जोधपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोटा और आपातकाल का विरोध करने वाले सेनानियों पर अमानवीय अत्याचार किए गए जिसे देश की जनता कभी नहीं भूल सकती।
शर्मा गुरूवार को जोधपुर के मारवाड़ इन्टरनेशनल सेन्टर में आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित संविधान हत्या दिवस-2025 कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने आपातकाल केवल सत्ता में रहने के लिए लगाया, क्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनका चुनाव निरस्त करने के साथ ही छह वर्ष के लिए उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान भारत माता की जय का नारा देने वाले एक लाख से अधिक लोकतंत्र सेनानियों को जेल में ठूंस दिया गया। कांग्रेस सरकार ने आरएसएस, जनसंघ, एबीवीपी और कई अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगाकर विरोध के स्वर को समाप्त करने का कुत्सित प्रयास किया। साथ ही, कांग्रेस सरकार ने देशभर में चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त कर लोकतंत्र का निरंतर तिरस्कार भी किया। लेकिन जनसंघ और आरएसएस ने भूमिगत रहकर पूरे देश में सत्याग्रह, पर्चा वितरण के माध्यम से कांग्रेस की तानाशाही के विरूद्ध मजबूत लड़ाई लड़ी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) एवं जनसंघ के कार्यकर्ताओं को कड़ी यातनाएं दी गई। इनमें जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह सहित तमाम विपक्षी नेता थे। अलोकतांत्रिक कानूनों के माध्यम से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की आजादी और मौलिक अधिकारों का दमन भी किया गया। शर्मा ने ‘जाके पांव न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई’ लोकोक्ति को उद्धृत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज भी कसा और कहा कि ये यातनाएं साधारण तब तक ही लगती हैं, जब तक आपके परिवार का कोई इसको नहीं झेले।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास है कि जब भी वह संकट में होती है, तो संविधान और देश की आत्मा के विरूद्ध कार्य करती है। इसने हमेशा सत्ता के लालच में देश हित पर कुठाराघात किया। देश का बंटवारा इसलिए हुआ, क्योंकि पं. जवाहर लाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। उन्होंने कहा कि आपातकाल के 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस तानाशाही की मानसिकता से नहीं उभरी है।
आज देश में जितने भी कांग्रेस शासित प्रदेश हैं वहां विरोध का दमन, तुष्टीकरण और सत्ता का अहंकार साफ दिखाई देता है। जब भी भ्रष्टाचार के मामलों में गांधी परिवार पर जांच की आंच आती है तो इनके नेता ‘लोकतंत्र खतरे में’ का शोर मचाते हैं लेकिन देश की जनता इनका सच जान गई है। जो पार्टी पंचायत से पार्लियामेंट तक राज करती थी, वो आज सत्ता के लिए झटपटा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दिल्ली और राजस्थान में डबल इंजन की सरकार विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है। हमारे प्रधानमंत्री संविधान को सम्मान देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं, वहीं कांग्रेस के नेता केवल संविधान बचाने की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की और बाबा साहब अंबेडकर के जीवन से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ घोषित कर सम्मान दिया। वहीं भाजपा समर्थित केन्द्र सरकार ने ही बाबा साहब को भारत रत्न दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में विपक्ष के नेता बौखलाए हुए हैं और राज्य सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहा है। उन्हें यह जानना चाहिए के राज्य सरकार गरीब, किसान, युवा, महिला के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित कर रही हैं। जनता का विश्वास हमारे साथ है। इसीलिए तो भाजपा ने विधानसभा, पंचायत और निकाय उपचुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन किया।
समारोह में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत, उद्योग राज्यमंत्री के के विश्नोई, सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, राज्ससभा सांसद राजेन्द्र गहलोत, विधायक बाबू सिंह राठौड़, अतुल भंसाली, देवेन्द्र जोशी, अर्जुनलाल गर्ग, भैराराम सियोल सहित लोकतंत्र सेनानी और उनके परिजन एवं बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र सेनानियों को साफा पहनाकर एवं शोल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।