाने की हो, संविदाकर्मियों को नियमित करने की हो या कोई अन्य बड़ी घोषणाएं हो, उनमें से कोई भी दिन की रोशनी नहीं देख पाई।

शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने जोधपुर लिफ्ट कैनाल बनाने की बात कही थी। वह भी पूरी नहीं हुई। गहलोत वसुंधरा राजे सरकार की इस बात के लिए आलोचना करते थे कि वह जोधपुर के साथ भेदभाव कर रही हैं, लेकिन पिछले चार साल में से दो बार बजट में घोषणा होने के बावजूद यह लिफ्ट कैनाल धरातल पर नहीं उतर पाई। बड़ी घोषणाओं का क्या हश्र है, यह इससे ही साबित होता है कि उनकी खुद की पार्टी के विधायक कभी अस्पताल में धरना देते हैं, कभी विधानसभा में सरकार को घेरते दिखाई देते हैं। देशभर में कांग्रेस और राज्य में सरकार वेंटिलेटर पर पहुंच गई है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि रिफाइनरी को पोकरण फससूंड पेयजल परियोजना से पीने के लिए एक घंटे तक पानी देने का निर्देश दिया गया था, लेकिन मुझे ग्रामीणों ने बताया कि रिफाइनरी अवैध रूप से जरूरत से ज्यादा पानी ले रही है। इस पर उन्होंने कलक्टर को मामले की जांच करने और जलदाय विभाग के अधिकारियों को इस पर आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है।

उन्होंने बातचीत में कहा वॉइस सैंपल पर कहा कि मेरा कभी वाइज सैंपल नहीं लिया गया है। पहले ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था यह कहकर खारिज किया था कि न्यायालय को यंत्र बनाकर अभियोजन अपनी अंतर मंशा की पूर्ति करना चाहता है। न्यायालय का दुरूपयोग करना चाहते हैं। एक साल की शांति के बाद सरकार फिर न जाने किसके दबाव में सेशन कोर्ट में अपील की गई थी। सेशन कोर्ट ने भी अपील खारिज कर दी थी।