मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने सोमवार को मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई के मुंबई दौरे के दौरान प्रोटोकॉल का उल्लंघन किए जाने को लेकर राज्य के शीर्ष अधिकारियों की तीखी आलोचना की।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मूल निवासी न्यायमूर्ति गवई रविवार को सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुंबई आए थे। कार्यक्रम में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और मुंबई पुलिस आयुक्त सहित राज्य के प्रमुख अधिकारी अनुपस्थित रहे थे, जिसकी काफी आलोचना हो रही है, विशेषकर विपक्षी नेता इसके लेकर अधिकारियों पर निशाना साध रहे हैं।
वडेट्टीवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने लिखा कि महाराष्ट्र का एक बेटा जो दृढ़ संकल्प और समर्पण के माध्यम से न्यायपालिका के शीर्ष पर पहुंचा है, उसका अपने ही गृह राज्य में अपमान किया गया। क्या वरिष्ठ अधिकारी और सत्ताधारी प्रतिष्ठान न्यायपालिका से नाराज़ हैं? क्या वे बुनियादी प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर सकते? क्या इस चूक के लिए किसी को जवाबदेह ठहराया जाएगा?
उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति गवई ने वरिष्ठ राज्य अधिकारियों की अनुपस्थिति पर खुलकर अपनी निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि जब किसी संवैधानिक संस्था का प्रमुख पहली बार किसी राज्य का दौरा करता है, तो उनके स्वागत के तरीके पर विचार किया जाना चाहिए। ये मामूली बातें लग सकती हैं, लेकिन इनका महत्व कम नहीं किया जा सकता।
न्यायमूर्ति गवई ने लोकतंत्र के स्तंभों के बीच परस्पर सम्मान के सिद्धांत को रेखांकित करते हुए कहा कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका संविधान के समान अंग हैं। यह जरूरी है कि प्रत्येक एक-दूसरे के प्रति उचित सम्मान दिखाए।
उन्होंने अनुपस्थित अधिकारियों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रोटोकॉल के बारे में कुछ भी नया नहीं है। यह एक संवैधानिक प्राधिकरण से दूसरे के प्रति सम्मान दिखाने के बारे में है। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि अगर हम में से कोई भी इस पद पर होता, तो अनुच्छेद 142 के बारे में बहस हो सकती थी। उन्होंने उच्चतम न्यायालय की किसी भी मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने की शक्ति का हवाला दिया।
मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, डीजीपी और मुंबई पुलिस आयुक्त ने बाद में दादर में चैत्यभूमि की यात्रा के दौरान न्यायमूर्ति गवई से मुलाकात की थी।