विद्यासागर तपोवन में होंगे अभूतपूर्व पर्वराज पर्युषण के मांगलिक आयोजन

आठ धार्मिक नाटिकाओं के माध्यम से होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
अजमेर। विद्यासागर तपोवन में अभूतपूर्व पर्वराज पर्युषण के मांगलिक अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान आठ धार्मिक नाटिकाओं की प्रस्तुति होगी। आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के शिष्य मुनि संकल्प सागर महाराज व मुनि सदभाव सागर महाराज के सान्निध्य में पर्युषण के भव्य कार्यक्रम होंगे।

19 सितंबर से पर्युषण पाव कार्यक्रम विद्यासागर तपोवन छतरी योजना में आयोजित होंगे। 28 सितंबर तक इस महामहोत्सव में प्रतिदिन प्रात:काल श्रीजी के अभिषेक एवं शांति धारा होगी और दोनों मुनि के सान्निध्य में दश लक्षण महामंडल विधान पूजन होगी।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत आयोजन में अजमेर जैन समाज के स्थानीय महिला मंडल विशेष भूमिका निभा रहे हैं। सभी स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान किया जा रहा है जिसके तहत आठ धार्मिक नाटिकाओं का मंचन होगा।

19 सितंबर को पांच पांडवों को वैराग्य का मंचन जागृति मंच, 20 सितंबर राजा श्रेणिक रानी चेलना नाटिका मंचन सखी ग्रुप, 21 सितंबर को पूजा का फल धार्मिक नाटिका की प्रस्तुति सर्वोदय कॉलोनी महिला मंडल देगा। 22 सितंबर को सती अंजना धार्मिक नाटिका का मंचन पंचशील महिला मंडल, 23 सितंबर को दस धर्म पर आधुनिक चर्चा सोनी नगर महिला मंडल करेगा।

24 सितंबर फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। 25 सितंबर को अनंगसरा का महातप
धर्म प्रभावना ग्रुप, 26 सितंबर को भगवान पार्श्वनाथ पर कमठ का उपसर्ग तपोवन महिला मंडल, 27 सितंबर को कुलभूषण देशभूषण दो भाई जागृति मंच तथा 28 सितंबर को प्रतिक्रमण होगा।

जैन समाज के छोटे-छोटे बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रम से जोड़ने के लिए एक दिन फैंसी ड्रेस कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें बच्चे जैन महापुरुषों, पंडित एवं सतियों की वेशभूषा में संवाद के माध्यम से प्रस्तुतीकरण देंगे।

श्री दिगंबर जैन मुनि संघ सेवक जाग्रति मंच के अध्यक्ष सुनील जैन होकरा ने बताया कि मंच का उद्देश्य है कि बाहर से किसी भी कलाकार को आमंत्रित नहीं किया जाए और अजमेर की छिपी प्रतिभाओं को मंच पर लाया जाए ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिल सके। इसके लिए अजमेर के सभी महिला मंडलों को इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम की जिम्मेदारी दी गई है।

धार्मिक नाटकों को लेकर जैन समाज का विशेष लगाव

मंच पर जैन पौराणिक कथाओं को लेकर नाट्य मंचन जैन संस्कृति की झलक दिखलाता है। जब भी मंच पर धार्मिक संस्कृति से जुड़े हुए नाटकों का मंच के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है सभी जैन बंधु बड़ी आत्मीयता के साथ इसे देख पाते हैं। नई जनरेशन को भी 1 घंटे के इस नाटक में सब कुछ जैन धर्म की जानकारी मिल जाती है। सभी जैन समाज के महानुभाव इन नाटिका को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं।

पिछले 15 दिनों से नाटक प्रस्तुत करने के लिए अभ्यास

पर्वराज पर्युषण में नाटिका प्रस्तुत करने के लिए सभी महिला कलाकार अपने मंडलों के साथ अपने घर एवं सामाजिक स्थलों पर अभ्यास कर रही है। समाज के बुजुर्ग और अनुभवी महिलाएं मंडल की महिलाओं को सहयोग कर रहे हैं। नाटक करने वालों में मुख्य रूप से 25 साल से लेकर 40 साल तक की महिलाएं विशेष रूप से सक्रिय हैं।