जयपुर। जयपुरिया अस्पताल में लेक्टुलोज दवा की शीशी में फंगस नहीं बल्कि सेडीमेंटेशन पाया गया है जो लिक्विड सोल्यूशन में सामान्य समस्या है। जयपुरिया अस्पताल प्रशासन ने बुधवार को लेक्टुलोज दवा मामले में स्पष्ट करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि खबरों में बताया गया था कि जयपुरिया अस्पताल में मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के तहत वितरित की जाने वाली दवा लेक्टुलोज की शीशी में फंगस होने की शिकायत सामने आई है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह दवा कब्ज से राहत के लिए उपयोग में आती है।
उनका कहना है कि लिक्विड सोल्यूशन में सेडीमेंटेशन की सामान्य समस्या होती है। इसी कारण लिक्विड सोल्यूशन की प्रत्येक बोतल के लेबल पर एडवाइजरी के रूप में शेक वेल बिफोर यूज अंकित किया जाता है। चिकित्सको द्वारा मरीजों को दवा देते समय बताया भी जाता है कि दवा का उपयोग करने से पहले उसे अच्छी तरह से हिला लें।
राजस्थान मेडिकल सर्विसेज काॅरपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने बताया कि यह दवा यूनिक्योर इंडिया लिमिटेड ने निःशुल्क दवा योजना के तहत सप्लाई की है। फर्म द्वारा सप्लाई की गई इस दवा को गुणवत्ता जांच के लिए गत 21 जुलाई को एनएबीएल से मान्यता प्राप्त एवं निगम में अनुबंधित रूड़की, उत्तराखण्ड स्थित प्रयोगशाला में भिजवाया गया था, जिसकी रिपोर्ट में दवा मानक कोटि की पाई गई थी, उसके बाद ही दवा को वितरण के लिए राजकीय चिकित्सालयों में भेजा गया है।
हालांकि जयपुरिया अस्पताल में दवा में अशुद्धि की सूचना प्राप्त होते ही एहतियातन लेक्टुलोज दवा के बैचों को औषधि भंडार गृह, जयपुर मेडिकल कॉलेज में होल्ड कर दिया गया है। साथ ही, जांच के लिए दवा का नमूना राजकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में भेजा गया है।