जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी मंगलवार को फ्रांस और जर्मनी की सात दिवसीय यात्रा पर जाएंगे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार देवनानी इन दोनों देशों की यात्रा के लिए सुबह जयपुर से सड़क मार्ग द्वारा नई दिल्ली पहुंचकर वहां दोपहर में पेरिस के लिए रवाना होंगे। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के तत्वावधान में आयोजित इस अध्ययन यात्रा के दौरान देवनानी वहां दोनों देशों की संसदीय परम्पराओं का अध्ययन करेंगे।
देवनानी इस सात दिवसीय अध्ययन यात्रा के दौरान फ्रांस और जर्मनी की संसदीय प्रक्रियाओं और पद्धतियों का अध्ययन करेंगे। देवनानी राजस्थान विधानसभा में किये गये नवाचारों के अनुभवों को भी इस अध्ययन यात्रा के दौरान फ्रांस और जर्मनी के सांसदों से साझा करेंगे।
देवनानी का फ्रांस के अपर हाउस सीनेट और लोअर हाउस नेशनल असेम्बली तथा जर्मनी के अपर हाउस बुंडेसरात और लोअर हाउस के बुंडेसटाग अवलोकन करने का भी कार्यक्रम है। वह राष्ट्र मंडल संसदीय संघ के 68वें सम्मेलन से पूर्व विभिन्न देशों की संसदीय प्रक्रियाओं की जानकारी के लिये यह अध्ययन यात्रा कर रहे है।
देवनानी की फ्रांस और जर्मनी की यह यात्रा संसदीय सहभागिता, लोकतांत्रिक आदान-प्रदान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की दृष्टि से महत्वपूर्ण है और वह इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के राष्ट्रीय संसदों, स्थानीय विधान संस्थानों और विभिन्न सांस्कृतिक एवं शैक्षिक संस्थानों का भ्रमण कर उच्चाधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से विचार-विमर्श करेंगे। देवनानी इस अध्ययन यात्रा में डिजिटल विधायी प्रक्रियाओं और सामाजिक समावेशन पर भी विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे।
देवनानी दोनों देशों के संसद प्रमुख और वरिष्ठ सांसदों से मुलाकात करेंगे और संसदीय प्रक्रियाओं पर चर्चा करेंगे। श्री देवनानी का दोनों देशों में भारतीय मिशन के वरिष्ठ अधिकारियों, भारतीय प्रवासियों, रामाकृष्ण वेदांतिक केन्द्र के पदाधिकारियों और विज्ञान एवं तकनीक से जुड़े विशेषज्ञों, भारतीय समुदाय के प्रमुख लोगों से मुलाकात और चर्चा करने का कार्यक्रम है। वह दोनों देशों में भारतीय दूतावासों के उच्च अधिकारियों के साथ भी बैठक भी करेंगे। उनके साथ यात्रा में विधानसभा के प्रमुख सचिव भारत भूषण शर्मा भी जाएंगे।
इस अवसर पर देवनानी ने कहा कि यह यात्रा भारत की लोकतांत्रिक परम्पराओं और राज्य विधानसभाओं की क्षमताओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का सशक्त माध्यम होगा। उन्होंने कहा इससे निश्चित ही संसदीय कार्यों को और अधिक समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी।