
परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-सिरोही।
प्रभारी मंत्री की फाइल में सिरोही का मौसम गुलाबी थे
मगर ये आंकड़े झूठे या दावे फरेबी हैं।
ये शेर अदम गोंडवी मूल शेर का परिवर्तित रूप है। ये शेर दिमाग में तब कौंधा जब सिरोही के प्रभारी मंत्री केके बिश्नोई अपने हाथ में अधिकारियों द्वारा दी गई मोटी फाइल पढ़ते हुए ये दावे कर रहे थे कि यहां सब चंगा सी। सरकार हो या आम आदमी, जब वो डिनायल मोड यानि नकारने के मोड पर रहता है तो वो किसी भी समाधान की कोशिश को दफन कर देता है। पत्रकार वार्ता शुरू होते ही वो इसी मोड पर दिखे।
उनके हिसाब से सिरोही में राम राज है। भ्रष्टाचार खत्म हो चुका है। अधिकारी उठते ही हर नागरिक को फोन लगाकर पूछते हैं कि नींद अच्छी आई या नहीं और रात को फोन करके पूरे दिन की स्थिति पूछ लेते हैं। कार्यकर्ताओं की ये शिकायत बेमानी है कि अधिकारी फोन नहीं उठाते। जनता झूठी है जो ये कहती है कि अधिकारी कार्यालयों में नहीं टिकते और न ही दूरभाष पर मिलते हैं। आम राजस्थानी के लिए बैड गवर्नेंस का प्रतीक बन चुकी राजस्थान सरकार के मुखिया के नाम के साथ कई विशेषण लगाकर उन्होंने पत्रकार वार्ता शुरू होते ही विपक्ष, जनता और अपने कार्यकर्ताओं की शिकायतों को दरकिनार कर दिया कि कोई समस्या है और इसी के साथ भविष्य में किसी निराकरण की आशा रखने का द्वार भी बंद कर दिए ।
– झंडी दिखाने और माला पहनाने को कार्यकर्ता नहीं मिल पा रहे
कार्यक्रम के दौरान भाजपा ही कार्यकर्ता चुटकी लेते नजर आए कि सिरोही प्रभारी मंत्री ने भजनलाल सरकार में जिले में इस कदर रामराज व्याप्त कर दिया है कि बिरसा मुंडा जयंती पर आबूरोड में उनके स्वागत व माला पहनाने को कार्यकर्ता नहीं मिले और न ही भजनलाल सरकार के 2 साल पूरे होने पर रथ रवाना करने के लिए झंडी दिखाने लिए साथ खड़े होने वाले कार्यकर्ता। जिला और सिरोही नगर की 120 की कार्यकारिणी में से आधे पदाधिकारी भी साथ खड़े हुए नजर नहीं आए। रामराज में इन कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को बिश्नोई काम में इतना ज्यादा व्यस्त कर दिया है कि वो शुक्रिया अदा करने के लिए इनके लिए भी टाइम नहीं निकाल पाते।
कार्यकर्ता इसकी असली वजह ये बताते हैं कि बिश्नोई की फाइल के बाहर भाजपा और जनता में उनके और सरकार के लिए मौसम स्याह है। समय प्रबंधन मामले में तो वो ओटाराम देवासी को टक्कर देने में लगे हैं। नीयत समय से तीन घंटे बाद विकास रथों को झंडी दिखाने पहुंचे। जिससे भी कई कार्यकर्ताओं ने उन पर अपना समय बर्बाद नहीं करने का निर्णय कर है घर जाने को प्राथमिकता दी। ये बात अलग है कि अधिकारियों की मजबूरी थी कि उन्हें इंतजार करना पड़ा। लेकिन यू के इंतजार की एवज में जनता को दफ्तरों में परेशान हों पड़ा। ऐसे में पिंडवाड़ा विधायक समाराम गरासिया, जिला प्रमुख अर्जुन पुरोहित, जिला महामंत्री गणपतसिंह और नरपत सिंह राणावत, सिरोही मंडल अध्यक्ष चिराग रावल, अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष भंवर मेघवाल, महीपालसिंह चारण, माणक सोनी, अजय ढाका, हरिमोहन गढ़वी आदि गिने चुने भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता ही साथ खड़े नजर आए।
आम नागरिक और कार्यकर्ताओं में विकास रथों को लेकर भी चुटकियां लेते नजर आए। उनका कहना था कि सरकार मध्यप्रदेश पासिंग रथ पर राजस्थान को विकास पर ले जाने का दावा करने निकली है। संयम लोढ़ा की रैली के बाद पहली पत्रकार वार्ता के बाद दूसरी पत्रकार वार्ता में भी ओटाराम देवासी की गैर मौजूदगी और जिला भाजपा की पत्रकार वार्ता गैर मौजूद भाजपा जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी की यहां मौजूदगी खुद भाजपा में चर्चा का विषय थी। उनका मानना था कि जिला स्तरीय पत्रकार वार्ता देवासी और जिलाध्यक्ष करते तो जनता कार्यकर्ताओं को कई सवालों के बेहतर जवाब मिलते जिनके जवाब प्रवक्ताओं के पास गैर मौजूद थे।
खुद कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों ने प्रभारी मंत्री के दौरे के दौरान अपनी गैर मौजूदगी की वजह बताते हुए बताया कि ये किसी की किसी समस्या के निराकरण नहीं करवा सकते तो इनके पीछे समय बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है। भाजपा में अंदरखाने ये चक्कल्लस है कि सिरोही में अपने करीबी अधिकारियों की पैरवी करने में यहां के नेताओं के साथ जयपुर में जनता के काम के लिए सिरोही में लगाए हुए नेता भी बराबर तत्पर रहते हैं। हाल में माउंट आबू के आयुक्त के एपीओ होने पर भी कार्यकर्ताओं में ये चर्चा चलने लगी थी कि सिरोही के नेताओं के साथ जयपुर से सिरोही की सेवा के लिए लगाए गए नेता भी जनहितार्थ तत्पर रहे। कार्यकर्ताओं में तो बकायदा उन अधिकारियों के नामों की भी चर्चा थी जिनके नाम लेकर सिरोही की पंचायत करने वाले बाहरी नेता सुबह सुबह स्वायत्त शासन मंत्री के पास पहुंच गए थे।
– क्या बोले पत्रकार वार्ता में
सिरोही में पत्रकार वार्ता में उन्होंने जयपुर और सिरोही के अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया कई पेजों को अभिभाषण पढ़ा। विकास की सूरत दिखाई। ये बात अलग है कि जिस आदिवासी पंचायत समिति में वो दौरा करके आए थे वहीं की आजादी के समय की सड़क की समस्या के सवाल पर वो ये जवाब देते नजर आए कि वन विभाग से मामला निपटते ही सड़क बन जाएगी। सिरोही के मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल जयपुर में रिश्वत लेते धराने के सवाल पर भी वो सरकार की पीठ थपथपाने वाला जवाब देते नजर आए, लेकिन इतने समय से अपनी लालसा के लिए छात्रों को परेशान करने के मामला हुआ क्यों ये नहीं बता सके ।
जमीनी हकीकत के विपरीत उनका उनका दावा था कि अधिकारियों को सरकार ने चेतावनी दे रखी है कि वो जनता के काम को त्वरित तत्पर रहें और कोई कोताही नहीं करें। बात अलग है कि एक दिन पहले ही आबूरोड के एक आत्महत्या के मामले में त्वरित पोस्टमार्टम की जरूरत पर अधिकृत दोनों अधिकारियो द्वारा अपना फोन बंद करे होने की शिकायत उनके ही कार्यकर्ता करते नजर आए।
डिनायल मोड पर आते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम हल्ला मचाना है और जिले में नरेगा में काम की कोई कमी नहीं है। भाजपा के ही कार्यकर्ता के द्वारा जनता उनके मंत्री ओटाराम देवासी और उनके पुत्र को वीडियो संदेश जारी करने को भी वो पहले तो विपक्ष की हरकत बताते रहे दोबारा बताया कि आपका ही कार्यकर्ता है तो बोले कि आंतरिक लोकतंत्र है, जब तक सिद्ध नहीं होता गलती नहीं होती।
पेयजल को लेकर तारीफ पुलंदे बांधने वाले प्रभारी मंत्री सालगांव परियोजना दो साल से टेंडर होने के बाद भी काम शुरू नहीं होने के सवाल पर पूर्व को गहलोत सरकार के प्रोजेक्ट की जांच की दलील तो देते रहे लेकिन निकट भविष्य में कब काम शुरू होगा इसका जवाब नहीं दे पाए। आबूरोड की गौशाला से गायब मिले गोवंश मामले में भी वो डिनायल मोड पर दिखे। उनका कहना था कि उनके अधिकारी गौशालाओं सर्वे करके टैग लगाते हैं। इसलिए पशुओं को वहां से बाहर निकलना मुश्किल है। उनके संज्ञान में ऐसा मामला नहीं आया है आएगा तो कार्यवाही करने का आश्वासन देते नजर आए। स्किल डेवलपमेंट के नाम पर नॉन कंपीटिटिव कोर्स करवाने से युवा के अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिभा के लिए तैयार होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ब्यूटी पार्लर पम्बरिंग के कामों की भी मांग है इसके अलावा अन्य कार्यक्रम भी शुरू किए हैं जिनसे युवा आगे आ सकें
।



