लंगड़े घोड़ों को रिटायर करना है : राहुल गांधी

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन काे मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए संगठन सृजन अभियान की शुरुआत करने आए पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने आज इस राज्य में गड़बड़ी करने वाले नेताओं को सख्त संदेश दिया और कहा कि हम लंगड़े घोड़ों को रिटायर करना चाहते हैं।

गांधी यहां प्रदेश कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान की शुरूआत करने आए थे। उन्होंने यहां रवींद्र भवन के सभागार में जिला और ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्षों के अलावा पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। गांधी ने कहा कि उन्होंने दो तरह के घोड़ों के बारे में सुना था। रेस का घोड़ा और शादी का घोड़ा। लेकिन मध्यप्रदेश में तीसरी प्रजाति भी है और वह है लंगड़ा घोड़ा। हमें लंगड़ा घोड़ा छांटना है और उन्हें घर में बिठाना है। रेस के घोड़े को रेस में भेजा जाएगा और बारात के घोड़े को बारात में। उन्होंने संकेतों की भाषा में कहा कि लंगड़ा घोड़ा जब डिस्टर्ब करता है, तो पता है क्या किया जाता है, उसके साथ, वह यह बोलना नहीं चाहते हैं।

गांधी ने संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्षों के चयन की नई प्रक्रिया के बारे में बताया और कहा कि अब वे ही प्रदेश कांग्रेस संगठन चलाएंगे। जिले का कोई भी नेता जिला अध्यक्ष के बगैर आगे नहीं बढ़ पाएगा और जिला अध्यक्षों की कार्यप्रणाली को भी कसौटी पर कसा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसलिए कांग्रेस कार्यसमिति ने तय किया है कि गुजरात के बाद मध्यप्रदेश में नए तरीके से संगठन सृजन किया जाए और फिर इसे अन्य राज्यों में भी लागू करेंगे।

गांधी ने अपने भाषण की शुरूआत में कहा कि कांग्रेस की एक विचारधारा है। यहां पर नेता और कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है। इसी सभागार में ऐसी मेधाएं बैठी हुई हैं, जो भाजपा का हरा सकती हैं। मगर इनके हाथ बंधे हुए हैं। क्योंकि इनकी आवाज संगठन में ठीक से सुनाई नहीं देती है। ऐसे लोग पार्टी की सेना है और ये लड़ने मरने के लिए तैयार हैं। लेकिन बीच में दो तीन लोग उल्टे सीधे बयान देते रहते हैं। कुछ लोग निराशा में इस तरह के बयान देते हैं तो कुछ थोड़ा भाजपा का काम भी कर लेते हैं। लेकिन अब हमें कहीं न कहीं शुरूआत करना है।

गांधी ने गुजरात में नए जिला अध्यक्ष चुने जाने का अनुभव साझा करते हुए कहा कि वहां पर दिल्ली से पर्यवेक्षकों को भेजा गया। उन्होंने लोगों से, वरिष्ठ नेताओं से बात की और नाम चुनकर पार्टी मुख्यालय भेजे। नए प्रस्तावित नामों और वर्तमान जिला अध्यक्षों की सूची में जमीन आसमान का अंतर नजर आया। एक में वरिष्ठ नेता का सहायक जिला अध्यक्ष है, तो दूसरी सूची में बेहतर संभावना वाले भविष्य का नेता।

उन्होंने कहा कि अब मध्यप्रदेश में भी पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर जिला अध्यक्ष बनाएंगे और उन्हें अधिकार संपन्न भी बनाया जाएगा। इनका काम भी समय समय पर कसौटी पर कसा जाएगा। चुनावों में पार्टी के वोट बढ़े या नहीं, इसका जवाब हां या नहीं में लिया जाएगा। वे पार्टी की विचारधारा के अनुरूप कार्य कर रहे हैं या नहीं। वे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ खड़े हैं या नहीं, यह सब देखा जाएगा। ऐसा कार्य करने वाले अध्यक्षों की राय के अनुरूप चुनावों में टिकट फाइनल किए जाएंगे।

गांधी ने कहा कि प्रदेश में पहले हम जिला स्तर पर नेता चुनना चाहते हैं। इसके बाद ब्लाक और पंचायत तथा वार्ड स्तर पर भी काम होगा। जो लोग पार्टी को आगे बढ़ाना चाहते हैं, ऐसे लोगों के साथ वे हमेशा खड़े हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जिस दिन भी यहां के 20 प्रतिशत लोगों ने मन बना लिया, वे भाजपा को पराजित कर सकते हैं।

इसके पहले गांधी ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक के साथ ही विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित किया। वे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में लगभग तीन घंटे बिताने के बाद रवींद्र भवन परिसर पहुंचे, जहां उन्होंने संगठन सृजन अभियान की शुरूआत की।

गांधी के भोपाल से रवाना होने के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संगठन प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और अन्य नेताओं ने मीडिया से बात की। चौधरी ने कहा कि आने वाले दिनों में केंद्रीय संगठन की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक प्रत्येक जिले में जाएंगे और उनके साथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से नियुक्त तीन तीन पर्यवेक्षक भी रहेंगे। ये सभी विभिन्न स्तरों पर चर्चा कर जिला अध्यक्ष के नाम के लिए छह नामों की सूची तैयार करेंगे। फिर पारदर्शी प्रक्रिया के तहत केंद्रीय संगठन की ओर से जिला अध्यक्ष घोषित किए जाएंगे। इसके बाद फिर विधानसभा क्षेत्र स्तर पर भी पर्यवेक्षक भेजकर संगठन को मजबूत बनाने के लिए काम किया जाएगा।

विपक्ष के नेता सिंघार ने कहा कि गांधी ने रेस के घोड़े और लंगड़े घोड़े की बात की है। हम लोग इस प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांधी के समक्ष डेढ़ वर्ष के दौरान प्रदेश संगठन की ओर से किए गए कार्यों को लेकर एक वीडियो क्लिप का भी प्रदर्शन किया गया।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस वर्ष 2003 से सत्ता से बाहर है। दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक कांग्रेस सिर्फ 15 माह के लिए सत्ता में रही, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने समर्थकों के साथ पाला बदलने के कारण मार्च 2020 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई। कांग्रेस को फिर वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भी शिकस्त खाना पड़ी। अब संगठन को मजबूती प्रदान करके पार्टी वर्ष 2028 में संभावित विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करते हुए नजर आ रही है। हालाकि उसके पहले भी राज्य में नगरीय निकायों के चुनाव होंगे।