किसी दवाब में ऑपरेशन सिंदूर रोकने के आरोप निराधार : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिन्दूर को किसी के दबाव में रोकने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा कि इस ऑपरेशन के सभी लक्ष्य तय समय में हासिल कर लिए गए थे और इसे किसी के दबाव में नहीं रोका गया।

सिंह ने आज सदन में पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक आपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो टालरेंस की नीति को पूरी दुनिया ने देखा और हम इससे पीछे हटने वाले नहीं हैं। ऑपरेशन सिन्दूर पूरी तरह सफल रहा और सेनाओं ने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया। उन्होंने कहा कि हमने किसी के दवाब में आकर इसे नहीं रोका बल्कि हमने दुश्मन के हर मंसूबे पर पानी फेरा है। हमारा मकसद युद्ध छेड़ना नहीं बल्कि हमें आतंकवादियों के ढांचों को नेस्तनाबूद करना था जिसे 22 मिनट में हासिल कर लिया गया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के स्तर पर संपर्क कर आग्रह किया गया था कि अब कार्रवाई रोक दी जाए। यह पेशकश इस शर्त के साथ स्वीकार की गई कि यह अभियान सिर्फ रोका जा रहा है और अगर भविष्य में कोई दुस्साहस हुआ तो अभियान फिर प्रारंभ होगा।

रक्षा मंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के लोग पूछते हैं कि हमारे कितने विमान गिरे, यह सवाल राष्ट्रीय भावनाओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता। जब लक्ष्य बड़े हों तो अपेक्षाकृत छोटे मुद्दे पर सवाल नहीं किए जाते। इससे देश की सुरक्षा, सैनिकों के सम्मान और उत्साह से ध्यान हट सकता है।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्ष को यह सवाल पूछना चाहिए था कि हमारी सेना ने पाकिस्तान के कितने विमानों को गिराया और कितने ठिकानों को ध्वस्त किया। उन्होंने कहा कि परीक्षा में पेन और पेंसिल के टूटने की चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि परीक्षाफल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सिंह ने कहा कि आज अगर विपक्ष प्रश्न पूछने में असफल है तो विपक्ष को मैं मदद करना चाहता हूं।

उन्होंने कहा कि जनता ने जब हमें विपक्ष की भूमिका दी थी, तो हमने उसे निभाया था। उन्होंने कहा कि 1962 में जब चीन के साथ युद्ध हुआ था, जब दुखद परिणाम आया तो हमने यह प्रश्न पूछा था कि हमारी देश की धरती पर दूसरे का कब्जा कैसे हुए। हमने यह प्रश्न पूछा कि हमारे सैनिक कैसे बड़ी संख्या में मारे गए। मशीनों और तोपों की चिंता न करके हमने देश की सीमा और सैनिकों की चिंता की। राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के तालमेल का बेमिसाल उदाहरण है और इसमें पाकिस्तान की हर हरकत का करारा जवाब दिया गया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर को अंजाम देने से पहले हर पहलू पर बहुत गहराई से अध्ययन किया गया था और यह विकल्प चुना गया था कि केवल आतंकवादियों और उनके ठिकानों को ही धवस्त करना है और पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति का निर्णायक प्रकटीकरण था।

सिंह ने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में 2014 के बाद उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। भारत आतंकवाद के हर रूप को समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार और सेना सब मिलकर देश की एकता अखंडता के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए सभी जरूरी कदम उ‌ठाए जाएंगे।

रक्षा मंत्री ने बताया कि हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की और निर्णायक कार्रवाई की पूरी छूट दी। इसके बाद हमारी सेना ने आतंकवादियों को उनके ठिकानों में घुसकर मार गिराया। सेना ने हमारे देश की माताओं और बहनों के सिन्दूर का बदला लिया है। यह सिन्दूर अब सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि शौर्य की गाथा बन चुका है। मैं बेहद सावधानी से कह रहा हूं, इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी और उनके हैंडलर मारे गए हैं। वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है, लेकिन हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी संख्या गलत न बताई जाए।

सिंह ने कहा कि हमने केवल जवाबी कार्रवाई की। पाकिस्तान ने हालांकि हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर हमला किया, लेकिन भारत ने इन सभी हमलों को विफल कर दिया। उन्होंने बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई पूरी तरह संतुलित और आत्मरक्षा के तहत की गई। पाकिस्तान की ओर से सात मई से लेकर 10 मई की रात तक मिसाइल और लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया गया। उनके निशाने पर हमारे सैन्य अड्डे थे, लेकिन हमारी रक्षा प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ने हर हमले को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान एक भी लक्ष्य को हिट करने में सफल नहीं हो पाया।

पाकिस्तान की आक्रामकता के जवाब में भारत की कार्रवाई न सिर्फ साहसिक बल्कि निर्णायक भी थी। हमारे सैनिकों ने इस मिशन को पूरी सफलता के साथ अंजाम दिया और राष्ट्र की सुरक्षा को सुनिश्चित किया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि शेर अगर मेंढकों को मारे तो उसका बहुत अच्छा संदेश नहीं जाता। भारत के सैनिक शेर हैं। पाकिस्तान जैसा, जो अपने अस्तित्व के लिए दूसरों पर आश्रित हो, उससे मुकाबले का मतलब है अपना स्तर कम करना। हमारी नीति है, आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना। हमारा पाकिस्तान विरोध उनकी आतंकवाद की नीति के कारण है।

उन्होंने भगवान राम और कृष्ण का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी प्रवृत्ति भगवान राम और भगवान कृष्ण से प्रेरित है, जो हमें शौर्य भी सिखाती है और धैर्य भी सिखाती है। हमने भगवान कृष्ण से सीखा शिशुपाल की 100 गलतियां माफ की जा सकती हैं, लेकिन अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है। इस सीख का हम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी विदेश और रक्षा नीति में प्रयोग कर रहे हैं। भारत पहले दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, लेकिन अगर कोई देश उसे धोखा दे, तो वह उसकी कलाई भी मरोड़ना जानता है।

उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर हमारे सामर्थ्य का प्रतीक था, जिसमें हमने दिखाया कि अगर कोई हमारे नागरिकों को मारेगा तो भारत चुप नहीं बैठेगा। हमारा राजनैतिक तंत्र और नेतृत्व बिना किसी दबाव के काम करेगा। हमारी मिसाइलें भौतिक सीमाओं को पार करेंगी, वीर सैनिक दुश्मन की कमर तोड़ देंगे। हम आतंकवाद के हर रूप और स्वरूप को समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य और साहस की सराहना करते हुए कहा कि छह-सात मई की रात हमारी सेना ने एक ऐतिहासिक ऑपरेशन को अंजाम दिया। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को अमानवीयता की चरम सीमा बताते हुए कहा कि हमलावरों ने लोगों की पहचान उनके धर्म के आधार पर की और उन्हें निशाना बनाया।

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